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दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन क्यों करते हैं दादागिरी, समझे यहां

South China Sea Conflict : चीन का साउथ चाइना सी में कब्जे को लेकर तमाम देशों से चल रहा विवाद 

South China Sea Conflict : दक्षिण चीन सागर शुरू से ही विवाद का केन्द्र रहा है, विश्व पटल पर इसके अधिकार को लेकर दुनिया के कई देशों में हमेशा तनाव बना रहता है.

बता दें कि एक बार फिर इस सागर को लेकर नया विवाद सामने आ गया है, दरअसल चीन ने अपनी ऐंटी-शिप क्रूज मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम को साउथ चीन सागर में तैनात कर दिया है जिसे लेकर बाकि के मुल्कों ने ऐतराज जताया है
क्या है पूरा विवाद
गौरतलब है कि चीन का साउथ चाइना सी और ईस्ट चाइना सी दोनों में ही कब्जे को लेकर तमाम देशों से विवाद रहा है. चीन करीब पूरे साउथ चाइना सी पर अपनाअधिपक्त दावा रखता है जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलयेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसके उलट दावा करते हैं.
बता दें कि चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया था तब से चीन इसे अपना हिस्सा बताता है.
इस मामले में चीन का कहना है कि ‘साउथ चाइना सी में चीन की गतिविधियां हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने के लिए है और ऐसा करना हमारा अधिकार है.
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अमेरिका है काफी नाराज
हमेशा की तरह इस बार भी चीन के इस हरकत से अमेरिका काफी नाराज हो गया है.
व्हाइट हाउस की मीडिया ब्रीफिंग के दौरान प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने कहा कि अमेरिका को साउथ चाइना सी में चीन की सभी गतिविधियों के बारे में पता है जिसपर हमने सीधे तौर पर चीन से चिंता जाहिर की है.
उन्होंने कहा कि अगर चीन पीछे नहीं हटता है तो इस मुद्दे के दूरगामी परिणाम होंगे. जानकारी के लिए आपको बता दें कि चीन ने पिछले 30 दिनों में यहां के तीन द्वीपों पर मिसाइलें तैनात कर दी हैं.
तेल को लेकर है सारी लड़ाई
दरअसल, साउथ चाइना सी का करीब 35 लाख स्क्वेयर किमी एरिया विवादित है शुरू से ही इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई दावा करते रहे हैं.
इस समुद्र से हर साल 5 लाख करोड़ यूएस डॉलर से ज्यादा का ट्रेड होता है और सबसे खास बात है कि यहां तेल और गैस के बड़े भंडार हैं.
अमेरिका के मुताबिक इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नैचुरल गैस के भंडार है.
वहीं वियतनाम इस इलाके में भारत को तेल खोजने की कोशिशों में शामिल होने का न्यौता पहले ही दे चुका है.
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चीन ने किया अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास
अप्रैल में चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर में अपना अबतक का सबसे बड़ा अभ्यास किया था जिसमें उसने पहली बार एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप और अपने सबसे ज्यादा आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया था.
चीन का समुद्र में यह सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास ऐसे वक्त में किया गया जब अमेरिका फ्रीडम ऑफ नैविगेशन के तहत चीन द्वारा बनाए गए कृत्रिम द्वीपों के पास से अपने युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट्स को भेजा था.
बता दें कि दक्षिण चीन सागर रणनीतिक तौर पर काफी अहम है यह न सिर्फ ऊर्जा के लिहाज से जरूरी है बल्कि यह तमाम बड़े देशों के बीच व्यापार का एक व्यस्त मार्ग भी है.
यही वजह है कि पहली बार साल 2011 में अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इस विवाद में कूदते हुए इसे वैश्विक मुद्दा बताया था जिसका समाधान उन्होंनें जल्द जल्द से करनी की बात कही थी.

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