भगवान कृष्ण को पूर्णावतार कहा गया हैं. भगवान विष्णु के नौ अवतारों में भगवान कृष्ण प्रेम , ज्ञान, राजनीति ,वीरता ,का अद्भुत समावेश हैं. कृष्ण की इन्ही पूर्ण लीलाओ को दर्शाता वृन्दावन का प्रेम मंदिर (Prem Mandir Vrindavan Dham) एक अलौकिक धाम हैं.जगद्गुरु कृपालु महाराज ने इस मंदिर की स्थापना की .इस मंदिर के निर्माण में नीव का पहला पत्थर कृपालु महाराज जी ने रखा था.
1000 शिल्पकारों ने अपने 11 वर्ष की मेहनत करके इस आकर्षक मंदिर का निर्माण किया .मंदिर के निर्माण में सफ़ेद इटालियन संगमरमर का प्रयोग हुआ हैं.मंदिर का श्रेत्रफल पूरे 54 एकड़ में फैला हुआ हैं. मंदिर की ऊंचाई 125 फुट ,चौड़ाई 125 फुट , लम्बाई 122 फुट हैं. मंदिर बाल कृष्ण की अद्धभूत और अलौकिक लीलाओ का अनुपम स्थान हैं.
Prem Mandir Vrindavan Dham
वृन्दावन का पावन प्रेम मंदिर (Prem Mandir Vrindavan Dham)भगवन कृष्ण की मनोरम लीलाओ का एक जीवंत केंद्र हैं.मंदिर के निर्माण कार्य में जगद्गुरु कृपालु महाराज का योगदान सराहनीय हैं,मंदिर की आधारशीला में नीव की पहली ईंट कृपालु महाराज जी ने ही रखी. राधा कृष्ण की दिव्य और अलौकिक लीलाओ को जीवंत करता यह प्रेम मंदिर 1000 शिल्पकारों की अथक प्रयासों से मिलकर 11 वर्षो में तैयार हुआ.
मंदिर में राधा कृष्ण की बाल लीलाओ की अनुपम झाकियाँ यहाँ आने वाले हर भक्त का मन आकृष्ट कर देती हैं. मंदिर में राधा कृष्ण की लीलाओ के साथ कृपालु महाराज की भी विविध झाँकियो का भी चित्रांकन किया गया हैं. मंदिर (Prem Mandir ) में आकर्षण का अन्य केंद्र गोपियों को सजीव करते उनके चित्रों से उकेरे गए खम्बे हैं.मंदिर में संगमरमर की शिलाओं पर राधा गोविन्द गीत को बहुत उत्कृष्ट तरीके से सरल भाषा में लिखा गया हैं.मंदिर की उत्कृष्ट शिल्पकला और वास्तुकला बहुत भव्य और आकर्षक हैं.
Best month to visit Vrindavan Prem Mandir
किसी दैवीय नगर जैसे स्वप्न सरीखा प्रेम मंदिर वृन्दावन के पावन और अलौकिक धाम में से एक हैं, मंदिर की साज सजावट और कृष्ण की मनोहर झाकियाँ ऐसी सजीव होती हैं मानो कृष्ण साक्षात् हमारे सामने दैवीय लीला कर रहे हो.प्रेम के सुन्दर प्रतीक के रूप में बना यह मंदिर आपने आकर्षण से सभी का मन अपनी और आकृष्ट कर लेता हैं.
प्रेम मंदिर जैसी अमूल्य निधि को बनाने में 11 वर्षो का समय लगा जिसमे राजस्थान के 1000 शिल्पकारों ने प्रेम मंदिर के दिव्य आकार को देने में अपनी उत्कृष्टता का परिचय दिया . वैसे तो प्रेम मंदिर के दर्शन के लिए आप कभी भी इसका भ्रमण कर सकते हो . पर मार्च और नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त हैं. इसके अलावा आप इस मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर भी आ सकते हैं, जन्माष्टमी के पावन मौके पर पर प्रेम मंदिर की शोभा देखने लायक होती हैं, इस मौके पर यहाँ रास का भी क्रायक्रम आयोजित किया जाता हैं.
Best month to visit Vrindavan
हिन्दुओ के लिए वृन्दावन एक (best time to visit Vrindavan) पावन और पवित्र धाम हैं. कृष्ण की पावन यह नगरी मानो स्वर्ग से उतरा कोई दैवीय स्थान जो सदा के लिए इस भूमण्डल में विराजमान हो गया हो. कृष्ण के मंदिरो से सजा हर कोना कृष्णमय प्रतीत होता हो.
उत्तर भारत के बाकि राज्यों की तरह यहाँ का भी मौसम ग्रीष्म , शीत और वर्षा ऋतू में उत्तर भारत के बाकि राज्यों की तरह ही हैं पर यदि आप वृंदावन में भ्रमण के लिए जा रहे हो जो उपयुक्त समय हैं, वह हैं
ग्रीष्मकाल April से June
मानसून July से Sep
शीतकाल October से March
Prem Mandir Vrindavan fountain show timings
प्रेम मंदर में स्थित फुव्वारो( Prem Mandir Vrindavan Fountain Show timings) का आकर्षण भी अत्यंत मनोरम हैं,लेकिन इन फुव्वारो की शोभा रात में ही देखने लायक हैं . ये सारे संगीतमय फुव्वारे का आकर्षण रात में देखने को मिलता हैं,ये सारे फुव्वारे राधा कृष्ण के भजन संगीत पर घूमते हैं जो बहुत ही सुन्दर और अनुपम प्रतीत होता हैं.
Prem Mandir Vrindavan timing
प्रेम मंदिर वृन्दावन में प्रवेश का समय इस प्रकार से हैं.-
ग्रीष्मकाल
प्रात:काल : 08:30 से 12:00 दोपहर
संध्याकाळ : 04:30 से 08:30 रात्रि
शीतकाल
प्रात: काल : 08:30 से 12:00 अपराह्न
संध्याकाल आरती : अपराह्न 04:30 से 08:30 रात्रि
कृष्ण के पावन धाम वृन्दावन का यह अनोखा प्रेम मंदिर प्रेम की अनूठी अभिव्यक्ति हैं. यहाँ आने वाले हर भक्त का मन मंदिर के अद्धभूत सरंचना और प्रेममयी वातारवरण से गुंजायमान हो उठता हैं. कृष्ण की अनोखी लीलाओ से इस मंदिर का कोना कोना सजा हुआ हैं. जो भक्तो के मन को कृष्ण की भक्ति और प्रेम से भर देता हैं. मंदिर की उत्कृष्ट और अलौकिक संरचना प्रेम मंदिर में आने पर विवश कर देती हैं.
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