New Delhi: चंद फीसदी हिंदू आबादी वाले पाकिस्तान में भी महाभारत काल के हिन्दू-मंदिर मौजूद हैं। मुल्क के 26 अलग-अलग राज्यों में मां दुर्गा से लेकर हनुमान के मंदिर हैं।
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साल 1947 तक यहां पर लगभग 300 मंदिर थे, मगर साल 1992 में बाबरी मस्जिद विवाद के कारण बहुत से मंदिरों को गिरा दिया गया। इसके बावजूद कुछ मंदिरों पर हर किसी की आस्था बनी हुई है। इन मंदिरों में मुस्लिम और सिख लोग भी जाते है और अपने हिंदू भाइयों के अधिकारों के लिए लड़ते भी है। आइए जानते हैं पाकिस्तान में मौजूद कुछ हिन्दू मंदिरों के बारे में-
हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान:
हिंगलाज माता मंदिर, माता सती का सबसे प्रसिद्ध शक्ति पीठ है। गुफा मंदिर बलूचिस्तान में हिंगोल नदी पर स्थित है और यह 'हिंगलाज देवी' के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर के साथ कुछ पौराणिक कथाएं जड़ी हुई है। एक ओर जहां हिंदु इस मंदिर को 'शक्ति पीठ' या 'देवी मंदिर' कहते है, वहीं दूसरी ओर मुसलमान इसे 'नानी' या 'बीबी नानी' का मंदिर कहते हैं।
कटासराज मन्दिर, पंजाब प्रांत, पाकिस्तान:
यह मंदिर पाकिस्तान में पंजाब के चकवाल जिले में है। और महाभारत के समय से है। ऐसा माना जाता है कि अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान पांड़व यहीं पर आए थे।
और यहां पर वह 4 साल तक रहे। इस मंदिर के बारे में यह बताया जाता है कि एक बार शिव ने सती को खो दिया था जिस वजह से वह बहुत रोए जिस कारण उनके आंसू से वहां एक तालाब बन गया। आज यह मंदिर देश के तबाह राज्य में स्थित है लेकिन ऐसा माना जाता है कि किसी खास दिन इस तालाब में डूबकी लगाने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची:
कराची के सैनिक बाजार में स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर भगवान हनुमान का 1500 साल पुराना मंदिर है। यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
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