जीन विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर लोगों में प्रभावशाली जीन होता है, जो लोगों को दाएं या बाएं हाथ से काम कराने में अहम भूमिका निभाता है।
दुनिया में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो लिखते वक्त अपने उलटे हाथ इस्तेमाल करते हैं और कुछ लोग सीधे हाथ से लिखते हैं। बताया जाता है कि 90 फीसदी लोग सीधे हाथ से काम करते है, जो राइट हैंडेड होते हैं और शेष 10 फीसदी लोग उलटे हाथ से काम करते हैं जिन्हें खब्बू भी कह सकते हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? आइए हम इसके बारे में आपको बताते हैं।
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वैज्ञानिकों का कहना है कि बाएं और दाएं हाथ से काम करने के लिए ‘जीन’ जिम्मेदार होते हैं। जीन विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर लोगों में प्रभावशाली जीन होता है, जो लोगों को दाएं या बाएं हाथ से काम कराने में अहम भूमिका निभाता है। ये प्रभावशाली जीन राइट हैंडेड बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाता है। वहीं 20 फीसदी लोगों में राइट हैंडेड जीन का अभाव होता है। यू.एस. नेशनल कैंसर इंस्टिटयूट् लोबोरेटरी के जीन विशेषज्ञ डॉ. अमर जे.एस. क्लार का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अगले 3 साल में वे अपने सिद्धान्त को साबित कर देंगे।
आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि वैनकुवर स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलम्बिया के मनोचिकित्सक डॉ. स्टैनले कोरेन का मानना है कि इसकी खास वजह है गर्भावस्था के दौरान मां को पहुंचे सदमे या तनाव का मां के पेट में पल रहे भ्रूण पर असर होना।
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