Read this post on the website: एक कहानी, बस यूं ही (आखरी भाग)
(Continued from here) स्थान- जयपुर, कॉफी शॉप, बैकग्राउंड में गीत किस मोड़ पर जाते हैं, कुछ सुस्त कदम रस्ते,कुछ तेज कदम राहें सुस्ती कदमों की हो तो उन्हें तेज़ किया जा सकता है पर जब राहें गुम सी लगने लगे तो क्या किया जाए तो उन राहों को गुलजार कर लिया जाए एक अच्छी कंपनी [Read more]
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