Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

कांग्रेस : पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में बढ़ी सियासी हलचल, 13 कांग्रेस विधायक अचानक पहुंचे दिल्ली

पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की मुश्किलें थम नहीं रहीं. वहां ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर अभी भी रार चल रहा है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थक 20 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं. वे सभी पार्टी आलाकमान से मिलना चाहते हैं. इन विधायकों की अगुवाई बृहस्पति  सिंह कर रहे हैं.

विधायकों ने राहुल गांधी से मुलाकात का वक्त मांगा है लेकिन पहले पार्टी प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात करेंगे. बातचीत में बृहस्पति सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं राहुल जी जब छत्तीसगढ़ आएं तो वहां लंबा वक़्त रहें. उन्होंने कहा कि राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार अच्छी चल रही है इसलिए हम साफ़ कर चुके हैं कि छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होना चाहिए. 

सिंह ने कहा, "हम पहले ही 50 से ज़्यादा विधायक अपना समर्थन दे चुके हैं. राहुल जी जानते हैं कि एक व्यक्ति के लिए पूरे छत्तीसगढ़ को अस्थिर नहीं कर सकते."

राज्य की रामानुजगंज विधानसभा सीट से विधायक बृहस्प​त सिंह ने बताया कि पार्टी के करीब 15-16 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं और अलग-अलग जगहों पर ठहरे हुए हैं. सिंह ने कहा, "राहुल जी का छत्तीसगढ़ दौरा प्रस्तावित है... हम अपने प्रदेश प्रभारी पी.एल. पूनिया जी के माध्यम से राहुल जी से अनुरोध करना चाहते हैं कि वह अपने दौरे की अवधि को थोड़ा बढ़ा दें, जिससे सभी विधायकों को इसका लाभ मिल सके..."

उन्होंने कहा कि वह सिर्फ यह अनुरोध करने के लिए दिल्ली आए हैं तथा इस संबंध में बृहस्पतिवार को प्रदेश प्रभारी पी.एल. पूनिया से बात करेंगे. सिंह ने कहा, "हमारी यात्रा को दूसरे तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए..."

जब बृहस्पत सिंह से पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए समर्थन व्यक्त करने आए हैं, तब सिंह ने कहा, "हमारी पार्टी के 70 विधायक हैं (90-सदस्यीय राज्य विधानसभा में), जिनमें से 60 विधायकों ने पिछली बार पूनिया जी को सब बताया था... जब आलाकमान का आशीर्वाद और विश्वास होता है, विधायकों का समर्थन होता है और मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे होते हैं, तब ऐसा कोई (नेतृत्व परिवर्तन का) मुद्दा ही नहीं है..."

विधायक सिंह ने बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के बीच कथित मनमुटाव से भी इंकार किया और कहा कि दोनों नेताओं ने हाल ही में एक साथ मंच साझा किया है, एक दूसरे को मिठाई खिलाई है तथा एक-दूसरे का सम्मान किया है. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की स्थिति पंजाब की तरह नहीं है. किसी भी पार्टी का आलाकमान सिर्फ एक नेता को खुश करने के लिए पूरी सरकार को दांव पर नहीं लगाएगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले सिंह ने इस वर्ष जुलाई माह में मंत्री सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि सिंहदेव के ​इशारे पर उनके काफिले पर हमला किया गया है. बाद में विधायक सिंह ने मामले को लेकर विधानसभा में खेद व्यक्त किया था.

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से बघेल और सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं है. जून, 2021 में मुख्यमंत्री के रूप में बघेल के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के खेमे ने दावा किया है कि आलाकमान ने ढाई-ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद की सहमति दी थी. राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था.

जब बघेल दिल्ली में थे, तब कांग्रेस के 70 में से 54 विधायकों ने उनके समर्थन में दिल्ली का दौरा किया था.

दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने संवाददाताओं से कहा था कि पार्टी नेता राहुल गांधी उनके निमंत्रण पर राज्य का दौरा करने के लिए सहमत हुए हैं. बघेल ने यह भी कहा था कि जो लोग ढाई-ढाई वर्ष की बात कर रहे हैं, वे राज्य में राजनैतिक अस्थिरता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं.


राष्ट्रीय राजधानी में आलाकमान के साथ बैठक के बाद बघेल और सिंहदेव नेतृत्व के मुद्दे पर कुछ भी कहने से परहेज़ कर रहे हैं, लेकिन राज्य में दोनों गुटों के मध्य झगड़ा कम नहीं हुआ है.



This post first appeared on Gazab Hai, please read the originial post: here

Share the post

कांग्रेस : पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में बढ़ी सियासी हलचल, 13 कांग्रेस विधायक अचानक पहुंचे दिल्ली

×

Subscribe to Gazab Hai

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×