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'वोट की चोट' का मर्म समझें चित्रांश बंधु :सिद्धार्थ नाथ सिंह

 --अयोध्‍या के राम कालीन  चित्रगुप्‍त मंदिर का भी भव्‍य निर्माण हो

स्‍वर्ण जयंती के अवसर पर सम्‍मानितों  में धारा 370 हटाने का विधेयक 
 बनाने वाले वाले 
आर के रायजादा एड भी.शामिल थे।

आगरा: प्रदेश के पूर्व  स्‍वास्‍थ्‍य  मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि अब अपने अतीत की गौरवमयी स्‍मृतियों पर आत्‍ममुग्‍ध होने का वक्‍त नहीं 'बोट की चोट' की तैयारी का दौर है,कायस्‍थ समाज को इसके लिये संगठित होकररण नीति बनानी पडेगी। वह श्री चित्रगुप्‍त  परिषद ,आगरा के सूरसदन में 25दिसम्‍बर 2022 में आयोजित कार्यक्रम को मुख्‍यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि जबअतीत की याद करें तो इस तथ्‍य को भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिये कि उ प्र विधान मंडल के सदनों में समज के 55विधायक हुआ करते थे,लेकिन अब यह संख्‍या केवल पांच रह गयी है।

रामपुर सीट से हुए उपचुनाव में  श्री अशोक सक्‍सेना की जीत का

उल्‍लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कायस्‍थों ने हमेशा बडी और कठिन चुनौतियों को ही स्‍वीकारा है, रामपुर की तरक्‍की और सामाजिक संभाव को आधात पहुंचाते रहने वाली राजनैतिक ताकतों को हतोत्‍साहित करने करने को दृष्‍टिगत उपचुनाव में मिली उपलब्‍धि  से कायस्‍थ अपने को जोडकर देख सकते हैं। 

अयोध्‍या का चित्रगुप्‍त मंदिर

वरिष्‍ठ सामज सेवी  श्री हरीश सक्‍सेना 'चिमटी' ने कहा अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण और राम कथा से जुडे स्‍थलों विकास उ प्र शासन के सांस्‍कृतिक विभाग का एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण लक्ष्‍य है किन्‍तु यह तभी पूर्ण माना जायेगा जबकि अयोध्‍या के चित्रगुप्‍त महाराज के मंदिर का भी उसके प्राचीन स्‍वरूप के अनुरूप निर्माण हो। पौराणिक दृष्‍टांट का उल्‍लेख करते हुए  याद दिलाया कि 'भूल वश ' राम के राजतिलक समारोह में चित्रगुप्‍त जी को निमंत्रण नहीं पहुंचा था । सम्‍मान के विरूद्ध हुए इस कार्य से आहत हो उन्‍होंने 'कलम' रख दी। कलम की चोट को अयोध्‍या के राजा ने तत्‍काल समझ लिया  था और स्‍वयं श्री
चित्रगुप्‍त जी के पास शिष्‍टाचार की इस भूल के लिये मिलने पहुंचे थे। दीपावली के दिन घटी इस घटना को समाज के लोग अब तक याद कर कलम रख देते है और राम के चित्रगुप्‍त जी से मुलाकात के दिन '  द्विज ' पर  ही दिन उठाते हैं। 

कायस्‍थ गौरव का सम्‍मान डा भीमराव अम्‍बेडकर वि वि की कुलपति प्रो.आशुरानी ,उपायुक्‍त पल्‍लव सक्‍सेना, सुप्रीम कोर्ट के अपर महाधिवक्‍ता आर के रायजादा श्‍हर के लोगों कई प्रबुद्धों को उनके समाज के प्रति रहे योगदान के लिये सम्‍मानित किया।

कायस्‍थ गौरव सम्‍मान से सर्व सुशील सरित, राजीव सक्‍सेना, डा.अतुल श्रीवास्‍तव, हर्ष सक्‍सेना (आई एफ एस)शिशिर अस्‍थाना, डा  अमित श्रीवास्‍तव, श्री कांत कुलश्रेष्‍ठ एडा.को नवाजा गया। 

कार्यक्रम की अध्‍यक्षता परिषद के अध्‍यक्ष डा.सुभाष सक्‍सेना ने की। महिला शाखा अध्‍यक्ष श्रीमती क्षमा जैन सक्‍सेना के नेतृत्‍व में समाज की महिलाओं ने श्री चित्रगुप्‍त महाराज की महाआरती की।

शिक्षाविद् अखिलेश कुलश्रेष्‍ठ ने मेधावियों का सम्‍मान किया । समारोह में समयज के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रब(त्‍ति वितरित की गयी । समारोह में समाज के दस बृद्धजनों का भी सम्‍मान किय ।बच्‍चों ने सांस्‍कृतिक प्रस्‍तुतियां दीं।

स्‍वर्ण जयंती महोत्‍सव में विधायक डा सिद्धार्थ नाथ सिंह ने स्‍वर्णजयंती  अवसर पर प्रकाशित स्‍मारिक ' स्‍वर्ण कलश' का विमोचन किया। इसी अवसर पर सामाजिक संस्‍था वेव साइट (www.chitraguptsamaj.com )को औपचारिक रूप से अपलोड किया। 

मुख्‍यातिथि श्री सिद्धार्थ नाथ
के साथ श्रीमती प्रतिभा स्‍वरूप

अब परिषद नहीं सामाजिक संस्‍था

श्री चित्रगुप्‍त परिषद की स्‍थापना के स्‍वर्ण जयंती कार्यक्रम के अवसर पर संस्‍था का नाम बदलने की आधकारिक घोषणा की गयी। परिषद के अध्‍यक्ष डा सुभाष सक्‍सेना ने सूर सदन में आयोजित श्र चित्रगुप्‍त परिषद के स्‍वर्णजयंती कार्यक्रम के अवसर पर मच से दिये गये अपने अध्‍यक्षीय भाषण में कहा कि सोसायटी रिजस्‍ट्रेशन नियमों में हुए परिवर्तन के कारण गैर सरकारी संस्‍थाओं के नाम के साथ परिषद शब्‍द इस्‍तेमाल नहीं किया जा सकता फलस्‍वरूप चित्रगुप्‍त संस्‍था का नाम परवर्तित कर श्री चित्रगुप्‍त सामाजिक परिषद कर दिया गया है। इसी नाम से संस्था का नीवीनीकरण हुआ है।उन्‍होंने बताया कि संस्‍था का काम काज पूरी तरह से पारदर्शी है,अधिकांश जानकारियां संस्‍था की वेव साइट पर अपलोड हैं।सर्वश्री रजत अस्‍थाना, सुशील श्रीवास्‍तव, शशि शिरोमणी,डा अशोक शिरोमणी, अनिल श्रीवास्‍तव,नितिन जौहरी, संजीव कुमार सक्‍सेना, पंकज सक्‍सेना, सी पी श्रीवास्‍तव, बी एस सक्‍सेना, हेमेन्‍द्र कुलश्रेष्‍ठ ,रमेश,श्रीमती प्रतिभा स्‍वरूप श्रीवास्‍तव,अभिनभ कुलश्रेष्‍ठ, अंशुल कुलश्रेष्‍ठ, सुभाष बाबू सक्‍सेना, माध्‍वी कुलश्रेष्‍ठ, विशाल सक्‍सेना आदि चित्रांशियों की सहभागिता रही।





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