New Delhi: लापरवाही का नाम ही पुलिस है। पुलिस हमेशा विवादों में ही घिरी रहती है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि पुलिस अपना काम नहीं करती। आज हम आपको उस महिला पुलिसकर्मी के बारे में बताएंगे जिसने बड़े-बड़े IPS अधिकारी को सलाम ठोंकने पर मजबूर कर दिया।
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इस महिला पुलिस ने पूरी पुलिस टीम का नाम ऊंचा कर लापरवाही का लेबल हटा दिया है। इस महिला पुलिस ने वो कर दिखाया जिसने ये लोगों के बीच अपने एक नेक काम के कारण चर्चा में हैं। दरअसल हुआ यूं कि रास्ते में एक 90 साल का बुजुर्ग परेशान यहां से वहां भटक रहा था। आने जाने वाले हर लोग उसे देख रहे थे लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। लेकिन फिर उसके सामने फरिश्ता बनकर आईं ये महिला पुलिस।
महिला पुलिस का नाम प्रियंका है और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर तैनात थी। इस दौरान उन्हें एक बुजुर्ग घूमते हुए दिखाई दिए। महिला पुलिसकर्मी ने बुजुर्ग से उनके परिशानी का कारण पूछा लेकिन वह बुजुर्ग बेहोश हो गया। होश में आने पर भी उन्हें कुछ याद नहीं था। इसके बाद उनके जेब की जब तलाशी ली गई तो पुलिसकर्मियों को डॉक्टर की एक पर्ची, रेल टिकट और कुछ रुपए मिले। पर्ची से मालूम हुआ कि बुजुर्ग का नाम 90 साल रामनाथ है। रेल का टिकट इटावा से आने वाली ट्रेन का था।
इसके बाद महिला सब इंस्पेक्टर ने डॉक्टर की पर्ची पर दर्ज नंबर पर फोन कर डॉक्टर से बात की। हुलिया बताने पर डॉक्टर ने बुजुर्ग को पहचान लिया और बताया कि वह डायबीटिज के मरीज हैं। साथ ही डॉक्टर ने बुजुर्ग के गांव का नाम भी बताया जो कालपी के पास था। गांव के नाम के सहारे प्रियंका ने संबंधित थाने के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद बुजुर्ग के परिजनों से बात कर उन्हें परिजनों को सौंप दिया। इस बात की जानकारी एक फेसबुक पोस्ट पर दी गई। जिसमें महिला पुलिसकर्मी के इस नेक काम की तारीफ की गई है।
जांच में मालूम हुआ कि बुजुर्ग रामनाथ दिल्ली अपने नेत्रहीन बेटे से मिलने आए थे। उनका बेटा 50 साल नाथू राम दिल्ली के स्कूल में पढ़ाते हैं। बुजुर्ग 6 जुलाई को एक रिश्तेदार के साथ अपने बेटे से मिलने दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनका बेटा नाथूराम उन्हें लेने आया था। इस दौरान बुजुर्ग बेटे से बिछड़ गए। इसके बाद वह पुरानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में तीन दिन तक भटकते रहे।
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