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जॉर्ज कैंटर का जीवन परिचय | Georg Cantor Biography In Hindi

प्रसिद्ध जर्मन गणितज्ञ जॉर्ज कैंटर जीवन का परिचय
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जॉर्ज कैंटर एक प्रसिद्ध जर्मन गणितज्ञ थे. इनका पूरा नाम जॉर्ज फर्डिनेंड लुडविग फिलिप कैंटर जर्मन है. इनका जन्म 3 मार्च 1845 पीट्रोग्राड, रूस में एक यहूदी परिवार में हुआ था. ये छः भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. ये बहुत ही अच्छा वायलिन बजाते थे. कैंटर के पिता सेंट पीटर्सबर्ग स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य थे.  जब उनके पिता बीमार हो गए तब 1856 में ये परिवार सहित जर्मनी चले गए. इनके दादा जी का नाम फ्रान्ज़ बोह्म था व वे एक बहुत बड़े संगीतकार थे. जॉर्ज कैंटर की पत्नी का नाम वैली गटमन था. सन 1904 में इन्हें विज्ञान के क्षेत्र के लिए सिल्विस्टर अवार्ड से सम्मानित भी किया गया था.

जॉर्ज कैंटर जीवन परिचय | Georg Cantor Biography In Hindi

बिंदु (Points)जानकारी (Information)
नाम (Name)जॉर्ज कैंटर
जन्म (Date of Birth)3 मार्च 1845
आयु 73 वर्ष
जन्म स्थान (Birth Place)पीट्रोग्राड, रूस
पिता का नाम (Father Name)सेंट पीटर्सबर्ग
माता का नाम (Mother Name)ज्ञात नहीं
पत्नी का नाम (Wife Name)वैली गटमन
पेशा (Occupation )गणितज्ञ
बच्चे (Children)ज्ञात नहीं
मृत्यु (Death)6 जनवरी, 1918
मृत्यु स्थान (Death Place)—-
भाई-बहन (Siblings)6 भाई-बहन
अवार्ड (Award) सिल्विस्टर अवार्ड

उन्होंने सेट सिद्धांत (समुच्चय सिद्धांत) बनाया, जो गणित में एक मौलिक सिद्धांत बन गया है. कैंटर ने दो सेटों के सदस्यों के बीच एक-से-एक पत्राचार के महत्व को स्थापित किया,  इन्होने अनंत और सुव्यवस्थित सेटों को भी परिभाषित किया और यह साबित किया कि वास्तविक संख्या प्राकृतिक संख्याओं की तुलना में अधिक हैं. वास्तव में, इस प्रमेय के प्रमाण से कैंटर की विधि का तात्पर्य है कि अनन्तता की अनंतता का अस्तित्व. इन्होने इस पर बहुत से शोध किये. उन्होंने कार्डिनल और ऑर्डिनल संख्या और अंकगणित को परिभाषित किया. जॉर्ज कैंटर को अपने जीवन में आलोचना और विरोध का सामना करना पड़ा.

जॉर्ज कैंटर शिक्षा | Georg Cantor Education

1860 में, कैंटर ने डार्मस्टाड से रियलस्कुले में स्नातक किया था. गणित में उनके असाधारण कौशल, विशेष रूप से त्रिकोणमिति को देखकर सब आश्चर्यचकित हो उठे. इसके बाद 1862 में, जॉर्ज ने स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक में प्रवेश लिया. इसी बीच जून 1863 में इनके पिता का स्वर्गवास हो गया तब कैंटर ने अपनी आगे की पढ़ाई बर्लिन विश्वविद्यालय से पूरी की. इस तरह से गणित के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए उन्होंने सन 1867 में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

जॉर्ज कैंटर से जुड़ी कुछ रोचक बातें | Georg Cantor Unknown Facts

  • सेट थ्योरी (समुच्चय सिद्धांत) – जॉर्ज द्वारा दी गयी सेट थ्योरी आधुनिक गणित का आधार है. अगर ये थ्योरी नहीं होती तो कंप्यूटर का आविष्कार ही नहीं होता. इस थ्योरी के बिना ब्रह्माण्ड के विषय पर सोचना भी असंभव हो जाता. इनके सिद्धांत के कारण ही बीजगणित, कैलकुलस और टोपोलोजी में भी इनका योगदान रहा.
  • जॉर्ज के पहले के गणितज्ञ मानते थे कि अनंत से आगे कुछ नहीं है. लेकिन कैन्टर ने साबित किया कि अनंत से आगे भी अनंत हैं. इस सन्दर्भ में उनकी ट्रान्स्फ़ाइनाइट नंबर्स (Transfinite Number) की थ्योरी की सबसे ज्यादा आलोचना की गयी व काफी विवादित रही.
  • जॉर्ज कैंटर ने फलन सिद्धांत को भी परिभाषित किया और फलनों के बीच विभिन्न प्रकार के संबंधों को स्थापित किया. 
  • जॉर्ज कैंटर ने बताया कि परिमेय संख्याओं को हम गिन सकते हैं और अपरिमेय संख्याओं को हम नहीं गिन सकते.

जॉर्ज कैंटर का अंतिम सफ़र | Georg Cantor Death

जॉर्ज कैंटर बाद में डिप्रेसन के शिकार हो गए. वे अस्पताल में भी भर्ती हुए. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वे गरीबी और कुपोषण से भी पीड़ित रहे. उनके 70 वें जन्मदिन का सार्वजनिक उत्सव युद्ध के कारण रद्द कर दिया गया था. इसी दौरान जॉर्ज कैंटर को 6 जनवरी, 1918 को सेनेटोरियम में एक घातक दिल का दौरा पड़ा, जहाँ उन्होंने अपने जीवन का अंतिम वर्ष बिताया था. 

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