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छत्तीसगढ़ राज्य का इतिहास और जानकारी

Chhattisgarh History in Hindi

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवम्बर 2000 को हुआ। यह राज्य देश का 10 वा विशालतम राज्य है। जनसँख्या के साथ यह भारत का 17 वा सर्वाधिक जनसँख्या वाला राज्य है।

छत्तीसगढ़ राज्य का इतिहास और जानकारी – Chhattisgarh History in Hindi

राज्य का नाम (Name of State) छत्तीसगढ़ (Chattisgarh)
छत्तीसगढ़ की राजधानी (Capital of Chhattisgarh) रायपुर (Raipur)
राज्य निर्मिती का साल (State Formation Year) १ नवंबर २०००।
क्षेत्रफल अनुसार राज्य का देश में स्थान नववा (9th)
जनसँख्या अनुसार राज्य का देश में स्थान सतरवा (17th)
राज्य का कुल साक्षरता दर ७०.२८ प्रतिशत (%)
छत्तीसगढ़ के ज़िले (District in Chhattisgarh) २७(Twenty Seven)।
कुल तालुका (तहसील) की संख्या ११७ (0ne Hundred and Seventeen)
कुल ग्रामीण विभागों की संख्या २०,६१९।
प्रमुख भाषाए (Languages of Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ी और हिंदी।
राज्य का प्रमुख जानवर (State Animal of Chhattisgarh) जंगली भैस।
प्रमुख पक्षी (State Bird of Chhattisgarh) पहाड़ी मैना।
प्रमुख पेड़ (वृक्ष) (State Tree of Chhattisgarh) साल वृक्ष।
प्रमुख फूल (पुष्प) (State Flower of Chhattisgarh) ऑर्चिड पुष्प।
प्रमुख फल (State Fruit of Madhya Pradesh) अमरुद।
वित्तीय तथा राज्यनिहाय छत्तीसगढ़ की कोड संख्या (State Code of Chhattisgarh) बाईस (22th)
राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Chhattisgarh) तीरंदाजी।
छत्तीसगढ़ की कुल जनसँख्या (Population of Chhattisgarh) २,९४,३६,२३१। (साल २०११ के जनगणना अनुसार)

छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी – Chhattisgarh Information in Hindi

प्राचीन समय में यह क्षेत्र दक्षिण कोसला के नाम से जाना जाता था। छठी और 12 वी शताब्दी के बीच शरभपुरी, पांडूवंशी, सोमवंशी, कालाचुरी और नागवंशी शासको ने क्षेत्र पर राज किया। 11 वी शताब्दी में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र पर चोल साम्राज्य के राजेन्द्र चोल प्रथम और कुलोथुंगा चोल प्रथम ने आक्रमण किया था। 1741 से 1845 तक छत्तीसगढ़ मराठा साम्राज्य के नियंत्रण में था।

1845 से 1947 तक छत्तीसगढ़ पर ब्रिटिशो का नियंत्रण था। 1845 में ब्रिटिश के आगमन के साथ ही रतनपुर की जगह पर रायपुर ने शोहरत हासिल कर ली। 1905 में संबलपुर जिले को ओडिशा में स्थानांतरित किया गया और सुरगुजा राज्य को बंगाल से छत्तीसगढ़ स्थानांतरित किया गया।

क्षेत्र में नए क्षेत्र को मिलाकर 1 नवम्बर 1956 को नये राज्य की स्थापना की गयी और बाद में यह आज़ादी के 44 वर्षो तक राज्य का ही भाग रहा। नव राज्य मध्यप्रदेश का हिसा बनने से पहले यह क्षेत्र प्राचीन मध्यप्रदेश राज्य का हिस्सा था, जिसकी राजधानी भी भोपाल ही थी।

इससे पहले ब्रिटिश राज में यह क्षेत्र केंद्रीय प्रांत और बरार का हिस्सा था। छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ क्षेत्र ब्रिटिश शासन के समय केंद्रित प्रान्त हुआ करते थे, लेकिन बाद इन्हें मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया। सबसे पहले 1920 में स्वतंत्र राज्य की मांग की गयी थी। इसके बाद थोड़े समय के अंतराल में बार-बार यह मांग होती रही, लेकिन कभी भी इसके लिए किसी अभियान की स्थापना नही की गयी।

हमेशा सभी राजनितिक पार्टियाँ आपस में आती थी, सामाजिक सभाए, सेमिनार, रैली और हड़ताले होती थी। 1924 में रायपुर कांग्रेस यूनिट ने स्वतंत्र राज्य की मांग की और साथ ही त्रिपुरा में भारतीय कांग्रेस की वार्षिक सभा में भी इस बात पर चर्चा की गयी। छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय कांग्रेस संस्था को स्थापित करने की बार पर भी चर्चा की गयी थी।

1954 में जब राज्य पुनर्गठन कमीशन की स्थापना की गयी तो स्वतंत्र छत्तीसगढ़ राज्य की मांग को सामने लाया गया, लेकिन इस बात की तब भी मंजूरी नही मिली। 1955 में नागपुर असेंबली में स्वतंत्र राज्य की मांग की गयी, जो उस समय मध्य भारत में आता था।

1990 में विरोध की और भी गतिविधियाँ देखने मिली। जिसमे राज्य में राजनितिक फोरम की स्थापना करना और विशेषतः राज्य निर्माण मंच की स्थापना करना भी शामिल था। चंदुलाल चद्रकर ने फोरम का नेतृत्व किया और फोरम में बहुत से सफल क्षेत्रीय आंदोलनों का आयोजन किया गया। फोरम के इन आंदोलनों को सभी संस्थाओ से सहायता मिल रही थी, जिसमे भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस भी शामिल थी।

नये राष्ट्रिय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने पुनः तैयार किये हुए छत्तीसगढ़ बील को अनुमोदन के लिए मध्यप्रदेश असेंबली भेजा, जहाँ एक बार फिर इसे सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया और लोक सभा में पेश किया गया। स्वतंत्र छत्तीसगढ़ का बील लोकसभा और राज्यसभा में पारित किया गया और स्वतंत्र छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का रास्ता भी साफ़ हो गया।

25 अगस्त 2000 को भारत के राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश पुनर्गठन एक्ट 2000 के तहत अपनी सहमति भी दे दी। भारत सरकार ने 1 नवम्बर 2000 को ही मध्य प्रदेश राज्य को छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश नामक दो राज्यों में विभाजित किया।

छत्तीसगढ़ राज्य के जिले – Districts List of Chhattisgarh

विस्तार के दृष्टी से भारत के प्रमुख दस जिलों में छत्तीसगढ़ राज्य शामिल है, जिसके अंतर्गत कुल २७ राज्य, मौजूद है। संक्षिप्त में हम छत्तीसगढ़ के सभी राज्यों पर दृष्टी डालने वाले है, जैसा के;

  1. बालोद
  2. बिलासपुर
  3. बलौदाबाजार – भाटापारा
  4. बलरामपुर
  5. कोरबा
  6. बस्तर
  7. गरियाबंद
  8. बेमेतरा
  9. बीजापुर
  10. जशपुर
  11. दंतेवाड़ा
  12. धमतरी
  13. दुर्ग
  14. जांजगीर चांपा
  15. कांकेर
  16. कबीरधाम
  17. कोंडागांव
  18. कोरिया
  19. महासमुंद
  20. मुंगेली
  21. नारायणपुर
  22. रायगढ़
  23. रायपुर
  24. राजनांदगाव
  25. सुकमा
  26. सूरजपुर
  27. सरगुजा

छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख नदियाँ – Rivers of Chhattisgarh

यहाँ हम एक नजर डालते है राज्य अंतर्गत बहनेवाली प्रमुख नदियों पर जो के निचे दी हुयी है, जैसे के;

  • शिवनाथ
  • सोंढुर
  • महानदी
  • हसदेव
  • अरपा
  • झोंक
  • गोदावरी
  • पैरे
  • इंद्रावती
  • सोन
  • रिहांद
  • तांदुला
  • कन्हार
  • सबरी

छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृती और परंपरा – Culture and Tradition of Chhattisgarh

पूर्व काल से ही छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासी लोगो का स्थान माना जाता है, जिसमे राज्य के अधिकतर विभागों में आदिवासी बहुल इलाके मौजूद है। जाहिर सी बात है इसी कारण यहाँ के जीवनशैली और संस्कृती में प्राचीन मान्यताये और रीतिरिवाजो का अधिक प्रभाव देखा जाता है, इसी के अनुसार राज्य में पर्व त्यौहार आदि को मनाया जाता है।

आज के आधुनिकता के युग में भी यहाँ की सामाजिक जीवनशैली और समाज व्यवस्था में आधुनिकता और आदिवासी जनजीवन की सभ्यता का मिश्रण देखने को मिलता है। राज्य में मौजूद आदिवासी समुदाय में प्रमुखता से गोंड, डोरला, हलबा, सावरा, भयाना गरिबंध, मांजी, कवर, राजगोंड, कामर सुरगुजा, मुंडा इत्यादि मौजूद है।

छत्तीसगढ़ में प्रमुख तौर पर हिंदू धर्म के लोग अधिकता से पाए जाते है इसके अलावा मुस्लिम और बौध्द धर्म के लोग भी पाए जाते है। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम और माता सीता का भी कुछ साल तक इस राज्य में निवास था जिसके कुछ ऐतिहासिक सबुत भी यहाँ पाए गए है, इसी कारण राज्य में हिंदू त्यौहारों में भगवान श्रीराम से जुड़े त्यौहार भी हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते है।

आदिवासी परंपराओं और रीतिरिवाजों के साथ साथ राज्य में सतनामी, कबीरपंथी, रामनामी पंथ की मान्यता को माननेवाला जनसमुदाय मौजूद है, जो उनके पंथ अनुसार जीवन व्यापन करते है। माना जाता है की प्राचीन आदिवासी 10000 वर्षो से भी ज्यादा समय के लिए बस्तर में रह रहे थे।

बाद में कुछ समय बाद आर्यों ने भारतीय मुख्य भूमि पर कब्ज़ा कर लिया।

एक नजर डालेंगे यहाँ पर रह रहे आदिवासी समुदाय के प्रमुख प्रकारो पर, जिनकी सूचि निम्नलिखित तौर पर है;

  • भुंजिया कोरबा –कोरबा
  • बस्तर – गोंड
  • हल्बा
  • अबिजमारिया
  • बिसोन्होर्ण मारिया
  • गोंड
  • मुरिया
  • भत्रा
  • परजा
  • धुर्वा दंतेवारा – मुरिया
  • दंदामी मरिया उर्फ़ गोंड,
  • दोरला
  • हल्बा कोरिया – कोल
  • सावरा गोंड
  • राजगोंड
  • कावर
  • भैयाना
  • बिंज्वर
  • सावरा
  • मंजी
  • भयना गरियाबंध
  • मैनपुर
  • धुरा
  • धमतरी – कमर सुरगुजा
  • जशपुर – मुंडा।

छत्तीसगढ़ का संगीत और नृत्यकला – Folk Dance and Music of Chhattisgarh.

राज्य अंतर्गत प्रमुख नृत्य प्रकारो में पंथी, पंडवानी, रौत नाच, सुवा, करमा, भगोरिया, फग, लोटा इत्यादि शामिल होते है, जिसमे अधिकतर आदिवासी समुदाय के नृत्यप्रकार होते है जिन्हे सालभर आनेवाले त्यौहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक पर्व तथा ख़ुशी के मौकों पर किया जाता है।

बात करे संगीत की तो आदिवासी समुदाय द्वारा गाया जानेवाला सोहार गीत राज्य की खास विशेषता है, जिसमे गीत द्वारा ख़ुशी और उल्लास के भावो को व्यक्त किया जाता है। इसके अलावा बिहाव और पाथोगनी गीत भी खासे प्रचलित है जो के त्यौहार आदि के समय गाये जाते है जिनपर नृत्य भी किया जाता है, नई फसल के काटने के समय चेर चेरा गीत गाया जाता है।

धार्मिक पर्व पर गौरा गीत माता पार्वती के पूजन समय गाया जाता है, तो वही चाउ मउ, फुगड़ी, काउ माउ, कुड़वा, लोरिया आदि प्रकार के बालगीत भी राज्य के विभिन्न इलाको में गाये जाते है। बसंत के मौसम में फ़ाग बसंत गीत और बरसात में सवनाही आदि प्रकार के गीत भी राज्य का प्रमुख आकर्षण होते है, सभी गीत प्रकारो में ढोल, बांसुरी, शहनाई, मंजीरा, ताशा इत्यादि संगीत वाद्य प्रकारो का इस्तेमाल किया जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों का प्रमुख भोजन – Staple Food of Chhattisgarh

यहाँ आप छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के खानपान में प्रमुखता से शामिल विभिन्न व्यंजनों के बारे में जानकारी हासिल करनेवाले है, जिसमे सब्जी और रोटी के अलावा निम्नलिखित तौर पर व्यंजन शामिल है जैसे के;

  1. आमात (सांभर का एक प्रकार)
  2. चिला (पराठे का एक प्रकार)
  3. मुथीआ (चावल से बननेवाला व्यंजन)
  4. साबूदाना खिचड़ी
  5. भजिया
  6. फारा (देसी पध्दति के मोमोज)
  7. बडा (दक्षिण भारतीय पद्धति का वडा)
  8. खुरमा (सेवैय्या का एक प्रकार)
  9. तिलगुड़
  10. डुबकी कढ़ी
  11. बफौरी (पकौड़े का एक प्रकार)

छत्तीसगढ़ के लोगो की वेशभूषा – Costume/Dress of Chhattisgarh Peoples

राज्य की महिलाओ के पारंपरिक वेशभूषा में साड़ी शमिल होती है जो के कछोरा पद्धति की होती है जिसे आम भाषा में लुगड़ा कहाँ जाता है, इसके अलावा ब्लाउज पहना जाता जिसे स्थानिक आम भाषा में पोलखा कहते है। साड़ी के वस्त्र प्रकार में सूती, सिल्क आदि से बनी साडिया काफी पसंदीदा तौर पर उपयोग में लाई जाती है।

पुरुषो के पहनावे में मुख्यतः धोती तथा बिना अस्तीन की जैकेट पहनने का काफी प्रचलन है इसके साथ सर पर पगड़ी भी पहनी जाती है, वही शहरी विभागों में पैंट, शर्ट, टी शर्ट आदि भी पहना जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य के पैलेस – Chhattisgarh Palace

छत्तीसगढ़ राज्य में बहुत से पैलेस देखने मिलते है। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रसिद्ध पैलेस निम्न है –

  • पैलेस कवर्धा
  • बस्तर पैलेस
  • कवर्धा कंकर पैलेस

छत्तीसगढ़ राज्य के मंदिर – Temples of Chhattisgarh

Temples of Chhattisgarh

प्राचीन समय में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोशल के नाम से जाना जाता था, जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में किया गया है। समय के साथ-साथ इस क्षेत्र पर हिन्दू साम्राज्यों ने राज किया और बहुत से मंदिरों का भी निर्माण किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य मंदिर निम्न है:

  • जांजगीर चंपा मदनपुरगढ़ देवी मंदिर
  • लक्ष्मण मंदिर और गंधेश्वर मंदिर
  • सिरपुर बारसूर दंतेश्वरी मंदिर
  • सुरगुज शंकर मंदिर
  • दंतेवाड़ा शिवानी मंदिर
  • कंकर चंडी मंदिर
  • डोंगरगढ़ महामाया मंदिर
  • सुरगुज कुंदर्गढ़
  • दीपदिह
  • सुरगुज विष्णु मंदिर
  • पिथमपुर शिव मंदिर- जांजगीर चंपा
  • त्रिपुर सुंदर देवी मंदिर- जांजगीर चंपा घटादै (पाहरिया)
  • जांजगीर चंपा शिवरीनारायण लक्ष्मीनारायण मंदिर
  • जांजगीर चंपा खरुद नगर लक्ष्मनेश्वर मंदिर
  • तुर्रिधाम शिव मंदिर – जांजगीर चंपा
  • अष्टभुजी मंदिर- जांजगीर चंपा अद्भर
  • चन्द्रहसिनी देवी मंदिर- जांजगीर चंपा
  • माझ्या मंदिर- जांजगीर चंपा गंगा
  • रतनपुर मल्ल्हार का दुर्ग मंदिर।

छत्तीसगढ़ राज्य के वॉटरफॉल – Waterfall of Chhattisgarh State

छत्तीसगढ़ में भारत के बेहतरीन वॉटरफॉल है, दुनिया के दुसरे वॉटरफॉल से भी आप इसकी तुलना कर सकते हो। उनमे से कुछ निम्न है:

  • चित्रकोट
  • दंतेवाडा मलंझ कुडुम
  • कोरिया गावर घाट
  • तिरतगढ़
  • मंडवा
  • सुरगुज केँदै
  • चित्रशारा
  • थमादा घुमर
  • मेंदरी घूमर
  • बोधघाट साथ धारा
  • कंकर छर्रे मर्रे
  • कोरिया रामदाहा
  • कोरिया अकुरी नाला
  • कोरिया पवाई
  • सुरगुज राजपुरी
  • कंकर अमृत धारा
  • जशपुर दंपुरी
  • जशपुर राणी दाह

छत्तीसगढ़ राज्य की प्राचीन गुफा – Ancient Caves of Chhattisgarh State

आदिवासी बस्तर जिले के पहाड़ी क्षेत्र और कुंवारी केजर घाटी के जंगल बहुत सी प्राचीन गुफाओ का घर रह चुके है। मानसून के समय कुछ समय के लिए इन गुफाओ को बंद रखा जाता है। बाद में बस्तर लोकोत्सव के समय इन्हें खोला जाता है। गाइड सावधानीपूर्वक पर्यटकों को अंदर और बाहर ले जाते है।

जबकि, 8 साल के कम बच्चो और 60 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगो को गुफा में ना आने की सलाह दी जाती है। गुफा में जाने से पहले पैदल चलने वाले जूते जरुर पहन ले। गुफा में जाते समय नाममात्र प्रवेश शुल्क लिया जाता है। इसमें गाइड की लागत भी शामिल है, जो आपको पूरी गुफा घुमाता है।

छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल – Tourist Places in Chhattisgarh

Tourist Places in Chhattisgarh

राज्य अंतर्गत आनेवाले प्रमुख दर्शनीय स्थलों की जानकारी आप यहाँ हासिल कर पाएंगे, इसमें विभिन्न प्राकृतिक सुंदरता से पूर्ण स्थलों के बारे में आप जान पाएंगे जो के पर्यटन की दृष्टी से काफी ज्यादा महत्व रखते है तथा देश दुनिया में प्रसिद्ध स्थल है। जैसे के;

  • चित्रकोट वॉटरफॉल
  • राजीव गाँधी स्मृति वन
  • महाकोशल आर्ट गैलरी
  • पुरखौती मुक्तांगन
  • कांगेर वैली नेशनल पार्क
  • तीरथगढ़ फॉल्स
  • महंत घासीदास मेमोरियल म्यूज़ियम
  • एम.एम फन सिटी रायपुर
  • कैलाश एंड कोटुमसर केव्ज
  • मैत्री बाग़
  • मणिपात
  • मदकू द्वीप
  • इंद्रावती नेशनल पार्क
  • अचानकमार वन्यजीव अभयारण
  • महामाया मंदिर
  • उदंती वन्यजीव अभयारण्य
  • गोमर्दा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट
  • लक्ष्मण मंदिर
  • उवादाग्गाहरम पर्श्वा तीर्थ
  • चैतुरगढ़ किला
  • रतनपुर फोर्ट
  • कंकर पैलेस

छत्तीसगढ़ के प्रमुख शिक्षा संस्थान/ यूनिवर्सिटी – Universities of Chhattisgarh.

  1. कलिंग यूनिवर्सिटी, रायपुर
  2. छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनिकी यूनिवर्सिटी, भिलाई
  3. अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय
  4. पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय
  5. गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी
  6. मैट्स यूनिवर्सिटी
  7. बस्तर यूनिवर्सिटी
  8. इंदिरा गाँधी एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी
  9. कुशाभाऊ ठाकरे जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी
  10. अमिटी यूनिवर्सिटी, रायपुर

छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य उत्सव – Famous Festival And Fair in Chhattisgarh

  • रतनपुर मेला
  • बस्तर दशहरा / दुर्गा पूजा
  • गोवर्धन पूजा
  • बस्तर लोकोत्सव
  • मंदी महोत्सव
  • राजिम कुम

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