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केरल का इतिहास और जानकारी

Kerala History in Hindi

Kerala – केरल, मालाबार समुद्री सीमा पर स्थित दक्षिण भारतीय राज्य है। केरल जनसँख्या के हिसाब से भारत के 13 वा सबसे बड़ा राज्य है। राज्य को 14 जिलो में विभाजित किया गया है और थिरुवनंथापुरम राज्य की राजधानी है। थिरुवनंतपुरम राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है।

केरल का इतिहास – Kerala History in Hindi

राज्य का नाम (State Name) केरल (Kerala)
केरल की राजधानी (Capital of Kerala) तिरुअनंतपुरम (Thiruvananthpuram)
राज्य निर्मिति का साल (Statehood) १ नवंबर १९५६।
राज्य की प्रमुख भाषाए (Languages of Kerala) मलयालम, इंग्लिश, उर्दू, हिंदी।
क्षेत्रफल के अनुसार राज्य का देश में स्थान (Areawise Rank) २१ वा(21st)
जनसँख्या अनुसार राज्य का देश में स्थान (Populationwise Rank) १३वा(13th)
केरल राज्य की जनसँख्या (Population of Kerala) ३,४६,३०,१९२(साल २०११ के जनगणना अनुसार)
केरल राज्य का प्रमुख प्रसिध्द त्यौहार (Festival of Kerala) ओनम।
राज्य का प्रमुख जानवर(State Animal of Kerala) भारतीय हाथी (Indian Elephant)।
प्रमुख पक्षी(State Bird of Kerala) ग्रेट हॉर्नबिल(Great Hornbill)।
राज्य का प्रमुख पेड़ (वृक्ष)- (State Tree of Kerala) नारियल का पेड़(Coconut Tree)।
प्रमुख पुष्प (State Flower of Kerala) गोल्डन शॉवर पुष्प(Golden Shower)।
प्रमुख फल (State Fruit of Kerala) कठहल(Jackfruit)।
राज्य अंतर्गत कुल जिलों की सँख्या (Total Districts in Kerala) १४(14th)
राज्य में मौजूद कुल तालुका (तहसील की सँख्या-Total Taluka in Kerala) ७७(77th)
राज्य अंतर्गत कुल ग्रामीण विभागों की सँख्या (Total Villages in Kerala) १६७०।
केरल राज्य में मौजूद कुल शहरों की संख्या (Total City in Kerala) ४४२।
केरल राज्य का साक्षरता दर (Literacy Rate of Kerala) ९६.२ प्रतिशत(%)
केरल राज्य अंतर्गत कुल ग्राम पंचायत सँख्या (Panchayat in Kerala) ९४१।
केरल राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Kerala) कुट्टियूम कोलम(गिल्ली डंडा)
केरल का सबसे बड़ा जिला (Largest District Of Kerala) पलक्कड़।
वित्तीय तथा राज्यनिहाय केरल राज्य की कोड सँख्या (State Code of Kerala) ३२ (Thirty Two)
केरल राज्य का पारंपारिक नृत्य (Dance of Kerala) कथकली।
केरल राज्य का प्राचीन नाम(Old Name of Kerala) केटलापूतो/चेरस

केरल राज्य की जानकारी – Kerala information in Hindi

चेरा साम्राज्य केरल के पहला मुख्य साम्राज्य था। आम युग (CE और AD) में दक्षिण में आय साम्राज्य और उत्तर में एज्हिमाला साम्राज्य की स्थापना की गयी थी। 3000 BCE से ही यह क्षेत्र मुख्य मसाला निर्यातक रहा है। राज्य के व्यापार में महत्व को प्लिनी के कार्यो में देखा जा सकता है। 15 वी शताब्दी में मसालों के व्यापार ने पुर्तगाली व्यापारियों को केरल आने के लिए आकर्षित किया और भारत में यूरोपीय उपनिवेशण के सारे रास्ते साफ़ हो गये। 20 वी शताब्दी के शुरू में, भारतीय स्वतंत्रता अभियान के समय केरल में दो प्रांतीय राज्य थे – त्रावण कोर राज्य और कोची साम्राज्य। 1949 में थिरु-कोच्ची नामक राज्य के निर्माण के लिए इन्हें मिला दिया गया। केरल के उत्तरी भाग में मालाबार क्षेत्र, ब्रिटिश भारत में मद्रास प्रान्त का भाग था, जो आज़ादी के बाद मद्रास राज्य का भाग बना। राज्य पुनर्गठन एक्ट, 1956 के तहत वर्तमान केरल राज्य का निर्माण मद्रास राज्य के मालाबार जिले, थिरु-कोच्ची राज्य और कासरगोड तालुका और दक्षिण कनारा को मिलाकर किया गया। आठवी शताब्दी में चेरा के प्राचीन साम्राज्य के विभाजन के बाद पहली बार केरल राज्य का एकीकरण किया गया। आज केरल के लोग पारंपरिक जीवन जीते है और समृद्ध संस्कृति और विरासत के साथ ख़ुशी से जीवन जीते है। यहाँ 1 नवम्बर के दिन को केरालाप्पिरवी (केरल का जन्मदिन) दिवस के नाम से मनाते है। इसे मलयालम दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

केरल के जिले – Districts of kerala

इस राज्य में कुल 14 जिले है, जिनमे से हर एक जिला अद्वितीय गंतव्य और प्रलोभन के लिए प्रसिद्ध है।

  • थिरुवनंतपुरम
  • कन्नूर
  • अलाप्पुज्हा
  • कासरगोड
  • कोट्टयम
  • इडुक्की
  • थ्रिस्सुर
  • कोल्लम
  • पलक्कड़
  • पठानमथित्ता
  • मलप्पुरम
  • कोज्हिकोड़े
  • एर्णाकुलम
  • वायनाड

केरल राज्य की संस्कृति और परंपरा – Krala Culture and Tadition

इस राज्य को भारत का दक्षिण-पश्चिमी छोर भी कहाँ जाता है, जिसमे प्राचीन काल के केरला प्रांत का नाम केटलापूतो या चेरस था, इसका प्रमुख कारण यह भी है के मध्य केरल प्रांत में सबसे स्थिर और कुशल शासक के रूप में ‘चेरा वंश’ का अधिराज्य था। ब्रिटिश शासन के समय में त्रावणकोर केरल का प्रमुख व्यापारिक स्थान हुआ करता था, विपुल मात्रा में समुद्री तट होने के कारण इस राज्य को व्यापारिक दृष्टि से अधिक महत्व था। भारत से उच्च प्रति के मसालों का कच्चा माल, खुशबूदार पदार्थ, कपास इत्यादि केरल से होकर तत्कालीन ब्रिटेन में ले जाया जाता था। बात करे राज्य के संस्कृति और परंपरा की तो यहाँ आपको मिश्र पद्धति की जीवनशैली देखने को मिलेगी जिसमे प्राचीन काल से चलती आई भारतीय मान्यताओं के साथ पश्चिमी संस्कृति का मेलजोल अधिक दिखाई है। प्रचुर मात्रा में समुद्री तट होने के कारण यहाँ पर प्राचीन काल से विदेशी लोगो का आना जाना लगा रहता है, जिसमे अरब और खाड़ी के देशो का प्रभाव भी यहाँ के संस्कृति पर साफ झलकता है। राज्य में आपको दक्षिण भारतीय द्रविड़ जीवनशैली का अधिकतर प्रभाव देखने को मिलेगा जिनमे यहाँ के लोगो का खानपान, वेशभूषा, मान्यताये, कला संस्कृति, नृत्य, संगीत, त्यौहार इत्यादि शामिल है। केरल की वास्तुशैली में आपको सम्पूर्णतः द्रविड़ कलाशैली की अनोखी झलक देखने को मिलेगी, जिसमे यहाँ के प्राचीन मंदिर, स्मारक, भवन, प्रार्थना घर आदि शामिल होते है।कुल मिलाके केरल भारत का वो दक्षिणी राज्य है जिसने आधुनिकता के इस युग में लगभग सभी क्षेत्र में विकास किया है, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता ने राज्य के खूबसूरती में चार चाँद लगा दिए है। लगभग पुरे भारत में सबसे ज्यादा साक्षरता का दर कायम करने में भी केरल का अग्रक्रम लगता है, इससे ये साफ जाहिर होता है के यहाँ के लोग परंपरा और आधुनिकता दोनों को सहेज कर जीवन व्यापन करने पे भरोसा रखते है। मलयालम भाषा केरल की प्रमुख और आधिकारिक भाषा है, जिसका सबसे ज्यादा प्राथमिक तौर पर बोलीचाली में उपयोग किया जाता है, इसके अलावा यहाँ के लोग अंग्रेजी भाषा का भी अधिक तौर पर इस्तेमाल करते है। केरल के लोगो की अंग्रेजी भाषा समूचे भारत में जानी जाती है, जिसमे अंग्रेजी में यहाँ के लोग अधिक निपुण होते है।

केरल का धर्म – Religion of Kerala

भारत के दुसरे राज्यों की तुलना में केरल का अनुभव थोडा साम्प्रदायिक है। राज्य की आधे से ज्यादा जनसँख्या हिन्दू धर्म को मानती है, इसके बाद इस्लाम और क्रिस्चियन धर्म की बारी आती है। मलप्पुरम जिले को छोड़कर बाकी सभी जिलो में हिन्दू धर्म के लोगो की संख्या ज्यादा है, मलप्पुरम जिले में मुस्लिम जनजाति के लोगो की संख्या ज्यादा है। भारत के केरल राज्य में सर्वाधिक क्रिस्चियन समुदाय के लोग रहते है। पौराणिक किंवदंतियों के अनुसार केरल की उत्पत्ति हिन्दू धर्म से हुई। केरल ने भारत को बहुत से संत और स्मारक दिए है। हिंदुत्व और अद्वैत दर्शन का प्रसार करने वाले आदिशंकराचार्य एक धार्मिक दर्शनशास्त्री थे, जिनका सम्बंध केरल से है। अशोक के समय में यहाँ बुद्ध धर्म काफी प्रसिद्ध था लेकिन 12 वी शताब्दी से यह भी धूमिल हो गया। कुछ हिन्दू समुदाय जैसे सामंत क्षत्रिय्म अम्बलावासी, नायर, तिय्यास और मुस्लिम मरुमाक्काथायम के नाम से जाने जानी वाली पारंपरिक मैट्रिलिनियल प्रणाली अपनाते थे, जबकि भारत की आज़ादी के बाद यह प्रणाली भी धूमिल हो गयी। भारत के दुसरे राज्यों की तुलना में केरल राज्य में लिंग असमानता की मात्रा ज्यादा है।

केरल की भाषा – Language of Kerala

यहाँ के लोग मलयालम बोलते है। ज्यादातर लोग सामान्य अंग्रेजी समझते है लेकिन कुछ लोग बोल नही पाते। स्थानिक लोग तमिल भाषा का प्रयोग करते है।

केरल राज्य की संगीत और नृत्यकला – Folk Dance in Kerala State

इस राज्य की संगीत और नृत्यकला अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है, जिसमे आपको यहाँ पर शास्त्रीय संगीत में मलायलम साहित्य का अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। प्राचीन काल से हिन्दू मान्यता अनुसार मंदिर और पूजागृह में भजन, कीर्तन इत्यादि में अधिकतर शास्त्रीय संगीत शामिल होता आया है, जिसकी रचना विभिन्न शास्त्रीय राग पर आधारित होती है।इसके अलावा कथकली नृत्य संगीत, गझल, आधुनिक फिल्म संगीत, पश्चिमी देशों का पॉप गीत संगीत,कनन्या, ओट्टंथुल्लल, पुल्लूवार गीत संगीत का अधिक प्रचलन है जिसमे लोकगीत भी शामिल है। संगीत के विभिन्न उपकरणों में मड्डालम (तबला), थिमीला (डमरू), इलाथलम ( ताश/झांज), इडक्का ( छोटे ड्रम के आकार का संगीत उपकरण) इत्यादि का उपयोग किया जाता है। यहाँ की नृत्यकला काफी समृध्द है जिसका जिक्र समूचे भारत में होता है, यहाँ के नृत्य प्रकारो में आपको संस्कृति और धार्मिक मान्यता का मेलजोल दिखाई पड़ता है जिसमे शामिल प्रमुख नृत्य प्रकार होते है जैसे के – मोहिनीअट्टम, थेय्यम, थिरुवथिरुकली, चक्यार कूथू कूडियाट्टम, ओट्टमथुल्लाल इसके अलावा केरल राज्य का प्रमुख और प्रसिध्द पारंपारिक नृत्य ‘कथकली’ इत्यादि।

केरल राज्य के लोगो का भोजन प्रकार – Staple Food of Kerala State

इस राज्य के भोजन प्रकारो में शाकाहारी और माँस से बने व्यंजन शामिल होते है जिसमे अधिकतर सी फूड्स यानि समुद्री भोजन का उपयोग किया जाता है। यहाँ के भोजन में अधिक मात्रा में चावल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमे चावल से बने विभिन्न व्यंजन शामिल है जैसे के इडली, दोसा, सांभर वडा, उत्तपम, भात आदि शामिल होते है। निचे हम आपको केरल के भोजन में प्रमुखता से शामिल होनेवाले शाकाहारी और माँस के व्यंजन की सूचि दे रहे है, जिससे आपको समझने में और अधिक आसानी होगी।

केरल के शाकाहारी व्यंजन – Vegetarian Dishes of Kerala
  • अप्पम (नारियल का दूध, नारियल के पानी, चावल यीस्ट और चीनी के मिश्रण से बननेवाला पदार्थ)
  • पुट्टु और कड़ाला करी (उबले हुए चावल का केक और केले के पत्ते से बननेवाला व्यंजन)
  • एरिसेरी
  • ईला सादा
  • दोसा घी रोस्ट विथ सांभर
  • इडली सांभर
  • मालाबार पैरोटा
केरल में माँस से बननेवाले प्रमुख व्यंजन प्रकार – Non Vegetarian Dishes of Kerala
  • झिंगा करी
  • नादान कोझी वरुथु
  • नादान बीफ फ्राई
  • करीमीन पोलीचाथु
  • इडियप्पम विथ करी (चावल का आटा, नमक, और पानी के मिश्रण से बननेवाला व्यंजन जिसे आम तौर पर अंडा करी के साथ खाया जाता है)
  • थालास्सेरी बिरयानी
  • फिश मोली
  • कल्लूमक्काया उलारथियाथु
  • एराची वरुथार्चा करी

केरल के लोगों की मुख्य वेशभूषा – Costume/Dress of Kerala

भारतीय राज्य केरल की वेशभूषा खुदमे अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखती है, जिसमे ‘मुंडू’ नामक परिधान महिला और पुरुषो के लिए एक सा होता है, मुंडू कमर से निचे पैरो तक पहना जाने वाला वस्त्र प्रकार होता है जो के आम तौर पर सफ़ेद रंग का होता है। केरल के पुरुषो के मुख्य परिधान में मुंडू और मेलमुंडु वस्त्र प्रकार शामिल होता इसके अलावा शर्ट, टी शर्ट के साथ मुंडू वस्त्र भी अधिकता से पहना जाता है। त्यौहार और अन्य खुशियों के मौको पर पुरुषो के पोशाख में मुंडू और जब्बा शामिल होता है वही कुर्ता और शेरवानी भी पहनने का प्रचलन यहाँ आम तौर पर देखा जा सकता है। आजकल शर्ट, टी शर्ट के साथ साधा तथा जींस पैंट पहनने का चलन भी यहाँ अधिकता से देखने को मिलता है। बात करे महिलाओ के परिधान की तो साड़ी यहाँ पर आम तौर पर सभी महिलाओ द्वारा पहना जाने वाला पोशाख है, इसके अलावा मुंडू और ब्लाउज, मुंडम नेरियाथम, सलवार कुर्ती भी यहाँ पे खास तौर पर पहना जाता है। मुस्लिम महिलाओ में बुरखा इत्यादि साड़ी या सलवार कुर्ती के ऊपर पहनने का प्रचलन भी आम तौर पर दिखाई देता है।

केरल राज्य के प्रमुख शिक्षा संस्थान/ यूनिवर्सिटी – Educational Institutions/ Universities in Kerala State

निचे हम आपको केरल राज्य में मौजूद प्रमुख शिक्षा संस्थानों का ब्यौरा दे रहे है, जिसमे आपको केरल राज्य में मौजूद सभी प्रमुख शिक्षा संस्थानों के बारे में जानकारी हासिल होगी।

  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ कालिकत – मलप्पुरम
  • कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी – कोची
  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ केरल – तिरुअनंतपुरम
  • ए पी जे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटीकेरल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस – थ्रिसुर
  • कन्नूर यूनिवर्सिटी – कन्नूर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी – तिरुअनंतपुरम
  • केरल यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चरल
  • भारतीय प्रौद्योगिकी शिक्षा संस्थान – पलक्कड़
  • महात्मा गाँधी यूनिवर्सिटी – कोट्टायमइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी- कोट्टायम
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस – कोची

केरल राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल – Famous Tourist Places in Kerala

Tourist Places in Kerala

केरल भारत का विकसित और समृध्द राज्य है, जिसको प्राकृतिक सुंदरता का अनमोल उपहार मिला हुआ है राज्य में आपको विभिन्न सुंदर स्थल देखने को मिलेंगे जिसमे प्राकृतिक समुद्री तट, वॉटर फॉल्स, प्राचीन मंदिर, भवन, स्मारक, नेशनल पार्क, वन्यजीव अभयारण इत्यादि शामिल है। निचे हम आपके जानकारी हेतु ऐसेही कुछ प्रसिध्द स्थलों की जानकारी दे रहे जिसे जानकर आपको एक बार अवश्य ऐसे जगह पर घूमने जाने का विचार मन में आयेगा।

  • एडक्कल गुफाएँ
  • अनामुडी पर्वत श्रेणी
  • कोचीन बंदरगाह
  • अथिरपिल्ली वॉटर फॉल्स
  • चेम्ब्रा पर्वत
  • एराविकुलम नॅशनल पार्क
  • चेराई समुद्री तट
  • वर्कला समुद्री तट
  • बेकल किला
  • मुट्टापट्टी डैम
  • साइलेंट वैली नॅशनल पार्क
  • पथीरामनल आइसलैंड
  • कुरुवाद्वीप
  • चीयप्पाऱा वाटरफॉल्स
  • अष्टमुंडी लेक
  • सूचीपारा वाटरफॉल्स
  • कृष्णापुरम पैलेस
  • विलिंग्डन आइसलैंड
  • जटायु अर्थ सेंटर
  • कोझिकोड समुद्री तट
  • तुषारगिरी वाटरफॉल्स
  • सीसाइड होम स्टे
  • बोलगट्टी पैलेस एंड आइसलैंड रिसोर्ट
  • वंडरला एम्यूजमेंट पार्क
  • पलक्कड़ किला
  • वाई पिन
  • मालमपुझ्झा डैम
  • पोनमुडी हिल स्टेशन
  • चंद्रगिरी किला
  • बनासुरा हिल्स

केरल राज्य में मौजूद पवित्र धार्मिक स्थल – Temples in Kerala

Temples in Kerala

केरल में हिन्दू, मुस्लिम, ख्रिश्चन, बौध्द,जैन आदि धर्मो के लोगो का अधिवास है, इसलिए यहाँ पर इन सभी धर्मो से जुड़े पवित्र धार्मिक स्थल मौजूद है ऐसेही कुछ धार्मिक स्थलों का विवरण हमने निचे दिया हुआ है, जैसे के;

  • श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर – तिरुअनंतपुरम
  • श्री वडक्कुनाथन मंदिर – थ्रिसुर
  • गुरुवायुर मंदिर
  • तजहथंगडी जुमा मस्जिद
  • पैराडेसी सिनगॉग
  • अवर लेडी ऑफ़ डोलोरस बैसिलिका चर्च
  • चेंगन्नूर महादेव मंदिर
  • सेंट एंडरीव्ज़ बैसिलिका चर्च
  • तिरुवम्बाडी श्री कृष्ण मंदिर
  • मलिक दीनार जुमा मस्जिद
  • परमेक्कावु भगवती मंदिर
  • सेंट फ्रांसिस सी एस आई चर्च
  • अनन्तनाथ स्वामी जैन मंदिर

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