डायबटीज ऐसी बीमारी है जिससे निजात पाना बहुत कठिन है। इसलिए बेहतर है कि पहले से ही शरीर को इतना चुस्त रखें कि बीमारी छू भी न पाए। ऐसे में ये योगासन बहुत फायदेमंद हैं। अगर डायबीटीज के मरीज हैं भी तो ये योगा करने से सेहत ठीक रहेगी। ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगी और तनाव, थकान जैसी परेशानियां दूर होंगी। जानते हैं किन योगासन से आप डॉयबटीज को दूर कर सकते हैं।
बालासन- एढ़ियों के बल बैठें, सांस अंदर लेते हुए हाथ को ऊपर उठाएं और पीठ को पीछे की तरफ झुकाएं। फिर सांस छोड़ते हुए हाथों और शरीर को आगे की तरफ झुकाएं जैसे कि तस्वीर में बना है। यह आसन करने से तनाव दूर होता है औऱ थकान दूर होती है। तनाव डायबटीज के लिए बुरा है।
सर्वांगासन - जमीन पर पैर सीधे कर के लेट जाएं। फिर घुठनों को मोड़ते हुए उन्हें ऊपर छत की तरफ उठाएं। हाथों को पीठ पर रखें ताकि कूल्हों को सहारा मिलता रहे। आपका सारा वजन कंधों पर होना चाहिए। इस मुद्रा में थोड़ी देर रहें। फिर धीरे धीरे शरीर को नीचें लाएं, एकदम से न करें वरना पीठ में चोट लग सकती है।
वज्रासन-यह बहुत आसान और फायदेमंद आसन है। जैसे तस्वीर में दिखाया है, इसी तरह बैठें। घुठने के बल तलवों के ऊपरी हिस्से को जमीन की तरफ कर के बैठें। कूल्हों को एढ़ियों पर टिकाएं, हथेलियों को घुठनों पर इसी तरह रखें। आंखें बंद कर के गहरी सांस अंदर-बाहर करें। इसे करने से आपको सुकून मिलेगा, पाचन सुधरेगा और दिमाग शांत होगा।
सेतूबंधासन-सांस छोड़ें और धीरे धीरे पीठ से शरीर को ऊपर उठाएं जैसे कि तस्वीर में बना है। हाश, सिर और तलवे जमीन पर ही टिके रहें। इसी तरह धीरे धीरे शरीर को नीचें लाएं। यह आसन पाचन सुधारता है और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखता है। ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है। लेकिन अगर आपके गले या पीठ का कोई ऑपरेशन हुआ है तो इस आसन को न करें।
बालासन- एढ़ियों के बल बैठें, सांस अंदर लेते हुए हाथ को ऊपर उठाएं और पीठ को पीछे की तरफ झुकाएं। फिर सांस छोड़ते हुए हाथों और शरीर को आगे की तरफ झुकाएं जैसे कि तस्वीर में बना है। यह आसन करने से तनाव दूर होता है औऱ थकान दूर होती है। तनाव डायबटीज के लिए बुरा है।
सर्वांगासन - जमीन पर पैर सीधे कर के लेट जाएं। फिर घुठनों को मोड़ते हुए उन्हें ऊपर छत की तरफ उठाएं। हाथों को पीठ पर रखें ताकि कूल्हों को सहारा मिलता रहे। आपका सारा वजन कंधों पर होना चाहिए। इस मुद्रा में थोड़ी देर रहें। फिर धीरे धीरे शरीर को नीचें लाएं, एकदम से न करें वरना पीठ में चोट लग सकती है।
वज्रासन-यह बहुत आसान और फायदेमंद आसन है। जैसे तस्वीर में दिखाया है, इसी तरह बैठें। घुठने के बल तलवों के ऊपरी हिस्से को जमीन की तरफ कर के बैठें। कूल्हों को एढ़ियों पर टिकाएं, हथेलियों को घुठनों पर इसी तरह रखें। आंखें बंद कर के गहरी सांस अंदर-बाहर करें। इसे करने से आपको सुकून मिलेगा, पाचन सुधरेगा और दिमाग शांत होगा।
हलासन- यह आसन उनके लिए अच्छा है जो घंटों कुर्सी पर बैठ कर काम करते हैं और उनकी पीठ में दर्द होता है। इसके लिए पीठ के बल, पैर फैला कर सीधे लेट जाएं और हाथों को शरीर के साइड में रखें। इसके बाद घुठनों को उठाएं ताकि तलवे जमीन पर टिके रहें। धीरे धीरे पैरों को उठाएं और हाथों के सहयोग से कूल्हों को उठाएं। इस तरह पैरों को सिर के ऊपर से ले जाते हुए जमीन छूने की कोशिश करें। हाथ छोड़ कर सीधे कर लें और कमर सीधी रखें।
प्राणायाम- इसके लिए रीढ़ की हद्दी सीधी कर के बैठें, तेजी से सांस अंदर लें और पांस सेकेंड तक रोके फिर धीरे धीरे सांस छोड़ें। ऐसा कम से कम 10 बार करें। यह आसन शरीर में खून का बहाव सुधारता है और दिमाग को शांत करता है।सेतूबंधासन-सांस छोड़ें और धीरे धीरे पीठ से शरीर को ऊपर उठाएं जैसे कि तस्वीर में बना है। हाश, सिर और तलवे जमीन पर ही टिके रहें। इसी तरह धीरे धीरे शरीर को नीचें लाएं। यह आसन पाचन सुधारता है और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखता है। ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है। लेकिन अगर आपके गले या पीठ का कोई ऑपरेशन हुआ है तो इस आसन को न करें।