चैतन्य भारत न्यूज
बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। उनकी बिगड़ती हुई हालत को देखते हुए दिल्ली एम्स में डॉक्टरों ने जेटली को वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (Extracorporeal membrane oxygenation) पर शिफ्ट कर दिया है। डॉक्टर लगातार जेटली के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं।
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पिछले दो दिनों में अरुण जेटली का हालचाल जानने के लिए कई बड़े नेता एम्स पहुंच चुके हैं। शनिवार सुबह ही उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती उनसे मिलने पहुंचीं। जानकारी के मुताबिक, शनिवार शाम बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार भी दिल्ली जाएंगे। साथ ही गृह मंत्री अमित शाह भी एम्स जाकर अरुण जेटली की हालत का जायजा लेंगे।
बता दें 9 अगस्त को जेटली को सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और कमजोरी होने लगी थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जेटली पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे हैं। उन्हें सॉफ्ट टिशू नामक कैंसर है। पिछले साल मई में जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। किडनी की बीमारी होने के साथ ही कैंसर के कारण उनकी हालत और ज्यादा नाजुक हो गई। कैंसर के इलाज के लिए वे इस साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे।
पिछली मोदी सरकार में जेटली वित्त मंत्री रहे थे। इससे पहले कुछ दिनों तक वह रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। सेहत संबंधी दिक्कतों के कारण इस बार जेटली मोदी सरकार का हिस्सा नहीं बने। उन्होंने एक पत्र के माध्यम से कहा था कि वह इस बार मंत्रिमंडल में किसी भी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं।
क्या है ईसीएमओ
मरीज को ईसीएमओ पर तब रखा जाता है जब उनके दिल और फेफड़े ठीक से काम नहीं करते और उन्हें वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं होता है। इसके जरिए मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है।