किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के समक्ष पांच प्रस्ताव भेजे हैं। इस पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव स्पष्ट नहीं हैं। इस पर कल (बुधवार को) चर्चा होगी। आंदोलन खत्म होने पर इसके बाद ही फैसला होगा।
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ''सरकार ने प्रस्ताव भेजा है कि वे हमारी मांगें मान लेंगे और हमें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर कल दोपहर दो बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है। वह यहीं होगा।''
उन्होंने आगे कहा, ''एसकेएम ने आज कहा है (कल की बैठक के बाद आंदोलन वापस हो सकता है), सरकार यह एक साल से बोल रही है... लेकिन जबतक सारे मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, यहां से कोई घर नहीं जा रहा है।''
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सरकार ने भेजा था ये प्रस्ताव
1- सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक, एमएसपी पर पीएम मोदी और बाद में कृषि मंत्री ऐलान कर चुके हैं कि कमेटी बनाई जाएगी, इसमें राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी होंगे. साथ ही किसान नेताओं को भी शामिल किया जाएगा. इसमें कृषि वैज्ञानिक भी शामिल होंगे. इतना ही नहीं इस कमेटी में किसान संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
2- प्रस्ताव के मुताबिक, जहां तक की आंदोलन की बात है, तो हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार आंदोलन के खत्म होते ही केस वापस लेने के लिए तैयार है.
3- सरकार ने कहा है कि जैसे ही आंदोलन वापस होगा, जिस विभाग ने केस दर्ज किया है, वह अपने आप केस वापस ले लेंगे.
4- जहां तक की मुआवजे की बात है, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति दी है. पंजाब सरकार मुआवजे को लेकर पहले ही ऐलान कर चुकी है.
5- जहां तक की बिजली बिल की बात है, इसमें सभी पक्षों का विचार सुना जाएगा. इसके बाद संसद में बिल पेश किया जाएगा.
5- पराली जलाने पर सरकार ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा पारित अधिनियम में किसान को आपराधिक केस से छूट दी गई है.
किसानों ने इन बातों पर उठाई आपत्ति
1-किसानों का कहना है कि जो लोग कृषि कानूनों की ड्राफ्टिंग में शामिल थे, उन्हें एमएसपी पर कमेटी में शामिल नहीं किया जाएगा. सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों को इसमें जगह दी जाए.
2- किसानों का कहना है कि पहले केस वापस ले सरकार, इसके बाद आंदोलन वापस लिया जाएगा. .
3- किसानों का कहना है कि सरकार सैद्धांतिक रूप से मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन जिस तरह से पंजाब सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया है, वैसे ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए.