चीन इन दिनों बिजली संकट का सामना कर रहा है। सरकारी ऊर्जा के उपयोग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई इलाके बड़े पैमाने पर बिजली सप्लाई (Power Supply) की कटौती का सामन कर रहे हैं।
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इससे कई फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। घरों में अंधेरा छाया हुआ है। इस बिजली कटौती से ग्लोबल स्तर के खरीदारों (Global shoppers) को क्रिसमस से पहले स्मार्टफोन और अन्य सामान की सप्लाई में कमी झेलनी पड़ सकती है।
चीन के सरकारी चैनल CCTV के मुताबिक, चीन के पूर्वोत्तर (northeastern) में शहर लियाओयांग (Liaoyang) में धातु की एक फैक्टरी में बिजली गुल होने से एयर कंडीशनर बंद हो गए। जिसकी वजह से 23 लोग जहरीली गैस से बीमार पड़ गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, इस घटना में किसी की मौत की खबर नहीं है।
बिजली की क्षमता (efficiency) को बढ़ाने के लिए कई फैक्ट्रियों को सीमा से अधिक बिजली इस्तेमाल करने पर बंद कर दिया गया है।
एपल आईफोन (Apple iPhones पार्ट्स के एक सप्लायर ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों के कहने पर उसे शंघाई के पश्चिम में स्थित एक फैक्टरी में प्रोडक्शन रोकना पड़ा है। सबसे ज्यादा व्यस्त समय में चीन के उत्पादन उद्योग को बंद करने से यह पता चल रहा है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) आर्थिक वृद्धि (economic growth) और प्रदूषण (pollution) को रोकने के प्रयास के बीच संतुलन बिठाने में संघर्ष कर रही है।
नोमुरा के अर्थशास्त्री तिंग लू, लीशेंग वांग (Ting Lu, Lisheng Wang) और जिंग वांग (Jing Wang) ने कहा, ऊर्जा की बचत करने के बीजिंग के इस लक्ष्य से लंबी अवधि (long-term) में फायदा हो सकता है, लेकिन कम अवधि में इसकी ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
उन्होंने कहा कि इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं और उन्होंने चीन के लिए अपने आर्थिक विकास (economic growth) के अनुमान को मौजूदा तिमाही में एक साल पहले के 5.1 फीसदी से घटाकर 4.7 फीसदी कर दिया है। उन्होंने अनुअल ग्रोथ के आउटलुक को 8.2 फीसदी से घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया है।