ग़ज़ल- 221 2121 1221 212
अरकान-मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन
धोखा चमक दमक से उजाले का खा गए।
देखा जो ग़ौर से तो अंधेरे में आ गए।।
दुनिया को मुंह दिखाने के क़ाबिल न रह सके।
हमको हमारे शौक़ ही ये दिन दिखा...
[यह पोस्ट का एक अंश मात्र है यदि आपको यह लेख या ग़ज़ल/कविता पसंद आई तो लिंक पर जाकर पूरी पोस्ट पढ़े Subscribe our youtube channel https://bit.ly/jakhirayoutube ]