दुनियाँ के दस बड़े हिन्दू मंदिर
प्राचीन काल से ही हिन्दू मंदिर अपने अदभुत कलाकारी तथा विशालताओ के लिए जाने जाते हैं हिन्दू मंदिर के अलावा अन्य कोई भी धार्मिक स्थल इतने बड़े नहीं हैं
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हिन्दू मंदिरों में सबसे खास बात यह है कि इन को बनवाने मै किसी भी मशीन का स्तेमाल नहीं हुआ है
आइए जानते हैं हिंदुओं के 10 सबसे बड़े मंदिर के बारे मे
अंकोरवाट मंदिर
कंबोडिया का अंकोरवाट हिन्दू मंदिर 12 वीं सदी में राजा सूर्यबर्मन द्वितीय ने बनवाया था जोकि 820000 वर्गमीटर क्षेत्रफल मे बना है और यह मंदिर मुख्यतः भगवान विष्णु को समर्पित है
श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर
तमिलनाडू के चित्री में स्तिथ श्री रंगनाथ स्वामी मन्दिर भारत का पहला और दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है
इसका कुल क्षेत्रफल 631000 वर्गमीटर है जी कि भगवान विष्णु को समर्पित है इस मंदिर में पूरा एक शहर बसा हुआ है और यहाँ छोटे छोटे 49 धार्मिक स्थल हैं जिसके कारण हर हर समय मंदिर भक्तो से भरा रहता है
अक्षरधाम मंदिर
प्राचीन काल में बनाए गए मंदिरों मे से एक दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर अपने आप में ही बहुत खास है इस मंदिर को देखने दुनिया भर से लाखों लोग आते हैं यह मंदिर 24000 वर्गमीटर में बना है जो की स्वामिनारायण के नाम से भी जाना जाता है
थिल्लई नटराज मंदिर
थिल्लई नटराज मंदिर भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर को चिदंबरम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
यह मंदिर तमिलनाडु के चिदंबरम शहर में बसा हुआ है इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा के आलावा गणेश,मुरूगन सिवाकायी, और गोविंदराजा पेरुमल की पूजा की जाती है मंदिर का कुल क्षेत्रफल 16000 वर्गमीटर है
यह मंदिर तमिलनाडु के चिदंबरम शहर में बसा हुआ है इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा के आलावा गणेश,मुरूगन सिवाकायी, और गोविंदराजा पेरुमल की पूजा की जाती है मंदिर का कुल क्षेत्रफल 16000 वर्गमीटर है
बेलूर मठ
हिन्दू धर्म के महान प्रचारक स्वामी विवेकानंद द्वारा कलकत्ता में हुबली नदी के किनारे बेलूर मठ की स्थापना की गई थी यहाँ पर आधिकाली की पुजा की जाती है
यह मंदिर 160000 वर्गमीटर में बना हुआ है
बृहदेश्वर मंदिर
बृहदेश्वर मंदिर को बृहदीश्वर के नाम से भी जाना जाता है यह मंदिर तमिलनाडू के तंजौर में स्तिथ है जो की एक हिन्दू मंदिर है और इसे 11 वीं सदी के आरम्भ में बनाया गया था या मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट से बनाया गया है इस मंदिर का निर्माण चोल शासक प्रथम राजराज ने सन् 1003 -1010 के बीच बनाया था इस मंदिर की ऊँचाई 66 मीटर है और इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है
इस मंदिर की एक विशेषता है की इसके गुंबद की परछाई जमीन पर नहीं पड़ती है यह मंदिर अपने ऊँचे स्तम्भ, मूर्तिकला,वास्तुशिल्प और तमिल शिला लेखों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है इस मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्रफल 102400 वर्गमीटर है
अन्नामलाईयर मंदिर
अपनी शिल्पकारी तथा ऊँचे स्तंभों के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर तमिलनाडू के तिरुवन्नामलाई में स्तिथ है और इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है
यह मंदिर 101171 वर्गमीटर में बना हुआ है
एकम्बरे स्वरर मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर दक्षिण
भारत के कांचीपुरम में स्थित है भारत के पाँच महाशिव मंदिरों और पंचभूत महा स्थलों में एक है
इस मंदिर के बारे में माना जाता है कि ये मंदिर पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है यह मंदिर 92860 वर्गमीटर में बना हुआ है
इस मंदिर के बारे में माना जाता है कि ये मंदिर पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है यह मंदिर 92860 वर्गमीटर में बना हुआ है
थिरुवनेयीकवल मंदिर
थिरुवनेयीकवल मंदिर आज से 1800 सौ वर्ष पूर्व चोल राजा कोसन्ग्नन ने बनाया था यह मंदिर 72843 वर्गमीटर में बना हुआ है और यहाँ पर भगवान शिव की पूजा की जाती है
नेल्लईप्पर मंदिर
माना जाता है कि यह मंदिर आज से लगभग 2500 - 3000 साल पहले मुलुठुकडा रामा पांडियन के द्वारा बनवाया गया था यह मंदिर तमिलनाडू के तिरुनेवेली शहर में स्थित है यह मंदिर श्री अरुल्यारूम कन्थिमथि अम्बल को समर्पित है
और इस मंदिर का क्षेत्रफल 71000 वर्गमीटर है