अग्निपथ हरिवंशराय बच्चन (१९०७-२००३) वृक्ष हो भले खडे, हों घने, हों बडे, एक पत्र छाहं भी, मांग मत, मांग मत, मांग मत, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ | तू न थकेगा कभी, तू न थमेगा कभी, तू न मुडेगा कभी, कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ | यह महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है, अश्रु, स्वेद, रक्त से, लथपथ, लथपथ, लथपथ, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ | कविता का सारांश प्रस्तुत कविता