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वास्तु के अनुसार मंदिर घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसलिए वास्तु के अनुसार इस जगह के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। वास्तु की मानें तो घर के उत्तर-पूर्व कोने में पूजा घर होना चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं पूजा घर से जुड़े ऐसे नियम जिन्हें अपनाकर आप अपने मंदिर का वास्तु दोष दूर कर सकते हैं। इसके जरिए आपको पता चलता है कि घर के मंदिर में किस तरह की मूर्ति या तस्वीर रखना शुभ होता है।
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घर में नहीं रखनी चाहिए शनि भगवान की मूर्ति: न्याय के देवता है शनि भगवान। मंदिर में आप इनकी पूजा जरूर करते होंगे। लेकिन ज्योतिषियों की मानें तो घर में इनकी मूर्ति नहीं लगानी चाहिए।
भगवान शिव की नटराज की मूर्ति: दरअसल भगवान शिव की मूर्ति उनके विध्वंशक रुप को दर्शाती है। कहा जाता है कि नटराज रूप में भगवान शिव तांडव करते हैं। इससे इसलिए घर में भगवान शिव की मूर्ति नहीं होनी चाहिए।
देवी लक्ष्मी के खड़ी अवस्था में मूर्ति: घर में देवी लक्ष्मी की खड़ी अवस्था में मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। हो सके तो देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और सरस्वती देवी के बैठे हुए स्वरूप की मूर्ति रखनी चाहिए।
मां काली की मूर्ति ज्योतिषियों की मानें तो घर में मां दुर्गा के विध्वंशक रूप की मूर्ति या तस्वीर घर में नहीं लगानी चाहिए। कहा जाता है कि घर में मां दुर्गा की प्रतिमा लगा सकते हैं।
भगवान भैरव भगवान शिव का प्रतीक हैं। कहा जाता है कि इनकी पूजा तंत्र-मंत्र से होती है। इसलिए घर में इनकी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
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