Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

ARSA

आज एक अरसा बीत गया है
तुम्हें मेरा शहर छोड़ कर गए हुए,
वो जो हर बार बंद मिलता था
रोक लेता था हमें
वो फाटक तोड़ कर गए हुए ,
लेकिन सब्ब-बेसब्ब कभी आकर देख लेना
मैंने निगाह आज भी
उस फाटक वाले चौंक पर रखी हुई है ,
कहने को तो घड़ी चल रही है , वक़्त चल रहा है ,
सांसें चल रही हैं , यह शख्स चल रहा है ,
लेकिन ज़िंदगी आज भी मैंने वहीँ रोक कर रखी हुई है।

मैंने वहीँ रोक कर रखे हुए है सब सपने मेरे ,
सारे रिश्ते वहीँ रोक दिए हैं मैंने
गैर हो गए हैं सब अपने मेरे ,
वो जिसकी बग़ल में मिला करते थे हम
जमा करवा दी है तुम्हारे नाम पर
उस बैंक में हँसी मेरी ,
जब तुम आओगे न !
तो संग ब्याज निकालेंगे
हर ख़ुशी मेरी ,
ताला लगा दिया है मैंने हर सुकून की दूकान को
लेकिन पीड़ मैंने थोक पर रखी हुई है ,
कहने को तो घड़ी चल रही है , वक़्त चल रहा है ,
सांसें चल रही हैं , यह शख्स चल रहा है ,
लेकिन ज़िंदगी आज भी मैंने वहीँ रोक कर रखी हुई है।

वहीँ रोक कर रखा हुआ है अपना हर फ़लसफ़ा मैंने ,
वो जो तुमने अपने हाथों से मेरी नज़्म लिखी थी
आज भी खोलकर रखा हुआ है
अपनी डायरी वो सफ़ा मैंने ,
वहीँ रोक कर रखे हुए हैं अपने शहर के रास्ते सारे
जब तुम आओ तो कहीं भूल ना जाना ,
देखना वैसे के वैसे रखे हैं
गलियाँ, मोड़, चौराहे तुम्हारे वास्ते सारे ,
वो जिसे कूद कर हम हर शाम टहलने जाते थे ,
वो सरकारी दफ़्तर की दीवार
आज भी आधी तोड़ कर रखी हुई है ,
कहने को तो घड़ी चल रही है , वक़्त चल रहा है ,
सांसें चल रही हैं , यह शख्स चल रहा है ,
लेकिन ज़िंदगी आज भी मैंने वहीँ रोक कर रखी हुई है।

वहीँ रोक कर रखी है मैंने अल्फ़ाज़ों की रवानी मेरी ,
कहने को तो कुछ कविताएँ लिख रहा हूँ
लेकिन वहीँ रोक कर रखी हुई है मैंने कहानी मेरी ,
वो कहानी जिसमें
हर किसी की अपनी मनमानी है
लेकिन लाचार सिर्फ हम दोनों हैं ,
वो कहानी जिसमें
हर रोज़ कोई आ रहा है कोई जा रहा है
लेकिन किरदार सिर्फ हम दोनों हैं ,
वो जिसे पढ़ने-सुन्ने के लिए बेताब हैं सब लोग
वो तेरे-मेरे इश्क़ की कहानी
मैंने अपनी कलम की नोक पर रखी हुई है ,
कहने को तो घड़ी चल रही है , वक़्त चल रहा है ,
सांसें चल रही हैं , यह शख्स चल रहा है ,
लेकिन ज़िंदगी आज भी मैंने वहीँ रोक कर रखी हुई है।
ज़िंदगी आज भी मैंने वहीँ रोक कर रखी हुई है ।। 


This post first appeared on Alfaz 4 Life, please read the originial post: here

Share the post

ARSA

×

Subscribe to Alfaz 4 Life

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×