हवा के दोष पे किस गुल-बदन की ख़ुशबू है
गुमान होता है सारे चमन की ख़ुशबू है
क़रीब पा के तुझे झूमता है मन मेरा
जो तेरे तन की है वो मेरे मन की ख़ुशबू है
बला की शोख़ है सूरज की एक एक...
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