Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

सुनो बेटे! में तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।। Story


सुनो बेटे! में तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ। तुम जब गहरी नींद में सो रहे हो। तुम्हारा नन्हा सा हाथ तुम्हारे नाजुक गाल के निचे दबा है।  और तुम्हारे पसीना-पसीना ललाट पर घुंघराले बाल बिहरे हुए है।  में तुम्हारे कमरे में चुपके से दाखिल हुआ हु, अकेला। कभी कुछ मिनिट पहले जब मैं लायब्रेरी में अख़बार पढ़ रहा था, तो मुझे बहुत पश्च्याताप हुआ। इसीलिए तो आधी रात को मैं तुम्हारे पास खड़ा हूँ , किसी अपराधी की तरह।

जिन बातों के बारे में मैं सोच रहा था, वह ये हैं , बेटे। मैं आज तुम पर बहुत नाराज़  हुआ। जब तुम स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे, तब मैंने तुम्हें  ख़ूब डाँटा... तुमने टॉवेल के बजाय पर्दे  से हाथ पोंछ लिए थे।  तुम्हारे जुते गंदे थे, इस बात पर भी मैंने तुम्हें  कोसा। तुमने फर्श पर इधर-उधर चीज़े फेंक रखी थीं...इस पर मैंने तुम्हे भला-बुरा कहा।

नाश्ता करते वक्त भी मैं तुम्हारी एक के बाद एक ग़लतियाँ निकालता रहा।  तुमने डाइनिंग टेबल पर खाना बिखरा दिया था। खाते समय तुम्हारे मुँह से चपड़-चपड़ की आवाज़ आ रही थी।  मेज़ पर तुमने कोहनियाँ भी टिका राखी थीं। तुमने ब्रेड पर बहुत सारा मक्खन भी चुपड़ लिया था। यही नहीं जब मैं ऑफ़िस जा रहा था और तुम खेलने जा रहे थे और तुमने मुड़कर हाथ हिलाकर " बाय-बाय, डैडी" कहा था, तब भी मैंने भृकुटी तानकर टोका था, "अपनी कॉलर ठीक करो। "

शाम को भी मैंने यही सब किया। ऑफ़िस से लौटकर मैंने देखा कि  तुम दोस्तों के साथ मिट्टी में खेल रहे थे। तुम्हारे कपड़े गंदे थे, तुम्हारे मोजों में छेद हो गए थे। मैं तुम्हें पकड़कर ले गया और तुम्हारे दोस्तों के सामने तुम्हें अपमानित किया।  मोज़े महँगे हैं - जब तुम्हें  ख़रीदने पड़ेगे तब तुम्हें इनकी क़ीमत समझ आएगी। ज़रा सोचो तो सही, एक पिता अपने बेटे का इससे ज़्यादा दिल किस तरह दुःखा सकता है?

क्या तुम्हें याद है जब मैं लाइब्रेरी में पढ़ रहा था तब तुम रात को मेरे कमरे में आए थे, किसी सहमे हुए मृगछौने की तरह। तुम्हारी आँखे बता रही थीं  कि तुम्हें कितनी चोट पहुँची है। और मैंने अख़बार के ऊपर से देखते हुए पढ़ने में बाधा डालने के लिए तुम्हें झिड़क दिया था, "कभी तो चैन से रहने दिया करो। अब क्या बात है?" और तुम दरवाज़े पर ही ठिठक गए थे।
-Himanshu Parmar
to be continued...

#story #storytelling #books #detik #quotes #literasi #life #writing  
#yourself #viral #sad #thoughts #words #fathersontime #fathersonlove #fathersonchallenge #fatherson  #fathersday #fatherhood #father #family #dad #dadlife #fatherdaughter #father #books #bookrefe #lifelessons #parenting #happyfathersday #kids



This post first appeared on Activist007, please read the originial post: here

Share the post

सुनो बेटे! में तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।। Story

×

Subscribe to Activist007

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×