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मुग़ल साम्राज्य का रोचक इतिहास

Mughal History in Hindi

मुग़ल साम्राज्य की शुरुवात अप्रैल, 1526 में इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच हुए पानीपत के युद्ध के बाद हुई थी। इस युद्ध में जीत के बाद भारत में दिल्ली सत्लनत के शासन का खात्मा हुआ और मध्यकालीन भारत में मुगल वंश की नींव रखी गई, जिसके बाद करीब 18 वीं शताब्दी, देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम तक मुगलों ने भारतीय उपमहाद्धीप पर राज किया था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आने तक भारत में मुगलों ने अपना शासन चलाया था।

मुगल सम्राज्य एक काफी कुशल, समृद्ध एवं संगठित सम्राज्य था। मुगल वंश का शासन, भारत के मध्ययुगीन इतिहास के एक युग परिवर्तन को प्रदर्शित करता है। मुगलकालीन भारत में ही कला, शिल्पकला का विकास हुआ। भारत में ज्यादातर खूबसूरत एवं ऐतिहासिक इमारतें मुगलकाल के समय में ही बनाईं गईं थी।

इन इमारतों में सांची के स्तूप, आगरा में स्थित दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल, दिल्ली का लालकिला, अजंता-एलोरा की गुफाएं, उड़ीसा के प्रसिद्ध मंदिर, खजुराहो के मंदिर, तंजौर की अद्भुत मूर्तिकला, शेरशाह सूरी का ग्रैंड ट्रंक रोड, बीजापुर का गोल गुंबद आदि शामिल हैं। तो आइए जानते हैं मुगल वंश के इतिहासके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी–

मुग़ल साम्राज्य का रोचक इतिहास – Mughal History in Hindi

मुगल वंश के बारे मे जानकारी – About Mughal Empire in Hindi

साम्राज्यवंश का नाम मुगल वंश
शासन काल १५२६-१८५७
प्रमुख सत्ताकेंद्र स्थान
  • दिल्ली,
  • औरंगाबाद,
  • आग्रा
प्रमुख शक्तिशाली शासक
  1. बाबर,
  2. हुमायूँ,
  3. अकबर,
  4. जहाँगीर,
  5. शाहजहां,
  6. औरंगजेब
शासन काल मे कला से जुडी प्रमुख उपलब्धीया
  • ताजमहाल,
  • लाल किला,
  • जामा मस्जिद,
  • बीबी का मकबरा,
  • लाहोर मस्जिद,
  • मोती मस्जिद,
  • तक्ख्त-ए- ताउस इत्यादी
प्रथम शासक बाबर
अंतिम शासक बहादूर शाह जफर
साम्राज्य का कुल शासनकाल लगभग ३३१ साल

मुगल वंश के शासकों की सूची – List of Mughal Emperors in Hindi

शासक का नाम  शासनकाल 
बाबर (30 अप्रैल 1526-26 दिसम्बर 1530)
हुमायूं (26 दिसम्बर 1530 – 17 मई 1540)
अकबर (27 जनवरी 1556 – 27 अक्टूबर 1605)
जहांगीर (27 अक्टूबर 1605 – 8 नवम्बर 1627)
शाहजहाँ (8 नवम्बर 1627 – 31 जुलाई 1658)
औरंगजेब (31 जुलाई 1658 – 3 मार्च 1707)
बहादुरशाह (19 जून 1707 – 27 फ़रवरी 1712)
जहांदार शाह (27 फ़रवरी 1712 – 11 फ़रवरी 1713)
फर्रुख्शियार (11 जनवरी 1713 – 28 फ़रवरी 1719)
मोहम्मद शाह (27 सितम्बर 1719 – 26 अप्रैल 1748)
अहमद शाह बहादुर (26 अप्रैल 1748 – 2 जून 1754)
आलमगीर द्वितीय (2 जून 1754 – 29 नवम्बर 1759)
शाह आलम द्वितीय (24 दिसम्बर 1760 – 19 नवम्बर 1806)
अकबर शाह द्वितीय (19 नवम्बर 1806 – 28 सितम्बर 1837)
बहादुर शाह द्वितीय (28 सितम्बर 1837 – 14 सितम्बर 1857)

मुगल वंश का इतिहास – Mughal Samrajya ka Itihas

यहां हम आपको मुगल वंश के प्रमुख शासकों और उनके कार्यालय के बारे में संक्षिप्त में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। इनके बारे में विस्तार में जानने के लिए आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

  • मुगल वंश के संस्थापक बाबर (30 अप्रैल 1526-26 दिसम्बर 1530)

भारत में साल 1526 में पानीपत की लड़ाई के बाद भारत में लोदी वंश और दिल्ली सल्लनत का अंत हुआ एवं बाबर द्धारा मुगल वंश की स्थापना की गई। बाबर के बारे में एक नजर में

पूरा नाम जहीर-उद-दिन मुहम्मद बाबर
जन्म 14 फरवरी, 1483, अन्दिझान (उज्बेकिस्तान)
पिता उमर शेख मिर्जा (फरगना राज्य  के शासक)
माता कुतलुग निगार खानुम
पत्नियां
  • आयेशा सुलतान बेगम,
  • जैनाब सुलतान बेगम,
  • मौसमा सुलतान बेगम,
  • महम बेगम,
  • गुलरुख बेगम,
  • दिलदार अघाबेगम,
  • मुबारका युरुफझाई,
  • सहिला सुलतान बेगम,
  • हज्जाह गुलनार अघाचा,
  • नाझगुल अघाचा,
  • बेगा बेगम।
पुत्र / पुत्रियां हुमायूँ, कामरान, अस्करी, हिन्दाल,गुलबदन बेगम
शासन काल सन 1526 से 1530 ई.
निर्माण क़ाबुली बाग़ मस्जिद, आगरा की मस्जिद, जामा मस्जिद, बाबरी मस्जिद,नूर अफ़ग़ान,
मृत्यु 26 दिसम्बर 1530

बाबर, मुगल सम्राज्य का संस्थापक और पहला मुगल सम्राट था। बाबर ने भारत पर 5 बार हमला किया था। उसने 1519 ईसवी में यूसुफजई जाति के खिलाफ भारत में अपना पहला संघर्ष छेड़ा था, इस अभियान में बाबर ने बाजौर और भेरा को अपने कब्जे में कर लिया था।

Mughal Empire Weapons

मुगल सम्राट बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को पराजित कर दिल्ली और आगरा में अपना कब्जा जमा लिया, जिसके साथ दिल्ली सल्तनत का अंत हो गया और भारत में मुगल वंश की स्थापना की गई। 17 मार्च 1527 में मुगल सम्राट बाबर ने खानवा की लड़ाई में मेवाड़ के शक्तिशाली शासक राणा सांगा को पराजित किया।

इस युद्ध के बाद बाबर ने गांजी की उपाधि धारण कर ली थी। 1659 ईसवी में बाबर ने घाघरा की लड़ाई में अफगानी सेना को फिर से हार की धूल चटाई। मुगल शासक एक शक्तिशाली शासक होने के साथ-साथ बेहद दयालु था, जिसे उसकी उदारता के लिए कलंदर की उपाधि दी गई थी।

बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा की रचना की थी। आपको बता दें कि बाबर को मुबईयान नामक पद्य शैली का पितामह भी माना जाता है। बाबर की मृत्यु के बाद उसके पुत्र हुमायूं ने मुगल सम्राज्य का शासन संभाला। बाबर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें- बाबर का इतिहास और जानकारी

  • मुगल सम्राट हुमायूं:

पूरा नाम नासीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूं
जन्म 6 मार्च, सन् 1508 ई., क़ाबुल
पिता बाबर
माता माहम बेगम
शासन काल (26 दिसंबर, 1530 – 17 मई, 1540 ई. और 22 फ़रवरी, 1555 – 27 जनवरी, 1556 ई.)
उत्तराधिकारी अकबर
मृत्यु 27 जनवरी, सन् 1555 ई., दिल्ली

मुगल सम्राट हुमायूं दूसरा मुगल शासक था, जो कि 23 साल की उम्र में मुगल सिंहासन पर बैठा था। हूमायूं और शेरशाह की बीच हुई कन्नौज और चौसा की लड़ाई में, शेरशाह ने हुमायूं को पराजित कर दिया था, जिसके बाद हुमायूं भारत छोड़कर चला गया था।

करीब 15 साल के निर्वासित जीवन व्यतीत करने के बाद हुमायूं ने 1555 में सिकंदर को पराजित कर दिल्ली का राजसिंहासन संभाला था। मुगल सम्राट हुमायूं ने ही हफ्ते में सातों दिन सात अलग-अलग रंग के कपड़े पहनने के नियम बनाए थे। हुमायूं के बारे में और अधितर जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- मुग़ल शासक हुमायूँ का इतिहास

  • मुगल सम्राट अकबर द महान:

नाम अबुल-फतह जलालउद्दीन मुहम्मद अकबर
जन्म 15 अक्टूबर, 1542, अमरकोट
पिता हुमांयू
माता नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा
शासनकाल 11 फरवरी 1556 से 27 अक्टूबर 1605
उत्तराधिकारी जहांगीर
मृत्यु 27 अक्टूबर 1605 (फतेहपुर सीकरी, आगरा)

मुगल शासक हुमायूं की मृत्यु के बाद उनके पुत्र अकबर, मुगल सिंहासन की राजगद्दी पर बैठे थे। 14 साल की छोटी सी उम्र में ही अकबर को मुगल सम्राज्य का शासक बनाया गया था, इसलिए कुछ समय तक उनके पिता के मंत्री बैरम खां उनके संरक्षक रहे थे। मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में मुगल सम्राज्य की एक नई शुरुआत हुई थी।

इस दौरान भारतीय उपमहाद्धीप के ज्यादातर हिस्से पर मुगल सम्राज्य का विस्तार किया गया था। अकबर ने पंजाब, दिल्ली, आगरा, राजपूताना, गुजरात, बंगाल, काबुल, कंधार में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था।

अकबर के शासनकाल के दौरान आगरा किला, बुलंद दरवाजा, फतेहपुर सीकरी, हुमायूं मकबरा, इलाहाबाद किला, लाहौर किला, और सिकंदरा में उनका खुद का मकबरा समेत कई वास्तुशिल्प कृतियों का निर्माण भी किया गया। अकबर ”दीन ए इलाही” धर्म का प्रधान पुरोहित था।

  • अकबर के दरबार के नवरत्न Akbar ke Navratna
  1. बीरबल,
  2. अबुल फजल,
  3. मानसिंह,
  4. भगवानदास,
  5. तानसेन,
  6. फैजी।
  7. अब्दुर्रहीम खानखाना,
  8. मुल्ला दो प्याजा,
  9. टोडरमल,

अकबर के बारे में और अधिर जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर इतिहास

  • मुगल शासक जहांगीर (1605 से 1627 तक)

पूरा नाम मिर्ज़ा नूर-उद्दीन बेग़ मोहम्मद ख़ान सलीम जहाँगीर
जन्म 30 अगस्त, सन् 1569, फ़तेहपुर सीकरी
पिता अकबर
माता मरियम उज़-ज़मानी
विवाह नूरजहाँ, मानभवती, मानमती
शासनकाल सन 15 अक्टूबर, 1605-8 नवंबर, 1627

मुगल सम्राट अकबर की मृत्यु के बाद उनके बेटे सलीम, जहांगीर के नाम से मुगल सम्राज्य के शासक बने, वह अपनी शान-ओ-शौकत के लिए काफी मशहूर था। जहांगीर के राज में मुगल सम्राज्य का किश्ववर और कांगड़ा के अलावा बंगाल तक विस्तार तो किया गया, लेकिन उसके शासनकाल में कोई बड़ी लड़ाई और उपलब्धि शामिल नहीं है।

जहांगीर के सिंहासन पर बैठते ही उनके पुत्र खुसरो ने सत्ता पाने की चाहत में उनके खिलाफ षणयंत्र रच आक्रमण कर दिया, जिसके बाद जहांगीर और उसके पुत्र के बीच भीषण युद्ध हुआ। वहीं इस युद्द में सिक्खों के 5वें गुरु अर्जुन देव जी द्धारा खुसरों की मदद्द करने पर जहांगीर ने उनकी हत्या करवा दी थी।

Mughal Empire Images

Mughal Empire Images

जहांगीर चित्रकला का गूढ़ प्रेमी था, जिसने अपने महल में कई अलग-अलग तरह के चित्र इकट्ठे किए थे। उसके शासनकाल को चित्रकला का स्वर्णकाल भी कहा जाता है। जहांगीर को आगरा में बनी “न्याय की जंजीर” के लिए भी याद किया जाता है।

जहांगीर के उनके बेटे शाहजहां से भी रिश्ते अच्छे नहीं थे, हालांकि उनकी मौत के बाद शाहजहां को उनके उत्तराधिकारी बने थे। जहांगीर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- जहाँगीर का इतिहास

  • मुगल शासक शाहजहां (1628-1658)

पूरा नाम मिर्ज़ा साहब उद्दीन बेग़ मुहम्मद ख़ान ख़ुर्रम
जन्म 5 जनवरी, सन् 1592, लाहौर, पाकिस्तान
पिता जहांगीर
माता जगत गोसाई (जोधाबाई)
विवाह अर्जुमन्द बानो (मुमताज)
शासनकाल 8 नवम्बर 1627 से 2 अगस्त 1658 ई.तक
निर्माण ताजमहल, लाल क़िला दिल्ली, मोती मस्जिद आगरा, जामा मस्जिद दिल्ली
उपाधि अबुल मुज़फ़्फ़र शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन-ए-सानी, शाहजहाँ (जहाँगीर के द्वारा प्रदत्त)

 मुगल शासक शाहजहां को दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल के निर्माण के लिए याद किया जाता है, उन्होंने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में इस खूबसूरत इमारत का निर्माण करवाया था।

शाहजहां, मुगल सम्राज्य के सबसे बड़े लोकप्रिय बादशाह थे, जिन्हें पड़ोसी राज्यों के लोग अपनी विदेश नीति के लिए भी सर्वश्रेष्ठ मानते थे।

Mughal Empire Monuments

शाहजहां ने अपने शासनकाल में मुगल कालीन कला और संस्कृति को जमकर बढ़ावा दिया था, इसलिए शाहजहां के युग को स्थापत्यकला का स्वर्णिम युग एवं भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल के रुप में भी जानते हैं।

मुगल सम्राट शाहजहां को उनके जीवन के अंतिम दिनों में उनके क्रूर पुत्र औरंगजेब द्धारा आगरा किला में बंदी बना लिया था, इसके बाद 1666 ईसवी में उनकी मौत हो गई थी। मुगल शासक शाहजहां के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- शाहजहाँ का इतिहास

  • मुगल शासकऔरंगजेब:

पूरा नाम अब्दुल मुज़फ़्फ़र मुहीउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर पादशाह गाज़ी
जन्म 4 नवम्बर, सन् 1618 ई., दाहोद (गुजरात)
पिता शाहजहाँ
माता मुमताज महल
शासनकाल 31 जुलाई, सन् 1658 से 3 मार्च, सन् 1707 तक
निर्माण लाहौर की बादशाही मस्जिद 1674 ई. में, बीबी का मक़बरा, औरंगाबाद, मोती मस्जिद
उपाधि औरंगज़ेब आलमगीर

औरंगजेब, अपने पिता शाहजहां को कई सालों तक बंदी बनाने के बाद मुगल सिंहासन की राजगद्दी पर बैठा था। औरंगजेब मुगल वंश का इकलौता ऐसा शासक था, जिसने भारत पर साल 1658 ईसवी से 1707 तक करीब आधी सदी (49 साल) तक अपना कब्जा जमाया था।

औरंगजेब ने अपने शासनकाल में भारतीय उपमहाद्धीप के ज्यादार हिस्सों पर अपने सम्राज्य का विस्तार किया था। औरंगजेब एक कट्टर मुस्लिम शासक था, जिसने सिक्खों के नौंवे गुरु तेग बहादुर के इस्लाम नहीं स्वीकार करने पर उनकी हत्या करवा दी थी। औरंगेजेब ने अपने शासनकाल के दौरान कई लड़ाईयां जीतीं लेकिन उसे मराठा सम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज से हार का सामना करना पड़ा था।

औरंगजेब की मौत के बाद मुगल सम्राज्य की नींव धीमे-धीमे कमजोर पड़ने लगी थी। मुगल शासक औरंगजेब के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- औरंगजेब का इतिहास

  • बहादुर शाह प्रथम (19 जून 1707-27 फ़रवरी 1712)

पूरा नाम कुतुब उद-दीन मुहम्मद मुअज्ज़म
जन्म 14 अक्टूबर, 1643 बुरहानपुर, मुगल साम्राज्य
पिता औरंगजे़ब
माता रहमतुन्निस बेगम (नवाब बाई)
शासनकाल 19 जून, 1707 से 27 फरवरी, 1712 तक
मृत्यु 20जनवरी, 1961 लाहौर, मुगल सम्राज्य

बहादुर शाह प्रथम, महान मुगल सम्राट भारत पर शासन करने वाला भारत का 8वां मुगल शासक था, जिसने भारत पर सिर्फ 5 साल शासन किया था।

बहादुर शाह ने अपने शासनकाल में अपने सहयोगियों को कई नई उपाधियां एवं ऊंचे दर्जे प्रदान किए, हालांकि बहादुर शाह के शासन के समय उसके दरबार में षणयंत्रों के कारण दो दल बन गए थे, जिसमें ईरानी दल ‘शिया मत’ को मानने वाले थे, जबकि तुरानी दल ‘सुन्नी मत’ के समर्थक थे।

बहादुर शाह प्रथम ने राजपूतों के साथ संधि की नीति अपनाई थी, इसके साथ ही उसने मराठाओं के साथ शांति स्थापित करने की कोशिश भी की थी, जो मुगल वंश के लिए सबसे बड़ा खतरा थे। इस तरह बहादुर शाह की नीतियों ने मुगल वंश के पतन का कारण बनी।

  • जहांदार शाह (1712 – 1713)

पूरा नाम मिर्ज

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