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कोई कहता छुआछूत की बीमारी, तो कहता है कोढ़, बीमारी नहीं है सफेद दाग...

सफेद दाग को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की गलत धारणाएं हैं। सचाई यह है कि हमें-आपको यह बेशक कोई बीमारी लगती हो, डॉक्टरों की निगाह में महज कॉस्मेटिक प्रॉब्लम है। ऐसे में आप अपने मन से दाग निकालिए क्योंकि सफेद दाग वाला शख्स पूरी तरह नॉर्मल है। सफेद दाग को बढ़ने से रोकने और ठीक करने के तरीके एक्सपर्ट्स से बात करके बता रहे हैं 

अनुराग वत्स:

क्या है सफेद दाग? -एक ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर है। ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) उलटा असर यानी शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लगती है। -सफेद दाग के मामले में खराब इम्यूनिटी की वजह से शरीर में स्किन का रंग बनाने वाली कोशिकाएं मेलानोसाइट(melanocyte)मरने लगती हैं। इससे शरीर में जगह-जगह उजले धब्बे बन जाते हैं। -सफेद दाग को वीटिलिगो, ल्यूकोडर्मा, फुलेरी और श्वेत पात नाम से भी जाना जाता है।

क्या होता है विटिलिगो

विटिलिगो या सफेद चित्ते की बीमारी एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैच में त्वचा का रंग हल्का हो जाता है, जो धीरे-धीरे और बड़ा होता जाता है और कई बार तो पूरे शरीर पर फैल जाता है। यह स्थिति शरीर के किसी भी हिस्से की त्वचा को प्रभावित कर सकती है। यह बालों और मुंह के अंदर के हिस्से में भी हो सकती है।

कैसे होता है विटिलिगो

सफेद दाग वाले व्यक्ति के शरीर में ऐसी एंटी बॉडी का विकास होता है, जिससे मेलानोसाइट्स नष्ट होने लगते हैं। इसी के कारण सफेद दाग की बीमारी होती है। डॉक्टरों का कहना है कि सभी दाग ल्यूकोडर्मा नहीं होते हैं। कई बार एलर्जी के कारण भी सफेद दाग की समस्या होती है।

विटिलिगो के लक्षण

इस बीमारी की शुरूआती लक्षण त्वचा के रंग का पैची होना है, जो आमतौर पर सबसे पहले हाथों, चेहरे और शरीर के ऐसे हिस्से होता है, जो एक्सपोज होती है। इसके अलावा इसके लक्षणों में खोपड़ी, पलकों, भौहों या दाढ़ी पर बालों का समय से पहले सफेद होना भी शामिल है। विटिलिगो किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है, लेकिन आमतौर पर 30 साल की उम्र से पहले दिखाई देता है।

क्या छुआछूत की बीमारी है विटिलिगो

सफेद दाग की बीमारी आनुवंशिक नहीं है और ना ही यह छुआछूत की बीमारी है। यह बीमारी गैर-संक्रामक है और किसी के संपर्क से नहीं फैलता है। कम ज्ञान के कारण लोग इसे कोढ़ तक कहते हैं और ऐसे लोगों से दूर रहते हैं। 

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए

अगर आपकी त्वचा, बाल या किसी भी हिस्से पर थोड़े पैच दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं। विटिलिगो का कोई इलाज नहीं है। लेकिन इसकी प्रक्रिया को रोक या धीमा किया जा सकता है और कुछ ट्रीटमेंट के जरिए आपकी त्वचा पर पुराने रंग को वापस लाया जा सकता है। सफेद दाग का इलाज (फोटोथेरेपी), शल्यउपचार, कॉस्मेटिक और सफेद करने (ब्लीचिंग) के माध्यम से किया जा सकता है। 

ऐसे करें बचाव

सफेद दाग के प्रभाव को कम करने के लिए या इसे बढ़ने नहीं देने के लिए आप फेनोलिक यौगिक युक्त साबुन और डिटर्जेंट का उपयोग कम से कम करें। इसके अलावा रबर के सामान और रासायनिक तत्वों के संपर्क में आने से बचें। डॉक्टर्स का कहना है कि बहुत अधिक तनाव, चिंता और मेंथल प्रेशर इसे और बढ़ा सकता है, इसलिए हमें स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए।

खाने में करें ये बदलाव

अगर कोई व्यक्ति विटिलिगो से पीड़ित है, तो उसे अपनी डाइट में प्रोटीन, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन ई और आयरन लेने की सलाह दी जाती है। ये पोषक तत्व अंडा, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध का उत्पाद, बादाम, फलियां, दाल और चिकन में पाए जाते हैं। इसके अलावा आप एंटीऑक्सिडेंट जैसे फल, सब्जियां, बादाम और बीज से भरपूर चीजें भी खा सकते हैं।

विटिलिगो को लेकर मिथक

विटिलिगो को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों का मानना होता है, कि खट्टी चीजें, मछली, सफेद खाना आदि को खाने से उन्हें सफेद दाग की बीमारी हो सकती है। हालांकि, अभी तक इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है।



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