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एक सुहाना सफर प्राकृति सौंदर्य के वैभव के नाम – पूर्व का स्वीट्ज़रलैंड – सिक्किम ,गैंगटॉक ( Sikkim, Gangtok tourist place )

सिक्किम जिसे पूर्व का स्वीट्ज़रलैंड कहते हैं, यह भारत का छोटा  राज्य है | अगर आप प्रकृति प्रेमी है, और आपको खुली ठंडी वादियाँ पसंद हैं तो आप यहाँ जरूर घूमने जायेंगे | सिक्किम हिमालय की गोद में बसा हुआ है | इसकी राजधानी गैंगटोक है | यहाँ के ऊंचे पर्वतशिखर, हरी-भरी घाटियां, तेजधार वाली नदियां और खूबसूरत पहाड़ पर्यटकों के मन को लुभा लेती हैं | तो चलिए जानते हैं सिक्किम की ऐसी कौन सी चीजें, जगह ( Sikkim Gangtok tourist place ) हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर खीचतीं हैं |

रोमांटिक प्लेस गैंगटोक :-
यहाँ पर ज्यादातर नए शादी-शुदा जोड़े घूमने आया करते हैं | यह भारत के सबसे सुन्दर शहरों में से एक है, जिसे प्रकृति का अटूट वरदान मिला है | यहाँ का मौसम सालभर खुशनुमा बना रहता है | यहाँ पर हर साल बर्फ़बारी होती रहती है | तो अगर आप स्नोफॉल के शौक़ीन हैं तो यह जगह आपके लिए बेस्ट है | समुद्र तल से इस शहर की ऊंचाई 1800 मीटर है | इन्ही सब कारणों से यहाँ का नज़ारा देखने लायक होता है |

सिक्किम की प्राचीन राजधानी युक्सोम :-
युक्सोम सिक्किम की कभी राजधानी हुआ करती थी | Sikkim Gangtok tourist place में से यह एक पवित्र स्थान है | इसी स्थान की शुद्धिकरण तीन विद्वान लामाओं ने मिलकर किया है | दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वतशिखर कंचनजंगा के लिए यह बेस कैंप है | देखा जाये तो सिक्किम का इतिहास इसी शहर से आरम्भ हुआ था |

कंचनजंगा का पर्वत शिखर :-
यह पर्वत शिखर दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखरों में से एक है | इस शिखर की ऊंचाई 8534 मीटर है | वहां के निवासी इसे रक्षक देवता के रूप में पूजते हैं | कंचनजंगा यहाँ का एक ऐसा स्थान ( Sikkim Gangtok tourist place ) है जिसे पर्वतीय प्रेमी बिना देखे वापस नहीं लौटते हैं | यह गंगटोक से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | इसके अलावा युमथांग से भी इस पर्वत की झलक देख सकते हैं |

पौधे, प्राणियों और प्रसिद्ध नदियों की दुनिया:-
यहाँ पर एक सोम्गो नाम का लेक है जिसकी लम्बाई 1 किलोमीटर है | इस झील की सुंदरता मई से लेकर अगस्त के महीने में देखते बनती है | यह अंडाकार के शेप में बना है | शर्दियों में इसका पानी जमने के कारन पूरा अंडा की तरह दिखाई देता है |

मई और जून के महीने में दुर्लभ प्रकार के फूलों से यहाँ की घाटी का रंग-बिरंगा सौंदर्य देखते ही बनता है। इन फूलों के नाम  बसंती गुलाब, आइरिस और नीले-पीले पोस्त आदि है | यहाँ पर मुख्य रूप से लाल पांडा देखने को मिलता है | इन सब के अलावा दो  अभ्यारण्यों सिंग्बा रोडोडेंड्रन सैंक्चुरी और कंचनजंगा नेशनल पार्क भी पर्यटन स्थल है |
नाथुला दर्रा :-
इस जगह पर जाने के लिए लोगों को परमिट लेना पड़ता है | परमिट लेने का मुख्य कारण इसका भारत और चीन की सीमा पर स्थित होना है | यह जगह टेढ़े मेढे रास्तों और पहाड़ों से झरते झरनों से घिरा है |

 
एकेडमिक उद्देश्य से यहां आने वाले लोगों के लिए नाम्ग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ टिबेटोलॉजी आकर्षण का केंद्र है। यहां तिब्बती विज्ञान, चिकित्सा और  ज्योतिष से संबंधित पुस्तकें मिलती हैं |

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