इंदौर | 22 राज्यों में 53 वाट्सएप ग्रुप से जुड़कर लोगों का ई-वॉलेट हैक करने वाले 11 हजार लोगों की गैंग के गिरफ्तार तीन साथियों से कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। आरोपी आम लोगों के आधार से लिंक्ड मोबाइल सिम को फर्जी तरीके से हासिल कर उसकी मदद से पेमेंट वॉलेट खोलकर शॉपिंग वेबसाइट से कीमती सामान जैसे महंगे मोबाइल, लैपटॉप, शूज, कपड़े ऑर्डर करते थे।
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फिर कंपनी के कर्मचारियों को गलत पते पर बुलाकर या रास्ते में फोन पर संपर्क कर सामान की डिलीवरी ले लेते थे। पार्सल से सामान िनकालकर उसे बेचकर पैसा भी कमा लेते और बाद में यह शिकायत कर देते कि पार्सल में सामान निकला ही नहीं। इस तरह कंपनी से रिटर्न क्लेम भी हासिल कर लेते।
आरोपियों से इंडिया मार्ट के कस्टमर का डाटा भी मिला है, जिसे ये साढ़े 3 से 5 हजार में बेचते हैं। अमेरिका के कई लोगों का डाटा भी ये 4 से 5 हजार में बेचना स्वीकार चुके हैं। ये पेमेंट वाॅलेट हैक करने के लिए गूगल के ब्राउजर में ट्रिक्स नाम से सर्च कर हैकिंग व क्लोनिंग के तरीके सीखकर इस तरह के फर्जीवाड़े मेंे मास्टरी हासिल कर चुके हैं।
25 लाख से 2 करोड़ रुपए तक की लगाई चपत
प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने इस तरह सालभर में ही एक शॉपिंग वेबसाइट को दो करोड़ रुपए की चपत लगाई है। वहीं एक वेबसाइट के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर पुलिस को बताया कि आरोपी महीनेभर में उन्हें 25 लाख रुपए का नुकसान पहुंचा चुके हैं।
जिला सायबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया आरोपी सोहेल पटेल, संदीप राठौर और 14 वर्षीय नाबालिग साथी को सोमवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर दो आरोपियों को जेल भेजा है। नाबालिग साथी को बाल संरक्षण गृह पहुंचाया है। आरोपियों से आधार लिंक्ड करने की बायोमेट्रिक मशीन भी जब्त की है।
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