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बीजेपी शासित राज्य में दलित महिला की काटी गई नाक, सवर्णों के घर में काम करने से किया था मना

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 Bhopal: मध्य प्रदेश के रामराज्य में सवर्णों का वर्चस्व क्या है ये उस राज्य में रहने वाले दलितों से बेहतर इसे कोई नहीं जान सकता। इन दिनों में मध्य प्रदेश में दलितों के साथ ऐसी कई घटनाएं हुईं जब सवर्णों ने उनपर कहर बरपाया।

ताजा घटना मध्य प्रदेश सागर जिले के रेंवझा गांव की है। जहां एक दलित महिला ने सवर्ण का काम करने से इनकार कर दिया। जिसके चलते उसने महिला की नाक काट ली और उसके पति को बुरी तरह से पीट कर लहूलुहान कर दिया गया।

सुरखी थाना प्रभारी आए एस बागरी के मुताबिक, बीते सोमवार को नरेन्द्र सिंह और उसके पिता साहब सिंह ने राघवेन्द्र धानक एवं उसकी पत्नी जानकी को अपने घर पर आने और मजदूरी का काम करने को कहा।

लेकिन जब राघवेंद्र ने काम करने से मना कर दिया तो दोनों बाप और बेटे उन पर भड़क गए। दोनों ने उसे गाली-गलौज देने के साथ-साथ डंडे से पिटाई कर दी। बागरी ने आगे कहा कि, जब जानकी अपने घायल पति को अस्पताल ले जा रही थी, इसी दौरान सोमवार को ही नरेन्द्र एवं साहब ने उसकी नाक काट दी।

नाक काटने की बात उस समय पता चली जब पीड़ित महिला ने मध्य प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े के सामने इस मामले में आरोपियों को सजा दिलवाने की गुहार लगाई।

 थाना प्रभारी बागरी के मुताबिक, शिकायत पर हमने आरोपियों के खिलाफ धारा 323 एवं 324 सहित एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया और उनकी तलाश जारी है। उन्होंने कहा, महिला का इलाज किया जा रहा है। हम उसकी नाक पर हुए जख्म के बारे में चिकित्सकों की रिपोर्ट की प्रतीक्षा में हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

मध्य प्रदेश में दलित उत्पीड़न की यह कोई पहली घटना नहीं है। राज्य में सवर्णों ने दलितों का जीना मुहाल कर रखा। कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के नायसमद गांव में सवर्णों के विरोध के चलते नाइयों ने दलितों के बाट काटने से इनकार कर दिया और दलितों के सौलून में जाने से मना कर दिया। हाल ही में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से मात्र 50 किमी दूर बाराखेरा गांव में दबंगों ने दलितों के टायलेट तोड़ दिए थे।

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