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ये पलके तुम्हारी और उस पर नींदों का पहरा - लवकुश यादव 'अज़ल'

ये पलके तुम्हारी और उस पर नींदों का पहरा ये पलके तुम्हारी और उस पर नींदों का पहरा, हमारी निगाहो में देखो कोई राज गहरा। रौशन हैं हम या किसी की यादों के सताये हुए, हम ये ख्वाबो के शहर में यादों को जैसे...

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