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शाबाश ! यूपी का ये छोटा सा गांव कुछ यूं संवार रहा अपने स्कूली बच्चों का भविष्य

Ballia Rampur Yuva Pratibha Khoj Pariksha : नौकरी में कार्यरत युवाओं ने गांव की प्रतिभा खोज के लिए खुद कराई परीक्षा

Ballia Rampur Yuva Pratibha Khoj Pariksha : समाज के लिए कुछ अच्छा करने की चाहत भला किसी नहीं होती, मगर शायद हम में से कम ही लोग रहते हैं जो इसके लिए सिर्फ बात नहीं बल्कि कुछ करके दिखाते हैं.

यूपी के बलिया जिले के रामपुर चिट गांव में ऐसा ही देखने का मिला जहां के युवा अपने छोटे प्रयास से ही सही मगर समाज के लिए कुछ बड़ा करने की चाहत रखे हुए हैं.
दरअसल इन लोगों ने गांव के बच्चों के अंदर छिपी ही प्रतिभा को खोजकर उन्हें आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इसके लिए उन्होंने बीते 14 अक्टूबर को गांव के ही एक नीजि स्कूल में परीक्षा आयोजित कराई जिसे नाम दिया गया ‘रामपुर युवा प्रतिभा खोज परीक्षा’.
इस परीक्षा में कक्षा 6 से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया जिसमें गांव भर से कुल 374 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
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आपको बता दें कि इस परीक्षा को गांव के उन लोगों ने कराया जो सफल होकर देश के विभिन्न सरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं और वहां अपनी सेवा दे रहे हैं.
इनमें मुख्य रूप से कर विभाग में कार्यरत श्याम बहादुर यादव,अनिल यादव जो की भारतीय रेलवे में नौकरी कर रहे हैं और पीएसी बल के सत्येंद्र यादव शामिल रहे.

टॉपर बच्चों को किया गया पुरस्कृत
दरअसल इस परीक्षा में बैठे कक्षा 6 से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों में से तीन तीन बच्चों को प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान दिया गया और उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया.
बता दें कि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे परीक्षार्थियों को ईनाम और मेडल दिए गए जबकि प्रथम स्थान पाने वाले सभी 7 छात्र-छात्राओं को साइकिल दी गई.
इस प्रतिभा खोज परीक्षा की सबसे खास बात यह रही कि ये पूरी तरह से राजनीति से दूर था, इसके आयोजन के लिए सरकार या किसी प्रकार की गैर सरकार संस्था से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं ली गई पूरा खर्च गांव के इन युवाओं ने ही उठाया.
यहां तक की मेधावी छात्रों को पुरस्कार वितरण भी गांव के बड़े और सम्मानित आम नागरिकों द्वारा ही दिलाया गया.
गौरतलब है कि बलिया जिला अपने विद्रोही अंदाज के लिए हमेशा से जाना जाता है, आजादी के लिए पहली आवाज बुलंद करने वाले स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे खुद इसी धरती से आते हैं.
ऐसे में यहां के गांव के नौकरी में कार्यरत युवाओं ने अपने दम पर गांव के अन्य स्कूली छात्रों के बीच शिक्षा के स्तर को धार देने के लिए जो छोटा सा कदम उठाया है वो भी किसी विद्रोह से कम नहीं.
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भारत के 13,500 गांवों मे नहीं है स्कूल
हाल में ग्रामीण विकास मंत्रालय की स्कूलों की मौजूदा संख्या को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जो भारत सरकार की सर्व शिक्षा अभियान योजना को धक्का देती है.
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इस रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में अभी भी 13,500 ऐसे गांव हैं जहां प्राथमिक स्कूल तक नहीं है.
इस मामले में यूपी सबसे पीछे है क्योंकी अन्य राज्यों के मुकाबले यहां के गावों की संख्या ज्यादा है जहां अब तक कोई स्कूल नहीं खुल सके हैं.

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