Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

इस खबर को नहीं पढ़ा तो आपको जहन्नुम में जाने से कोई नहीं रोक सकता

सोशल डायरी ब्यूरो
सोशल मीडिया फायदेमंद लेकिन उसको युवा घातक बना रहे है. यहूदियों के जाल में फंस कर अनपढ़ युवा इस्लाम में दखल दे रहे है. अंधविश्वास फैला रहे है जो की इस्लाम में अंधविश्वास को कही भी जगह नहीं. यहूदियों और दुश्मनाने इस्लाम द्वारा जारी मेसेज हमारे मुस्लिम युवा जो अपने बाप के दिए हुए पैसो से 15-20-30 हजार का मोबाइल खरीदकर बाप की ही कमाई खा कर यहूदियों और दुश्मनाने इस्लाम द्वारा फैलाए गए अन्धविश्वासी और चमत्कारी मेसेज धड़ल्ले से शेयर कर रहे है. दुनिया जानती है के इस्लाम मुकम्मल हो चुका है. इस्लाम में कोई फेरबदल नहीं कर सकता. और इस्लाम/कुरआन के नाम से झूठ फैलाना सबसे बड़ा गुनाह माना गया है. इस्लाम में फेरबदल करना यानी अल्लाह को चैलेंज करने के बराबर है. हमारी युवा पीढ़ी संघियों की गेंद (बॉल) बनी हुई है. संघी और यहूदी जैसे चाहता है बस वैसे ही प्रचार-प्रसार करना शुरू कर देते है. वक्त अपना, पैसा अपना, मोबाइल अपना, लैपटॉप अपना, रिचार्ज अपना, सबकुछ अपना और प्रचार संघियों और यहूदियों का.



सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे मेसेज पढने को मिलते है की, "इस मेसेज को 100 लोगो तक पहुँचाओ, आपकी मनोकामना पूरी होगी. एक व्यक्ति ने इस मेसेज को पढ़ा और आगे नहीं पहुंचाया तो उसको कई परेशानियों का सामना करना पडा अदि" अब इन बेवकुफो को इतना भी नहीं समझमे आता के मेसेज भेजने से अगर सबकुछ मिल जाता तो दुनिया में आये एक लाख चौबीस हजार नबी मेसेज ही भेजने की बात करते. फिर ये कुरआन, हादिस, नमाज, रोजा, जकात, हज, वगैरा किसलिए ? "काहलो आज मैं कहता हूँ, इस खबर को पढने वाले सबके सब जहन्नुम में जायेंगे और वह भी आज ही" देखते है ऐसा होता है क्या. सोशल मीडिया पर ऐसे भी कई लोग भरे पड़े है जिनको खुदके नाम की स्पेलिंग नहीं आती, और ऐसे भी है जो सिर्फ चौथी से दसवी नापास है जिनको वाद-विवाद करने के लिए छोड़ा गया हो. और ऐसे भी है जो खुदको सबसे सयाना और सभी को मुर्ख समझकर अपनी मनमानी चलाते है. और कुछ तो सिर्फ लडकियों को इनबॉक्स करने में अपनी जवानी बर्बाद कर रहे है. लेकिन मुझे नहीं लगता के इनका कोई कसूर है. क्यूंकि सोशल मीडिया पर इंजिनियर, डॉक्टर, वकील, ऐसे उच्चशिक्षित भी बहुत है लेकिन इनमे से अक्सर तमाशबीन या मूकदर्शक बने रहते है. बेवकुफो को सीधी राह दिखाने का काम नहीं करते. कुछ है जो सीधी राह दिखाने का काम करते है लेकिन उनकी संख्या बहुत ही कम है.



इस्लाम को बदनाम करने और मुसलमान नवजवानों को बरगलाने के लिए सीधी राह से भटकाने के लिए, मुसलमानों में नफरत फैलाने के लिए कई तरह के मेसेजेस तैयार किये गए है. यह बहुत बड़ी साजिश है. इस साजिश को युवाओं ने समझना चाहिए और इस साजिश का शिकार नहीं होना है. यह मेसेज फैलाने वाले यह भी नहीं जानते की यह लोग जाने-अनजाने में अल्लाह से चैलेंज कर रहे है. ऐसे मेसेज का मतलब यही होता है की अल्लाह कुछ नहीं सबकुछ मेसेज से ही होता हियो. सोशल मीडिया अच्छी बातो को दूसरो तक फैलाने का इस दौर का सबसे बहेतारिन जरिया है. अच्छे कामो के लिए इसका इस्तेमाल करे. और ऐसे साजिशो से बचे. हमने इस खबर का टाइटल भी इन्ही मेसेजो की तरह ही बनाया है. जो एक अन्धविश्वासी टाइटल है सिर्फ उन लोगो को यह बताने के मकसद से यह टाइटल है के कुछ भी लिखने से किसीको भेजने से कुछ नहीं होता.
-अहेमद कुरेशी
रिहाई मंच, महाराष्ट्र





This post first appeared on Social Diary, please read the originial post: here

Share the post

इस खबर को नहीं पढ़ा तो आपको जहन्नुम में जाने से कोई नहीं रोक सकता

×

Subscribe to Social Diary

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×