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ये शानदार किले जो कभी हुआ करते थे भारत की शान

New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर आतंकवाद को लेकर चर्चा रहती है। भारत और पाकिस्तान में कई ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं जहां लाखों लोग घूमने आते हैं।

     आपको बता दें पाकिस्तान में कईं ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं जो पहले कभी में हुआ करते थे। आज हम यहां पाकिस्तान के किले के बारे में बता रहे हैं जो पहले कभी भारत में थे।

1. दरावड़ का क़िला

डेरा नवाब साहिब, बहावलपुर

बहावलपुर के डेरा नवाब साहिब से 48 किमी दूरी पर दरावड़ का क़िला है। इसके 40 गढ़ हैं, जो चोलिस्तान रेगिस्तान में कई मील दूर से ही दिखाई देता है। इस किले की दीवारें 30 मीटर ऊंची और इसका घेरा 1500 मीटर है। इस किले को जैसलमेर के राजपूत राय जज्जा भाटी ने बनवाया था। 1733 में बहावलपुर के नवाब के इस पर कब्जा करने से पहले ये जैसलमेर की रॉयल फैमिली का महल हुआ करता था। इसमें बहावलपुर के नवाब और उनकी फैमिली का मकबरा मौजूद है।

 

2. अल्तीत फोर्ट

हुंजा वैली, गिलगित-बल्टिस्तान

पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बल्टिस्तान की हुंजा वैली के करीमाबाद में ये अल्तीत फोर्ट मौजूद है। ये हुंजा स्टेट के राजाओं का किला था, जो मीर टाइटल लगाते थे। माना जाता है कि ये किला 900 साल पुराना है, जिसके चलते इसे गिलगित-बल्टिस्तान का सबसे पुराना मॉन्युमेंट माना जाता था। ये किला जर्जर हालत में पहुंच गया था, लेकिन आगा खान ट्रस्ट ने नार्वे और जापान की मदद से इसे दुरुस्त कर दिया। इस किले को आम लोगों के लिए 2007 में ओपन कर दिया गया।

 

3. सादिक गढ़ पैलेस

डेरा नवाब साहिब, बहावलपुर

बहावलपुर जिले के डेरा नवाब साहिब में मौजूद सादिक गढ़ पैलेस पाकिस्तान के मशहूर किलो में से है। इस किले को 1882 में बहावलपुर के राजा नवाब सादिक मुहम्मद खान ने बनवाया था। इस किले को बनाने में 10 साल का समय लगा था और इसको बनाने में 15 लाख रूपए लगे थे। इसके हर कोने पर बुर्ज बने हैं और बीच में खूबसूरत डोम है। ये पैसेल कैंपस में चारों तरफ दीवारों और गार्डन से घिरा।

4. रोहतास फोर्ट

दीना टाउन, झेलम

इस किले को राजा शेह शाह सूरी ने 540 से 1547 के बीच बनवाया था। यह किला झेलम शहर के दीना टाउन के पास मौजूद है। सूरी ने लोकल ट्राइब पोटोहर यानी गाखर्स को कुचलने के लिए बनवाया था। असल में शेर शाह सूरी गाखर्स से डरता था और उनसे अपना सिंहासन बचाने के लिए किला बनवाया था। इसमें मजबूत गढ़ के साथ किले की सीढ़ीदार दीवार और 12 गेट्स हैं। 30 हजार लोगों ने इसे 8 साल में तैयार किया था। बाद में इसे मुगल शासक अकबर और सिखों ने भी इस्तेमाल किया।

 

5. फैज महल

खैरपुर, सिंध

सिंध के खैरपुर में मौजूद फैज महल पाकिस्तान के खूबसूरत महलों में से एक है। इस पैसेल का इतिहाल 200 साल पुराना है। इसे खहीरपुर की शाही फैमिली तालपुर मीर ने 1798 में बनवाया था। खैरपुर रईस मीरों का शहर था, जिन्होंने कई मॉन्युमेंटल बिल्डिंग्स बनवाई हैं। इस पैलेस को अरम गढ़ के नाम से भी जानते हैं। इसका कंस्ट्रक्शन और आर्टवर्क मुगल के स्टाइल का है।

  

6. नूर महल, बहावलपुर

नूर महल का निर्माण ब्रिटिश राज में बहावलपुर के नवाब ने करवाया था। 1872 में इसे इटली के महल की तरह बनवाया गया था। नवाब सुबह सादिक ने इसे अपनी वाइफ के लिए बनवाया था। उनकी वाइफ ने इस महल में सिर्फ एक रात गुजारी थी।उन्होंने अपनी बाल्कनी से कब्रिस्तान देखने के बाद दूसरी रात गुजारने से मना कर दिया था। ऐसे में उनके राज के दौरान इस किले का इस्तेमाल ही नहीं हुआ। अब ये पाकिस्तानी आर्मी की प्रॉपर्टी है और इसका इस्तेमाल स्टेट गेस्ट हाउस के लिए किया जाता है।

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