वरिष्ठ कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी ने कांग्रेस में अपना भविष्य न नज़र आते देख पासा पलट ही डाला और वह बीजेपी में पहुँच ही गईं। इससे काफी समय से उनके पार्टी छोडने की अटकलें वास्तविकता में बदल गई । उनकी सबसे बड़ी कांग्रेस से नाराज़गी थी शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया जाना। क्लासिक तरह से पार्टी छोड़ने से पूर्व उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्वता पर तीखा प्रहार करते हुए कहा
कि वह नेतृत्व करने में विफल रहे और अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में छलांग लगा डाली। अपने स्वार्थ के लिए वह भूल गईं कि आने वाले चुनाव में लखनऊ कैंट के वोटरों को क्या जबाब देंगी। कांग्रेस ने उन्हें मनाने में पूरी ताकत भी लगाई लेकिन उन्होंने एक न सुनी क्योंकि कांग्रेस में उन्हें अपने लिए कुछ खास नज़र नहीं आ रहा था। उनके भाई व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी कुछ माह पूर्व भाजपा में शामिल हुए थे। अपने भाई के उदाहरण ने भी उन्हें कांग्रेस छुड़वाने में कैटेलिस्ट का काम किया।
कि वह नेतृत्व करने में विफल रहे और अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में छलांग लगा डाली। अपने स्वार्थ के लिए वह भूल गईं कि आने वाले चुनाव में लखनऊ कैंट के वोटरों को क्या जबाब देंगी। कांग्रेस ने उन्हें मनाने में पूरी ताकत भी लगाई लेकिन उन्होंने एक न सुनी क्योंकि कांग्रेस में उन्हें अपने लिए कुछ खास नज़र नहीं आ रहा था। उनके भाई व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी कुछ माह पूर्व भाजपा में शामिल हुए थे। अपने भाई के उदाहरण ने भी उन्हें कांग्रेस छुड़वाने में कैटेलिस्ट का काम किया।