लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जहाँ SSP लखनऊ कलानिधि नैथानी को लगातार अपराधी चुनौती दे रहे हैं जिससें कहीं लूट, हत्या, छिनैती, चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं । हालत अब यह आ गई है कि राजधानी लखनऊ भी पत्रकारों के लिए भी सुरक्षित नहीं है अन्य जिला का क्या कहना।
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हाल का थाना अलीगंज में अधिवक्ताओं द्वारा पत्रकारों पर हमला करने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि आज इंदिरा नगर थाना अंतर्गत एक पत्रकार का अपहरण करने की कोशिश की गई। किसी की खबर चलाने से नाराज ए0के0 बाजपेई नामक व्यक्ति पर अपने दो तीन अज्ञात साथियों के साथ एक पत्रकार को रोक कर उसके साथ मारपीट की लूटपाट की और जबरदस्ती अपनी अल्टो गाड़ी में अपहरण करने की कोशिश भी की।
10000000_122848805289083_2210816622900866965_nउत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लाख का दावा है कि पत्रकारों का उत्पीड़न अब बर्दाश्त नहीं होगा जो भी पत्रकारों का उत्पीड़न करेगा उसके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी पर ऐसा कहीं कुछ भी नजर नहीं आ रहा है लगातार पत्रकार राजधानी में डर के साए में जी रहे है कहीं कैमरे तोड़े जा रहे हैं कहीं माइक आईडी तोड़ी जा रही है तो कहीं अपहरण किया जा रहा है कहीं हमला किया जा रहा है। यह सब हो रहा है भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार की नाक के नीचे।
अवगत करा दे कि आज दिनांक 28 नवंबर को अपने बेटे को स्कूल से छोड़कर घर वापस आ रहे थे कि रास्ते में एक दबंग व्यक्ति ने राज जायसवाल को रोक कर उनके साथ मारपीट की लूटपाट की और यहां तक अपहरण करने की भी कोशिश की पीड़ित पत्रकार के चिल्लाने के बाद वहां पर दीपक सिंह व सर्वेश तिवारी के आ जाने और पत्रकार राज जायसवाल के शोर मचाने के कारण दबंग अपने कारनामे में कामयाब नहीं हो सके।
वहीं थाना इंदिरा नगर पुलिस ने लूट जैसी कई संगीन धाराओं में मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया है देखने वाली बात यह होगी कि क्या कार्रवाई होती है या अन्य की तरह इस मामला को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। पर पत्रकार राज जायसवाल क परिवार अभी भी दहशत में है कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है इसलिए दबंग व्यक्ति का गिरफ्तार होना बहुत जरूरी है पर यह तो पुलिस की कार्रवाई है और पुलिस की अपनी एक रफ्तार देखने वाली बात यह होगी कि उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार इस पूरे मामले का संज्ञान लेती है या मामला फिर वहीं का वहीं रह जाता है।