Ayodhya Dispute Mediation Panel : करीब 10 साल से ये मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है
Ayodhya Dispute Mediation Panel : देश के हर नागरिक की इच्छा है कि अयोध्या राम जन्म भूमि विवाद जल्द से जल्द निपट जाए,आखिर साल भी तो इतने हो गए.
Related Articles
बता दें की करीब 10 साल से तो ये मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में ही लंबित है जिसपर अभी तक कोई खास सुनवाई तक नहीं हुई है.
अब शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायलय ने इसे मध्यस्थता से सुलझाने की आखिरी कोशिश करते हुए एक तीन सदस्यी पैनल का गठन किया है.
इस पैनल में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू शामिल हैं जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला करेंगे.
पढ़ें – अच्छा तो इस वजह से दुनिया भर में मनाया जाता है महिला दिवस,जानें आप भी
जानकारी के लिए आपको ये बता दें की इस मध्यस्थता की पूरी कार्यवाही बंद कमरे में होगी, यहां तक की इसे किसी प्रकार की मीडिया कवरेज से भी दूर रखा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इन पैनलिस्ट को पूरी कार्यवाही की प्रोग्रेस रिपोर्ट 4 हफ्ते जबकी स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए 8 हफ्ते का समय दिया है.
आइए फिर विस्तार से जानते हैं देश के सबसे बड़े जमीनी विवाद में शामिल लोगों के बारे में…
जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला
68 वर्षीय जस्टिस एफ. एम. कलीफुल्ला तमिलनाडु के रहने वाले हैं और इनका पूरा नाम फाकिर मुहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला है.
श्री कलीफुल्ला ने अपना करियर बतौर वकील अगस्त 1975 से शुरू किया था.इसके बाद 2000 में जस्टिस कलीफ़ुल्ला को मद्रास हाईकोर्ट का स्थायी जज नियुक्त किया गया.
मद्रास हाईकोर्ट में लंबे समय तक रहने के बाद साल 2011 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का कार्यकारी चीफ़ जस्टिस नियुक्त किया गया फिर उन्हें 2 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस नियुक्त किया गया.
अंत में जस्टिस कलीफुल्ला 22 जुलाई 2016 में बतौर सुप्रीम कोर्ट जज रिटायर हो चुके हैं.
श्रीराम पंचू
लगभग 40 साल से वकालत कर रहे श्री राम पंचू मध्यस्था कराने में काफी तजुर्बा रखते हैं.
श्री पांचू मिडिएशन चैंबर्स के संस्थापक हैं और देश के तमाम हिस्सों में व्यावसायिक, कॉरपोरेट और अन्य क्षेत्रों से जुड़े कई बड़े और जटिल विवादों में मध्यस्थता कर चुके हैं.
उन्होंने साल 2005 में भारत का पहला ऐसा मध्यस्थता केंद्र बनाया जो अदालत से सम्बद्ध था.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम पंचू को असम और नगालैंड के बीच एक विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया था.
इसके अलावा कोर्ट उन्हें मुंबई में पारसी समुदाय से सम्बन्धित एक विवाद को निबटाने के लिए भी मध्यस्थ बना चुकी है.
पढ़ें – लगातार तीसरे साल भी साफ सफाई में इंदौर फर्स्ट, राज्यों में छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी
श्री श्री रविशंकर
श्री श्री रविशंकर इस पैनल में इकलौते सदस्य हैं जिनका वकालत से कोई लेना देना नहीं है.
ये एक अध्यात्मिक गुरू हैं जिनकी देश-विदेश में करोड़ों अनुयायी हैं.
हालांकी श्री श्री रविशंकर इससे पहले भी व्यक्तिगत स्तर पर अयोध्या मामले को सुलझाने की पहल कर चुके हैं लेकिन इन्हें कामयाबी नहीं मिली.
इन्होंने 1981 में आर्ट ऑफ लिविंग की स्थापना की थी जिसका मकसद समाज में शांति लाना और सभी को तनाव मुक्त बनाना है.
इसके अलावा श्री श्री रविशंकर सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द से जुड़े कार्यक्रमों के लिए भी जाने जाते हैं
The post जानें कौन है अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए SC द्वारा नियुक्त तीनों पैनेलिस्ट appeared first on HumanJunction.
This post first appeared on Positive News India | Hindi Positive News | हिंदी समाचार | HumanJunction, please read the originial post: here