सुप्रीम कार्ट ने यह फैसला लिया हे की अब अगर नाबालिग पत्नी के साथ संबध बनाया तो उसे दुष्कर्म माना जायेगा. भले ही संबध आपसी सहमती से बने हो. अभी तक ऐसे मामलों को IPC की धारा 375(2) के तहत अपवाद माना जाता था, जिसे सुप्रीम कार्ट ने असवैंधानिक करार दिया हे.
अब अगर संबध बनने के एक साल के अंदर भी पत्नी शिकायत करती हे तो पति पर दुष्कर्म का केस दर्ज़ होगा. हालाँकि कोर्ट का यह फैसला आगे से लागु होगा. पुराने मामले इससे प्रभावित नहीं होंगे. सरकार ने दलील दी थी की इस फैसले से सामाजिक समस्या पैदा होगी, लेकिन सुप्रीम कार्ट ने इसे लड़की के हित में मानकर यह फैसला सुनाया हे.
क्या कहा सुप्रीम कार्ट ने?
सभी कानूनों में शादी की उम्र 18 साल हे. दुष्कर्म से जुड़े कानून की धारा 375(2) से संबधित अपवाद एकतरफा, मनमाना और नाबालिग के अधिकार का हनन हे. यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन हे. यह मामला पोक्सो एक्ट का हे. नई व्यवस्था से बाल विवाह रोकने में मदद मिलेगी.
कब से लागु होगा यह फैसला?
सुप्रीम कार्ट का यह फैसला 11 अक्टूम्बर 2017 से लागु होगा. इस तारीख के बाद अगर किसी ने नाबालिग पत्नी से संबध बनाये तो वह दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा और पति पर केस दर्ज़ होगा. अगर पति और पत्नी दोनों नाबालिग हे तो केस जुवेनाइल कार्ट में चलेगा. इसमें दोषी को अधिकतम तीन साल की सज़ा हो सकती हे. यह फैसला सभी धर्मों पर लागू होगा.
क्या कहा सुप्रीम कार्ट ने?
सभी कानूनों में शादी की उम्र 18 साल हे. दुष्कर्म से जुड़े कानून की धारा 375(2) से संबधित अपवाद एकतरफा, मनमाना और नाबालिग के अधिकार का हनन हे. यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन हे. यह मामला पोक्सो एक्ट का हे. नई व्यवस्था से बाल विवाह रोकने में मदद मिलेगी.
कब से लागु होगा यह फैसला?
सुप्रीम कार्ट का यह फैसला 11 अक्टूम्बर 2017 से लागु होगा. इस तारीख के बाद अगर किसी ने नाबालिग पत्नी से संबध बनाये तो वह दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा और पति पर केस दर्ज़ होगा. अगर पति और पत्नी दोनों नाबालिग हे तो केस जुवेनाइल कार्ट में चलेगा. इसमें दोषी को अधिकतम तीन साल की सज़ा हो सकती हे. यह फैसला सभी धर्मों पर लागू होगा.
देश में लड़कियों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कार्ट का यह कदम सराहनीय हे. इससे देश में बाल विवाह रुकेंगे और लड़कियों के अधिकारों को सुरक्षा मिलेगी. अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर करे और अपने विचार दे.