नई दिल्ली। विवादों के दौरान मेट्रो सेवा बाधित करने या सड़क पर कूड़ा फेंकने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। इसके लिए हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है। हाईकोर्ट ने ऐसा करने वालों को जेल भेजने का फेसला लिया है। हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की पीठ ने केंद्र सरकार, दिल्ली मेट्रो रेल सेवा कारपोरेशन (डीएमआरसी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) व दिल्ली पुलिस से पूछा है कि उसने दोषी के खिलाफ अभी तक क्या कड़ी कार्रवाई की है और सभी को इस पर छह हफ्ते में की गई कारवाही का विस्तृत हलफनामा दाखिल कर जवाब दे।
Related Articles
अधिवक्ता अभिषेक कुमार चौधरी ने जनिहत याचिका दायर करते हुए कहा है जो भी प्रद्रशन को लेकर मेट्रो सेवा बाधित कर एवं सड़क पर कूड़ा फेक कर आम लोगों को परेशानी में डालने का गन्दा काम कर रहे है उस पर कड़ी कारवाही के जाये। याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच कर जिम्मेदार मेट्रो कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। याचिका के अनुसार, 31 मई को दोपहर 12.30 बजे द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग को लेकर डीएमआरसी व सीआइएसएफ कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया था।
इस कारण कई घंटे तक मेट्रो सेवा बाधित रही थी और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी, ताकि सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित न हों। हाईकोर्ट की पीठ ने उनकी इस याचिका को उस जनहित याचिका के साथ संबद्ध कर दिया था, जिसमें संविदा पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन के दौरान शास्त्री भवन व रेल भवन के सामने कूड़ा फेंकने का मामला उठाया गया था। इन सब मामले को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ी करवाई करने का फैसला सुना दिया है|
The post दिल्ली हाईकोर्ट का कडा फैसला: दिल्ली मेट्रो की सेवा को रोकने व कूड़ा फेंकने वालों को होगी जेल appeared first on Rojgar Rath News.