प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों की दुर्दशा के लिए पिछली यूपीए सरकार पर जमकर हमले किए और कहा कि पिछली सरकार के दौरान बैंकों पर दबाव डालकर चुनिंदा उद्योगपतियों को कर्ज दिलाया गया, जिससे बैंकों की करोड़ों रुपये की राशि कर्ज में फंस गई. उन्होंने इसे यूपीए सरकार के समय का सबसे बड़ा घोटाला बताया. देश के शीर्ष उद्योग मंडल फिक्की की 90वीं वार्षिक आम बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार एनपीए के रूप में मौजूदा सरकार के लिए सबसे बड़ी ‘देनदारी’ छोड़कर गई है. उन्होंने इस स्थिति के लिए फिक्की जैसे उद्योगपतियों के संगठनों के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बैंकों पर दबाव डालकर उद्योगपतियों को पैसा दिलाया गया. इससे बैंकों की स्थिति खराब हुई. इस पर तब फिक्की ने कोई अध्ययन किया था क्या? तब उद्योग संगठन क्या कुछ आवाज उठा रहे थे? सभी को पता था कि कुछ न कुछ गलत हो रहा है, लेकिन क्या किसी ने आवाज उठाई?’
Related Articles
इस अवसर पर पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश के युवाओं और मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखकर नीतियां बना रही हैं, जबकि पिछली सरकार के समय बैंकों का करोड़ों रुपया चुनिंदा उद्योगपतियों को दिलाया गया. कॉमनवेल्थ, 2जी और कोयला घोटाला हुआ. जनता की गाढ़ी कमाई लूट ली गई. इन सभी घोटालों में कहीं न कहीं बैंकों पर ही बुरा असर पड़ा.
उन्होंने एनपीए को पिछली सरकार के समय का ‘सबसे बड़ा घोटाला’ बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बैंकिंग सेक्टर की मजबूती के लिए कदम उठाए हैं. बैंकों को नई पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि बैंक ग्राहकों के साथ-साथ देश का हित साधा जा सके.