Jaipur: मारवाड़ का पूर्व राजघराना इन दिनों खास चर्चा में हैं। 12 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति वाला ये राजघराना हर साल 8 करोड़ रुपए कमाता है।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि पूर्व राजघराने ने वैल्थ टैक्स से बचने के लिए मेहरानगढ़ किला अपने ही ट्रस्ट को करीब 100 रुपए के सालाना किराए पर दे रखा है। इससे भी अधिक हैरानी की बात ये है कि किराएदार बना हुआ मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट इसी किले से हर साल आठ करोड़ रुपए से ज्यादा कमा रहा है।
ये किराया आज से करीब 42 साल पहले तय किया गया था। 1992 में जब दोबारा लीज एग्रीमेंट बना तब भी किराया नहीं बढ़ाया गया। बता दें कि इस किले का मालिकाना हक पूर्व राजघराने के पास है, लेकिन यह शेड्यूल-ए कैटेगरी की प्रॉपर्टी है इसलिए इसे बेचा नहीं जा सकता।
यह ट्रस्ट को सौंपा जा चुका है, इसलिए इस पर वैल्थ टैक्स भी नहीं लगता। अब चूंकि, किले से कमाई का जरिया निकालना था इसलिए ट्रस्ट ने तीन तरह से पैसा लेना शुरू किया। पहला तरीका लाइसेंस फीस के तौर पर। यानी किले में हस्तशिल्प कलाकारों को जगह देकर वसूला गया।
इसके अलावा यहां शूट होने वाली फिल्मों से लोकेशन फीस वसूली जाती है। किला डिनर पार्टी के रूप में किराए पर भी दिया जाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि चूंकि ट्रस्ट मूल मकसद से हटकर बिजनेस कर रहा है, इसलिए उसे इनकम टैक्स तो देना होगा।
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