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Bihar GK – Samanya Gyan PDF Book in Hindi Download

Bihar GK – Samanya Gyan PDF Book in Hindi Download – दोस्तों आज मै आप सभी छात्रों के बीच Bihar GK (सामान्य ज्ञान) से सम्बंधित बुक शेयर कर रहा हू जिसका नाम Bihar Samanya Gyan By Dr. Manish Ranjan PDF Book है.

जो छात्र बिहार राज्य स्तरीय अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है जैसे बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC), बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC), Bihar Police Services,बिहार ग्रामीण बैंक तो उनके लिए यह Bihar Samanya Gyan PDF अवश्य Download करके पढ़ना चाहिए. आप इस बिहार सामान्य ज्ञान Book को नीचे दिए हुए Download लिंक के माध्यम से PDF को Free Download कर सकते है.

इसमे निम्न बिंदु पर अध्यन करने को मिलेगा :-

  • बिहार का सामान्य परिचय
  • ऐतिहासिक परिदृश्य
  • छठी शताब्दी ई.पू. में बिहार
  • बिहार का मध्यकालीन इतिहास
  • बिहार का आधुनिक इतिहास
  • बिहार में प्रमुख विद्रोही विद्रोह
  • बिहार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
  • बिहार की भौगोलिक संरचना
  • बिहार की जलवायु
  • बिहार की मृदाएँ
  • बिहार में नदियाँ
  • पठारों से निकलने वाली नदियां
  • बिहार में जलप्रपात/झील

Bihar GK – General Knowledge (बिहार सामान्य ज्ञान) Book in Hindi PDF Download By Dr. Manish Ranjan (IAS)

दोस्तों बिहार राज्य स्तरीय की प्रतियोगी परीक्षा तो इसके लिए Bihar GK एवं सम-सामयिक घटना से प्रश्न ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है जो कि आप को इस पुस्तक में बिहार राज्य से संबन्धित इतिहास , कला एवं संस्कृति, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, भौगोलिक स्थिति के बारे में आपको परीक्षा में काफी साहायक सिध्द होगा।

तो आईये जानते है कि Bihar General Knowledge Book आपको क्या क्या पढ़ने को मिलेगा जो कि हम व्याख्या के साथ मिलेगा।

Bihar Gk PDF Download By Dr. Manish Ranjan (IAS) Main Contents

इस बुक को 45 अध्यायों में विभाजित किया गया है. इन टापिको में बिहार के इतिहास के साथ साथ कला एवं लोक-संस्कृति, भौगोलिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं समकालिक स्थिति का बहुत ही सरल एवं तथ्यात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है.

  • बिहार की संम्पूर्ण एतिहासिक जानकारी को बुक में 6 भागों में संग्रहीत किया गया है.
  • कला एवं संस्कृति के विविध पक्षों एवं बिहार विभूतियों तथा खेल-कूद से संबंधित भागों को 6 अध्यायों में वर्णित किया गया है.
  • राज्य की भौगोलिक स्थिति एवं आपदा से सम्बंधित विवरण को 13 अध्यायों में वर्णित किया गया है.
  • राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं राज्य के आर्थिक विकास नीतियों को 12 अध्यायों में वर्णित किया गया है.
  • इसके अतिरिक्त राज्य के विभाजन का प्रभाव, विशेष राज्य का दर्जा, सुशासन एवं विकास से संबंधित संभावनाएं, बिहार दिवस एवं समसामयिक से संबंधित घटनाचक्र को 7 अध्यायों में वर्णित किया गया है.
  • इसके अतिरिक्त सांख्यिकी उपस्थान, परिशिष्ट आदि विषयों से संबंधित अध्याय सम्मलित है.

Bihar History Notes PDF Book Download

इतिहास अध्ययन के स्त्रोत – पुस्तक में बिहार के इतिहास को सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण एवं निरपेक्ष भाव से वर्णित किया गया है. संस्कृतियों के परिवर्तन एवं उसके मानव जीवन पर प्रभाव का सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है. इस पुस्तक में इतिहास अध्ययन के मूल आधार एतिहासिक स्त्रोत एवं एतिहासिक घटनाओं के क्रमबद्ध विश्लेषण को आधार बनाया गया है.

प्राक् ऐतिहासिक काल एवं प्राचीन काल -प्रस्तुत अध्याय में प्राक् ऐतिहासिक एवं एतिहसिक बिहार के सांस्कृतिक उदय तथा सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन के साथ-साथ बिहार का राजनैतिक इतिहास, यथा- मगध साम्राज्य, मौर्योत्तर काल एवं गुप्तकालीन बिहार का वर्णन किया गया है, जो पाठक को बिहार की एतिहासिक विरासत को समझने में ज्ञानवर्धक है.

मध्यकालीन इतिहास – इस अध्याय में मध्यकाल को विभिन्न कालखंडो में विभाजित कर सूक्ष्मविश्लेषण किया गया है. पूर्व मध्यकाल के साथ-साथ मध्यकालीन दिल्ली सल्तनत के शासकों के बिहार पर प्रभाव का वर्णन किया गया है. मध्यकाल में पुरे भरता के इतिहास को प्रशासनिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से सर्वधिक प्रभावित करनेवाले बिहार के अफगान शासक शेरशाह का उदय एवं उसकी नीतियों का तथ्यात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है. बिहार में मुगलकालीन शासन व्यवस्था एवं मध्यकालीन रहस्यवादी इस्लामिक सूफी परंपरा का चित्रण किया गया है, जिसने भारत के साथ-साथ बिहार में भी भाईचारे वाली हिन्दू-इस्लामी संस्कृति को पुष्पित एवं पल्लवित होने का आधार प्रदान किया.

आधुनिक भारत का इतिहास काल – इस अध्याय में देश के साथ-साथ राज्य में केंद्रीकृत मुग़ल शासन के पतन के बाद क्षेत्रीय शक्तियों के उदय होने के कारन एवं प्रभाव को वर्णित किया गया है, साथ ही यूरोपीय कंपनियों का बिहार में आगमन, उनके बीच राज्य पर शासन स्थापना के लिए संघर्ष – जिसमे अंग्रेजो की विजय का विश्लेषण किया गया है – इस बिहार सामान्य ज्ञान PDF Book में अंग्रेजी शासन की स्थापना के विरुद्ध राज्य में हुए जन आन्दोलन का भी सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है.

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार का इतिहास

भारत का स्वतंत्रता आन्दोलन – बिहार प्रारंभ से ही क्रांतिकारी विचारधारा का पोषक या पक्षधर रहा है. 1857 ई.के विद्रोह के पूर्व भी अनेक जनजातीय एवं किसान विद्रोह हो चुके थे. स्वंतंत्रता आंदोलन के क्रम में ‘चंपारण सत्याग्रह’, ‘खिलाफत आंदोलन’, असहयोग आंदोलन’, सविनय अवज्ञा आंदोलन’, ‘भारत छोड़ो आंदोलन’, में बिहार वासियों ने अपना उत्कृष्ट योगदान दिया है. चंपारण की भूमि से राष्ट्रपिता महत्मा गाँधी ने सत्य एवं अहिंसा के प्रयोग का आंदोलन प्रारंभ किया था. क्रांतिकारी राष्ट्रवादी आंदोलन के साथ-साथ ‘आजाद हिंद फौज ‘ में बिहारी क्रांतिकारीयों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्वतंत्रता आंदोलन में महिला, किसान, समाजवादी विचारधारा के लोगों के योगदान का विश्लेषण भी इस अध्याय में किया गया है, साथ ही ब्रिटिशकाल के दौरान बिहार में शिक्षा के विकास से संबंधित नीतियों एवं संस्थाओं के विकास का वर्णन किया गया है.

पृथक बिहार आंदोलन – इस अध्याय में बिहार के वर्तमान राजनैतिक स्वरुप के लिए चलाए गए आंदोलन को चरणबद्ध रूप में वर्णित किया गया है. 1 अप्रैल, 1992 को बिहार स्वतंत्र प्रांत के रूप में गठित हुआ. बिहार प्राचीन काल से ही स्वतंत्रता का पक्षधर रहा है. मगध, मौर्य से लेकर शेरशाह एवं अकबर तक बिहार अलग सूबे के रूप में गठित था. लेकिन ब्रिटिश काल में बिहार को बंगाल एवं उड़ीसा के साथ सम्मलित कर एक प्रांत बना दिया गया, लेकिन पाश्चात्य शिक्षा के कारण बिहार में भी बुद्धिजीवियों का उदय हुआ, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हुए. उन्होंने यह महसूस किया कि पृथक बिहार प्रांत के गठन के उपरांत ही बिहारियों की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक स्थिति में बदलाव आ सकता है. इन बुद्धिजीवियों में सर्वश्री सच्चीदानंद सिन्हा, महेश नारायण, दीपनारायण सिंह एवं गणेश शंकर विद्यार्थी आदि प्रमुख थे.

बिहार में वास्तुकला, कला एवं संस्कृति का इतिहास

वास्तुकला एवं चित्रकला – इस अध्याय में बिहार में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तात्क पुष्पित एवं पल्लवित वास्तु एवं चित्रकला की विभिन्न शैलियों, यथा- मौर्यकला,पालकला, पटना कलम, मधुबनी चित्रकला, मंजूषा शैली आदि का सूक्ष्म विश्लेषणात्मक वर्णन प्रस्तुत किया गया है.

लोक-संस्कृति – बिहार की सामाजिक संरचना एवं सांस्कृतिक संशिलष्ट विशेषताओं को समझने का प्रयास किया गया है. किसी भी राज्य या देश की पहचान उसकी संस्कृतिक विरासत से होती है. इसी से उसकी अस्मिता और स्वतंत्र पहचान का परिचय मिलता है. संस्कृतियों के आंतरिक समन्वय को प्रदर्शित करनेवाले लोकगीत, लोकनृत्य, लोकनाट्य और जनजातीय संस्कृति का बोधगम्य विश्लेषण इस अध्याय में किया गया है.

प्रमुख मेले एवं पर्व-त्यौहार – इस अध्याय के अंतर्गत बिहार राज्य के लोकजीवन को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख मेले, महोत्सव एवं पर्व- त्यौहारों का वर्णन किया गया है. बिहार राज्य में देश का सबसे बड़ा सोनपुर पशु-मेला, छठ का पवित्र त्यौहार जैसे अनेक पर्व- त्यौहारों का विश्लेषण किया गया है.

बिहार के प्रसिद्ध साहित्य एवं साहित्यकार

साहित्य एवं साहित्यकार – इस अध्याय में बिहार के भाषा एवं साहित्य, पत्रकारिता, साहित्यकारों आदि का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया है. बिहार में अनेक भाषाएँ एवं बोलियाँ बोली जाती है, जिनमे हिंदी, उर्दू, संस्कृत, मैथली, भोजपुरी, अंगिका, वज्जिका और मागधी आदि प्रमुख है. हिंदी बिहार में अभिव्यक्ति का मुख्य माध्यम है. बिहार में बोली जाने वाली हिंदी भाषा में क्षेत्रीय विविधताएँ पाई जाती है. राज्य में साहित्य लेखन एवं पत्रकारिता का लम्बा इतिहास रहा है. राष्ट्रकवि दिनकर, आंचलिक विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाले आचर्य शिवपूजन सहाय एवं क्षेत्रीय भाषा के महानकवि विद्यापतिकी जन्मभूमि बिहार ही रहा है.

बिहार की विभूति – बिहार ने इतिहास काल से ही समय-समय पर संपूर्ण विश्व का प्रत्येक क्षेत्र में मार्गदर्शन दिया है. यह भूमि प्राचीन काल से ही विभूतियों से धनि रही है. बुद्ध, महावीर, आर्यभट, चाणक्य जैसे प्राचीन मनीषियों से लेकर आधुनिक युग में लोकनायक जयप्रकाश एवं देशरत्न राजेंद्र प्रसाद जैसे महान विभूतियों की जन्मस्थली तथा कर्मस्थली रहा है. प्रस्तुत अध्याय में बिहार को विश्व मानस-पटल पर स्थान दिलाने वाली अमर विभूतियों का विश्लेषण किया गया है.

शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल-कूद – इस अध्याय में राज्य के प्रमुख शिक्षण संस्थानों एवं प्रमुख संग्रहालयो का वर्णन है, जो पाठकों के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण एवं रुचिकर है. स्वास्थ्य एवं खेल-कूद मानव के सर्वागीण विकास की अनिवार्य शर्त है, राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं एवं ‘खेल-कूद’ से संबंधितक्रिया-कलापों का विश्लेषण किया गया है. खेल-जगत में राज्य ने अप्रतिम, अद्वितीय , राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों को हासिल किया है.

सामान्य ज्ञान बिहार का भौगोलिक परिचय

भौगोलिक स्थिति एवं उच्चावचता – इस अध्याय में बिहार राज्य की  भौगोलिक विशेषताओं, यथा – भौगोलिक सीमाओं, भौगोलिक संरचना एवं उच्चावचता, भौगोलिक प्रदेश आदि का सूक्ष्म एवं तथ्यपरक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है. बिहार राज्य का यह सौभाग्य है की यहाँ की जितनी मनोरम है, जल मिटटी संसाधन में उतनी ही परिपूर्ण है.

अपवाह प्रणाली – इस अध्याय में नदियों, गरम जलकुंड, जलप्रपात, झील, आद्रभूमि क्षेत्र का विश्लेषणात्मकविवरण प्रस्तुत किया गया है. राज्य में सदानीरा नदियाँ का जाल है, जो हिमालय पर्वत से निकलकर बिहार की भूमि को सीचती एवं उपजाऊ बनती हुई प्रवाहित होती है. इन नदी प्रणालियों का बिहार में मानव के विकास में अमूल्य योगदान रहा है.

जलवायु एवं मिट्टी – प्रस्तुत अध्याय में बिहार की उष्ण मानसूनी जलवायु, जो वैविध्यपूर्ण है, के साथ-साथ वर्षा का वितरण, मिट्टी की विशेषता एवं उनके प्रकार का वर्णन किया गया है.

वन्य एवं वन जीव-जंतु – इस अध्याय के अंतर्गत राज्य के वन संसाधन एवं जैव विविधता का विस्तृत वर्णन किया गया है. राज्य में प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव-जंतुओं की कई प्रजातियाँ पी जाती है, जिनके संरक्षण का समुचित प्रयास भी किया जा रहा अहै. राज्य वन विकास अधिकरण एवं जीव-जंतु एवं संरक्षण आदि संस्थाओं के माध्यम से वन एवं वन्य जीव-जंतु के संरक्षण का उल्लेखनीय प्रयास किया जा रहा है.

बिहार में कृषि की स्थिति तथा कृषि योजना    

कृषि – इस अध्याय में भूमि उपयोग प्रतिरूप, कृषि गहनता, कृषि-संयोजन प्रदेश, कृषि प्रदेश, कृषि जलवायु प्रदेश, प्रमुख फसलों, पशुपालन एवं मत्स्यपालन एवं भूमि सुधार का वर्णन किया गया है. कृषि बिहार के विकास का प्रमुख आधार-स्तंभ है. कृषि के विकास के आभाव में राज्य के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है,

सिंचाई साधन – इस अध्याय में सिंचाई के प्रमुख साधनों, विभिन्न परियोजनाओं जैसे – कोसी परियोजना, गंडक परियोजना, सों परियोजना आदि, कृषि के विकास के लिए चलाई जा रही इंद्रधनुष क्रांति एवं त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम तथा पूर्वी क्षेत्र के लिए आई.सी.ए.आर. अनुसंधान परिसर, पटना का वर्णन किया गया है.

खनिज एवं उद्योग – इस अध्याय में बिहार में उपलब्ध खनिज संपदा, उद्योग-धंधे, जैसे कृषि आधारित उद्योग, वन आधारित उद्योग,खनिज आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आदि का वर्णन किया गया है. उद्योगों की वास्तविक स्थिति को जानने के की गयी छठी आर्थिक गणना, 2013, उद्योगों के विकास एवं सहायता के लिए बनाये गए विभिन्न क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों, उद्योग मित्रो एवं औधोगिक प्रदेशों का विशद वर्णन किया गया है.

Bihar Samanya Gyan Book By Dr. Manish Ranjan (IAS)

आधारभूत संरचना – इस अध्याय के अंतर्गत राज्य में उपलब्ध आधारभूत संरचनाओं, यथा – परिवहन, संचार-व्यवस्था, उर्जा का वर्णन किया गया है. उर्जा क्षेत्र के विकास के लिए लागु किये गए बिहार नवीन और नवीकरणीय उर्जा स्त्रोतों की संवर्धन नीति, 2011 का विस्तृत वर्णन इस पुस्तक में किया गया है.

जनसँख्या एवं अधिवास – राज्य की जनसँख्या, घनत्व एवं वितरण का वर्णन इस अध्याय में किया गया है. राज्य की जनसँख्या को नियंत्रित करने के लिए बने गयी जनसँख्या नीति को भी इस अध्याय में सम्मलित किया गया है. राज्य के मानव विकास सूचकांक और ग्रामीण एवं नगरीय अधिवास भी इस अध्याय में सम्मलित किया गया है.

पर्यटन एवं पर्यटन स्थल – इस अध्याय के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थलों के वर्णन किये गए है. बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गयी पर्यटन नीति को भी इस अध्याय में सम्मलित किया गया है.

आपदा प्रबंधन – इस अध्याय में राज्य की विभिन्न प्रकार की आपदाओ, जैसे – बाढ़, सुखा, भूकंप, चक्रवात एवं अन्य आपदाओ का वर्णन किया गया है. राज्य में आपदा रोकने के लिए आपदा प्रबंधन सम्बंधित कार्यो, अधिनियमों, प्राधिकरणों को भी सम्मलित किया गया है. बिहार राज्य ने ‘बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप, 2015’  बनाया है. इसका भी विशद वरना किया गया है.

बिहार की राजव्यवस्था तथा प्रशासनिक व्यवस्था (Bihar Polity GK and Administration)

राज-व्यवस्था – इस अध्याय में राजनैतिक संरचना, व्यवस्था का वर्णन किया गया है. इसके अंतर्गत राज्यपाल, विधानमंडल, मंत्रिपरिषद, मुख्यमंत्री, महाधिवक्ता, लोकायुक्त का वर्णन किया गया है. बिहार में गठन किये गए विभिन्न आयोगों का भी उल्लेख इस अध्याय में किया गया है.

प्रशासनिक व्यवस्था – राज्य के प्रशासनिक ढांचे का वर्णन इस अध्याय में किया गया है, जैसे – प्रमंडलीय  प्रशासन, जिला प्रशासन, अनुमंडल प्रशासन, प्रखंड प्रशासन आदि , साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक स्थिति का वर्णन किया गया है.

न्यायपालिका – इस अध्याय के अंतर्गत राज्य की न्यायपालिका की संरचना का वर्णन किया गया है, जैसे –उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय. उच्च न्यायालय के न्यायधीशों की न्युक्ति, कार्यो एवं अधीनस्थ न्यायालयों के क्षेत्राधिकारों का विशद वर्णन किया गया है.

स्थानीय स्वशासन – इस अध्याय के अंतर्गत राज्य की पंचायती राज-व्यवस्था एवं नगरीय स्वशासन का वर्णन किया गया है. पंचायती राज-व्यवस्था, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के गठन, कार्य एवं उनके अधिकारों का भी वर्णन है.

Bihar Samanya Gyan 2020



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