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मुनिया: वक्त के आइने में


1-अरे चुप
क्यों रोती हो
अब क्या खून पिओगी
पी लो
जी भर लो
जीभ इतनी लंबी थी
तो अमीर घर जाती
यहां क्यों टपक गई


2-नवाबजादी
बहुत हो गया
किताब छोड़ो
झाड़ू उठाओ
कलक्ट्री नहीं करनी
काम पर लग जाओ

3-बेहया
घर के अंदर आओ
पैर काबू में रखो
नहीं तो काटना होगा
बाप रे बाप
मेरे नसीब में ही रखी थी
कुलच्छिनी.............




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