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शनि की होगी कृपा :करे शनि जयंती पर शनि का स्मरण

इस वर्ष शनि जयंती 15 मई 2018 (Date Of Shani Jayanti 2018) को मनाई जाएगी.न्याय के देवता के रूप में प्रसिद्द शनि देव को न्यायकारी देवता के रूप में माना जाता हैं. शनि देव सभी जीवो को उनके कर्मानुसार न्याय देते हैं, वे उसमे भेद नहीं करते , शनि देव भगवन सूर्य के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया हैं,

शनि देव के प्रकोप से सभी घबराते हैं, चाहे वे देवता हो या आम इंसान .क्यूकि शनि न्याय के देव हैं . वे हमें हमारे अच्छे या बुरे कर्मो का फल अवश्य प्रदान करते हैं. शनि देव की कृपा हो तो रंक भी राजा बन जाता हैं , और शनि अगर कुपित हो जाये ,तो राजा को भी रंक बनते देर नहीं लगती.

शनि देव जन्म कथा

शनि देव (Shani Jayanti) की जन्म कथा के विषय में जो कथा हैं ,वह इस प्रकार हैं, सूर्य देव का विवाह संज्ञा के साथ हुआ , संज्ञा से उन्हें मनु , यम( मृत्यु के देवता ) और यमुना संतान के रूप में प्राप्त हुयी. शनि की पत्नी संज्ञा बहुत महान स्त्री थी, पर वह सूर्य देव के ताप को सहन को सहन नहीं कर पायी, और उसने अपने प्रतिरूप के रूप में देवी छाया को वह छोड़ा और संज्ञा अपने पिता के घर चली गयी. देवी छाया देवी संज्ञा से इतनी मिलती जुलती थी, की सूर्य देव उस पर संदेह न कर सके और देवी छाया के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ,

शनि देव जब माँ छाया के गर्भ में थे तो ,देवी छाया ने भगवान शिव की बहुत कड़ी तपस्या की जिसके फलस्वरूप शनि देव (Shani Jayanti) का रंग गर्भ में ही काला हो गया , शनि देव के जन्म के बाद जब सूर्य देव ने उनके प्रथम दर्शन किये तो वे नाराज हो गए , उन्होंने माता छाया को कहा की क्या शनि देव उन्ही के पुत्र हैं, यह जानकर शनि देव ने अपने पिता पर दृष्टि डाली और शनि के दृष्टि डालने के फलस्वरूप सूर्य देव झुलस गए,इस अपराध के कारण सूर्य देव को बहुत पछतावा हुआ , और उन्होंने शिव भगवान की आराधना की.

what to do on Shani Jayanti

शनि जयंती ( Shani Jayanti) शनि का जन्मोत्सव पर्व होता हैं. शनि जयंती के दिन शनि की कृपा प्राप्त करने हेतु कुछ सरल से उपाय हैं, जिन्हे करने से आप शनि की कृपा के पात्र बन सकते हैं. शनि जयंती के दिन(what to do on shani jayanti) जो उपाय करने चाहिए वो इस प्रकार हैं.

शनि जयंती ( Shani Jayanti ) के दिन शनि से सम्बंधित चीजों जैसे काले तिल, काला उड़द , काली राई , लौह से सम्बंधित वस्तुए , शनि जयंती के दिन दान करना चाहिए.

शनि जयंती(Shani Jayanti) के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दिया जलाकर जल चढ़ाये और इस मंत्र का जाप करे
“ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम, छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम ”

शनि जयंती (Shani Jayanti )पर शनि देव को सरसो तेल चढ़ाये .

शनि जयंती ( Shani Jayanti) के दिन काली गाय की पूजा का विशेष महत्व होता हैं , गाय को गुड़ खिलाये और उसकी पूजा करे.

शनि जयंती ( Shani Jayanti) के दिन काले घोड़े की नाल या नाव की कील से बनी लोहे की अंगूठी मध्यमा ऊँगली में धारण करे.

शनि जयंती( Shani Jayanti) के दिन से लेकर सात शनिवार तक चीटियों को काले तिल ,आटा, और शक्कर मिलकर खिलाये .

शनि जयंती( Shani Jayanti) के दिन लोहे का त्रिशूल , महाकाल शिव , महाकाली के मंदिर में दान करे .

धन सम्बन्धी वृद्धि के लिए शनिवार(Shani Jayanti) के दिन गेहू के साथ काले चने मिलकर पिसवाएं .

शनि जयंती( Shani Jayanti) के दिन उड़द की खिचड़ी को काले नमक के साथ मिलकर खाये , इससे शनि से होने वाले कष्टों में कमी आएगी.

शनि हनुमान( Shani Jayanti) जी के भक्तो को कभी कष्ट नहीं पहुंचाते ,इसलिए शनि जयंती हो या शनिवार का दिन नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ बजरंग बाण का पाठ करे .

Shani Jayanti Puja Timings

शनि जयंती ( Shani Jayanti) को शनि अमावस्या के तौर पर भी जाना जाता हैं.शनि जयंती ( Shani Jayanti) के दिन शनि भगवान का जन्म हुआ माना जाता हैं.ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता हैं.

शनि देव सूर्यदेव के पुत्र के रूप में और एक न्यायाधीश के रूप में जाने जाते हैं. शनि जयंती को पूजा का समय और तिथि इस प्रकार हैं.

अमावस्या तिथि शुरू = 19:46 14/May/2018
अमावस्या तिथि समाप्त = 17:17 15/May/2018

शनि अमावस्या

अमावस्या की तिथि को दान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता हैं , वर्ष में अमावस्या की तिथि को दान की दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं. लेकिन अमावस्या की तिथि को यदि शनिवार तो ऐसी तिथि को बहुत पुण्यवान माना जाता हैं. शनि अमावस्या(Shani Amavasya) का दिन दान शनि देव की पूजा अर्चना , व्रत के लिए बहुत ही सर्वोत्तम माना जाता हैं.

शनि अमावस्या(Shani Amavasya के दिन हनुमान चालीसा बजरंग बाण का पाठ शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अवश्य किया जाना चाहिए. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए स्वयं राजा दशरथ ने शनि स्त्रोत लिखा था, शनि देव ने राजा दशरथ से प्रसन्न होकर उन्हें यह आशीष दिया की शनि स्त्रोत का पाठ करने वालो पर में हमेशा प्रसन्न होऊंगा .

शनि देव (Shani Jayanti) सभी नौ मुख्य ग्रहो में प्रमुख गृह हैं. शनि की चाल बहुत धीमी हैं , वह एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं.शनि जयंती के दिन किया गया दान शनि से सम्बंधित सारे कष्टों को दूर करते हैं. शनि देव का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ हैं. शनि देव काले वस्त्र धारण करते हैं.न्याय के रूप में प्रसिद्ध शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मो के अनुसार उचित फल देते हैं .

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