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सरस्वती जी के 108 मंत्र के इस जाप से बल बुद्धि विद्या की प्राप्ति होती है..

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NEW DELHI: देवी सरस्वती हिन्दू धर्म की देवी हैं। इन्हें साहित्य, कला और स्वर की देवी माना जाता है। हर वर्ष की माघ शुक्ल पंचमी अर्थात वसंत पंचमी को देवी सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

    भगवान श्री कृष्ण ने सर्वप्रथम सरस्वती जी की पूजा अर्चना की थी। मां सरस्वती के पूजन के समय यह श्लोक पढ़ने से मां की असीम कृपा प्राप्त होती है। शक्तिशाली सरस्वती मंत्र एक शानदार स्मृति को विकसित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

यह मंत्र छात्रों, डॉक्टर, वकील और सभी बुद्धिजीवियों के लिए बहुत उपयोगी है, देवी के चमत्कारी मंत्रों का जाप करने से वो शीघ्र फल देती हैं। सामान्य दिनों में भी इन मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ होता है। जानिए मां सरस्वती के 108 नाम व मंत्र

माता सरस्वती के 108 नाम व मंत्र

नाम मंत्र'

1 सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः।

2 महाभद्रा ॐ महाभद्रायै नमः।

3 महामाया ॐ महमायायै नमः।

4 वरप्रदा ॐ वरप्रदायै नमः।

5 श्रीप्रदा ॐ श्रीप्रदायै नमः।

6 पद्मनिलया ॐ पद्मनिलयायै नमः।

7 पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।

8 पद्मवक्त्रगा ॐ पद्मवक्त्रायै नमः।

9 शिवानुजा ॐ शिवानुजायै नमः।

10 पुस्तकधृत ॐ पुस्त कध्रते नमः।

11 ज्ञानमुद्रा ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः।

12 रमा ॐ रमायै नमः।

13 परा ॐ परायै नमः।

14 कामरूपा ॐ कामरूपायै नमः।

15 महाविद्या ॐ महाविद्यायै नमः।

16 महापातक नाशिनी ॐ महापातक नाशिन्यै नमः।

17 महाश्रया ॐ महाश्रयायै नमः।

18 मालिनी ॐ मालिन्यै नमः।

19 महाभोगा ॐ महाभोगायै नमः।

20 महाभुजा ॐ महाभुजायै नमः।

21 महाभागा ॐ महाभागायै नमः।

22 महोत्साहा ॐ महोत्साहायै नमः।

23 दिव्याङ्गा ॐ दिव्याङ्गायै नमः।

24 सुरवन्दिता ॐ सुरवन्दितायै नमः।

25 महाकाली ॐ महाकाल्यै नमः।

26 महापाशा ॐ महापाशायै नमः।

27 महाकारा ॐ महाकारायै नमः।

28 महाङ्कुशा ॐ महाङ्कुशायै नमः।

29 सीता ॐ सीतायै नमः।

30 विमला ॐ विमलायै नमः।

31 विश्वा ॐ विश्वायै नमः।

32 विद्युन्माला ॐ विद्युन्मालायै नमः।

33 वैष्णवी ॐ वैष्णव्यै नमः।

34 चन्द्रिका ॐ चन्द्रिकायै नमः।

35 चन्द्रवदना ॐ चन्द्रवदनायै नमः।

36 चन्द्रलेखाविभूषिता ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः। 37 सावित्री ॐ सावित्र्यै नमः।

38 सुरसा ॐ सुरसायै नमः।

39 देवी ॐ देव्यै नमः।

40 दिव्यालङ्कारभूषिता ॐ दिव्यालङ्कारभूषितायै नमः। 41 वाग्देवी ॐ वाग्देव्यै नमः।

42 वसुधा ॐ वसुधायै नमः।

43 तीव्रा ॐ तीव्रायै नमः।

44 महाभद्रा ॐ महाभद्रायै नमः।

45 महाबला ॐ महाबलायै नमः।

46 भोगदा ॐ भोगदायै नमः।

47 भारती ॐ भारत्यै नमः।

48 भामा ॐ भामायै नमः।

49 गोविन्दा ॐ गोविन्दायै नमः।

50 गोमती ॐ गोमत्यै नमः।

51 शिवा ॐ शिवायै नमः।

52 जटिला ॐ जटिलायै नमः।

53 विन्ध्यवासा ॐ विन्ध्यावासायै नमः।

54 विन्ध्याचलविराजिता ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः।

55 चण्डिका ॐ चण्डिकायै नमः।

56 वैष्णवी ॐ वैष्णव्यै नमः।

57 ब्राह्मी ॐ ब्राह्मयै नमः।

58 ब्रह्मज्ञानैकसाधना ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः।

59 सौदामिनी ॐ सौदामिन्यै नमः।

60 सुधामूर्ति ॐ सुधामूर्त्यै नमः।

61 सुभद्रा ॐ सुभद्रायै नमः।

62 सुरपूजिता ॐ सुरपूजितायै नमः।

63 सुवासिनी ॐ सुवासिन्यै नमः।

64 सुनासा ॐ सुनासायै नमः।

65 विनिद्रा ॐ विनिद्रायै नमः।

66 पद्मलोचना ॐ पद्मलोचनायै नमः।

67 विद्यारूपा ॐ विद्यारूपायै नमः।

68 विशालाक्षी ॐ विशालाक्ष्यै नमः।

69 ब्रह्मजाया ॐ ब्रह्मजायायै नमः।

70 महाफला ॐ महाफलायै नमः।

71 त्रयीमूर्ती ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः।

72 त्रिकालज्ञा ॐ त्रिकालज्ञायै नमः।

73 त्रिगुणा ॐ त्रिगुणायै नमः।

74 शास्त्ररूपिणी ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः।

75 शुम्भासुरप्रमथिनी ॐ शुम्भासुरप्रमथिन्यै नमः।

76 शुभदा ॐ शुभदायै नमः।

77 सर्वात्मिका ॐ स्वरात्मिकायै नमः।

78 रक्तबीजनिहन्त्री ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः।

79 चामुण्डा ॐ चामुण्डायै नमः।

80 अम्बिका ॐ अम्बिकायै नमः।

81 मुण्डकायप्रहरणा ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः।

82 धूम्रलोचनमर्दना ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः।

83 सर्वदेवस्तुता ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः।

84 सौम्या ॐ सौम्यायै नमः।

85 सुरासुर नमस्कृता ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः।

86 कालरात्री ॐ कालरात्र्यै नमः।

87 कलाधारा ॐ कलाधारायै नमः।

88 रूपसौभाग्यदायिनी ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः।

89 वाग्देवी ॐ वाग्देव्यै नमः।

90 वरारोहा ॐ वरारोहायै नमः।

91 वाराही ॐ वाराह्यै नमः।

92 वारिजासना ॐ वारिजासनायै नमः।

93 चित्राम्बरा ॐ चित्राम्बरायै नमः।

94 चित्रगन्धा ॐ चित्रगन्धायै नमः।

95 चित्रमाल्यविभूषिता ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः।

96 कान्ता ॐ कान्तायै नमः।

97 कामप्रदा ॐ कामप्रदायै नमः।

98 वन्द्या ॐ वन्द्यायै नमः।

99 विद्याधरसुपूजिता ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः।

100 श्वेतासना ॐ श्वेतासनायै नमः।

101 नीलभुजा ॐ नीलभुजायै नमः।

102 चतुर्वर्गफलप्रदा ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः।

103 चतुरानन साम्राज्या ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः।

104 रक्तमध्या ॐ रक्तमध्यायै नमः।

105 निरञ्जना ॐ निरञ्जनायै नमः।

106 हंसासना ॐ हंसासनायै नमः।

107 नीलजङ्घा ॐ नीलजङ्घायै नमः।

108 ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका ॐ ब्रह्मविष्णुशिवान्मिकायै नमः।

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सरस्वती जी के 108 मंत्र के इस जाप से बल बुद्धि विद्या की प्राप्ति होती है..

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