इंदौर | आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इंदौर शहर का जिला हॉस्पिटल तैयार नहीं हुआ है जिला हॉस्पिटलों को 307 प्रकार के इलाज करने का जिम्मा प्रदान किया गया है परंतु यहां के जिला हॉस्पिटल में 200 प्रकार के इलाज किए जा सकते हैं इसके कारण बीमार पढ़े व्यक्तियों को कोई दूसरी जगह रेफर करना होगा |
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राज्य में 25 सितंबर के दिन से इस योजना को लागू किया जा रहा है इसके अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले बीमार पड़े व्यक्तियों को मेडिक्लेम का लाभ प्राप्त होगा इस योजना में केंद्र सरकार ने 1350 प्रकार के प्रोसीजर यानी कई तरह के इलाज को सम्मिलित किया है इसमें दंत रोग से संबंधित बीमारियों को नहीं लिया गया है प्रदेश सरकार ने सरकारी मेडिकल विश्वविद्यालयों को 468 प्रकार के तथा जिला हॉस्पिटलों को 307 प्रकार के इलाज करने के लिए तय किया गया है |
अलग वार्ड को भी आरक्षित रखा जाएगा सरकारी हॉस्पिटलों में बीमारियों का इलाज तो किया जा रहा है परंतु फर्क इतना है कि शासन इनके एवज में निश्चित की गई राशि संबंधित हॉस्पिटल को प्रदान करेगी योजना के बीमार पड़े व्यक्तियों के लिए अलग से वार्ड आरक्षित करना होगा हर्निया, अपेंडिक्स जैसी बीमारी के ऑपरेशन जिला हॉस्पिटल में तो होते हैं पर केवल वर्षभर में एक दो ही आईसीयू स्थित नहीं होने के कारण कई बार ऑपरेशन भी नहीं किए जाते हैं |
आने वाले महीने में तो इस हॉस्पिटल की पुरानी बिल्डिंग को भी तोड़ दिया जाएगा क्योंकि इसी स्थान पर नई बिल्डिंग बनाई जाएगी ऐसी स्थिति में सेवाएं पीसी सेठी हॉस्पिटल दाता हुकुम चंद पॉलिटेक्निक में शिफ्ट कर दी जाएगी बड़ा सवाल तो यह है की पीसी सेठी हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग का भी निर्माण कार्य पूरी तरह से नहीं हो पाया है यहां पर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन पर नहीं डाली गई है ऐसी स्थिति में व्यवस्थाओं को संभालना बहुत मुश्किल होगा |
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