मेरी प्यारी Odd Number,
I Love You
आज हमारे संवाद की शुरुआत, मैं ‘I Love You’ से करना चाहूंगा। इन शब्दों में इतनी विचित्र जादुई ताकत हैं कि जब भी तुम्हारे मुँह से इनका उच्चारण सुनता हूँ, मेरी जिजीविषा सिर्फ दुगुनी अथवा चौगुनी नहीं बल्कि घात और घातांक (Powers And Exponents) लगाकर बहुत ही मजबूत संग अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं। बिल्कुल समथिंग टू दी पावर इनफिनिटी टाइप (Something to the power infinite type) सी मजबूत। जिसकी base सिर्फ और सिर्फ तुम हो और exponents तुम्हारा प्रेम। सचमुच, इनफिनिटी को इतने करीब से महसूस कर पा रहा हूँ आजकल, कि मन हो रहा हैं ‘ इस मतलबी जमाना और उसके लोगों की पहुंच से बहुत दूर तुम्हारे संग सदा के लिए इनफिनिट हो जाऊं।’
आजकल अहले सुबह सूर्योदय से घंटों पहले जागने से लेकर देर रात तक बस एक ही इंतजार रहता हैं कि अभी मोबाइल का स्क्रीन एक मधुर संगीत संग चमक उठेगा। और फोन के दूसरी ओर से एक डरी सहमी सी लड़की सबसे छुपते-छुपाते अपने मन की बातें और थोड़ा-बहुत प्रेम साझा करेगी। हालांकि दिन भर में कई बार मोबाइल की 6.3 इंच वाली स्क्रीन जलती-बुझती हैं, लेकिन स्क्रीन पर उभरते नामों को पढ़कर दिल निराश सा होकर बुझ सा जाता हैं। कई बार दिन के कुछ घंटे-पहर भी दशक-शताब्दियों सा प्रतीत होते हुए बैचैन करते हैं। कई बार तो दिल को बहला-फुसला लेता हूँ, परंतु अनेकों बार जिद्दी दिल रूठकर अनशन टाइप का कुछ आरंभ कर देता हैं। बिल्कुल उसी तरह जैसा अकसर, मैं वर्ग कक्ष(Class Room) में करता था “चाहिए तो चाहिए”। तुम्हारे मम्मीजी के मोबाइल नम्बर को कई बार कॉल करने हेतु यह दिल उंगलियों को डायल कीबोर्ड पर लिखने का आदेश करता है, और फिर मिटाने का अनुरोध भी। तुम्हें कभी किसी परेशानी में नहीं डालने हेतु दिया हुआ वचन प्रत्येक पल इस दिल को खामोश कर जाता हैं। अब तुम्हीं बताओं न…मैं इस अबोध जिद्दी दिल के मांग की तात्कालिक पूर्ति मेरी Favorite Odd Number से कैसे कर सकता हूँ।
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प्यारी संख्या, तुम बीते कल-आज और आनेवाले कल-परसों में भी मेरी Favorite Number थी-हो और रहोगी… शायद सदैव कहूँ तो भी गलत नहीं होगा। बस तुमसे एक विनती है कि तुम Integers अथवा Rational हो जाने की कोशिश मत करना प्लीज्। तुम वर्तमान स्वरूप में ही मेरे लिए किसी दूसरे-तीसरे Natural, Whole, Integers, Rational और Real- Complex से कम नहीं प्रिय। मैथ्स के इतने वृहत स्वरूप में अलंकृत करने का मतलब यह कतई नहीं कि तुम्हें मैं कोई बोरिंग सी प्रूफ हो जाने दूंगा। मेरे लिए तुम किसी मैथ्स सर् द्वारा दिया गया थकाऊ व पकाऊ होम वर्क अथवा Assignment कभी नहीं हो सकती। जिसे मैं किसी के दवाब में आकर सॉल्व करू अथवा रट्टा लगाऊ।
प्रिये, आजकल कच्ची-पक्की नींद में भी तुमसंग बहुत सारी बातें करते हुए तुम्हें कह-सुन लेता हूँ। कई बार सपनों में तुमसंग किये गए संवादों में, तुम अपनी या मुझ से संबंधित संदर्भों से अधिक अपनी मम्मीजी, पापाजी, छुटकू बाबू और छुटकी की गप्पें मुझसंग साझा कर लेती हो, और मैं हाँ-हाँ करते हुए सबकुछ बहुत चाव से सुन लेता हूँ।
एक्चुअली मुझे तुम्हें सुनते रहना बहुत अच्छा लगता हैं, बहुत मतलब बहुत…बहुत… बहुत… बहुत। तुम्हारी मंदिम मंदिम सी आवाज मेरे कानों में संगीत की मिश्री घोलती हैं। तुम्हारी आँखे… पिछले दिनों मैंने जैसा महसूस किया कि हमलोग आंखों-आँखों से भी बहुत सारी बातें कह-पढ़ ले रहे हैं। हमारा बैलेंस्ड Equation, इतना परफेक्ट स्वरूप धारण कर रहा हैं कि जितनी बार LHS को RHS और RHS को LHS कर लो, घंटा फर्क नहीं पड़ता। कई बार मैंने तुम्हें गणित सिखाने की थोड़ी कोशिश करी, और तुमनें मुझे बैडमिंटन में उच्च प्रतिशत से पारंगत किया हैं। दुनिया रूपी बैडमिंटन कोर्ट में रैकेट्स-कॉर्क सा रिश्ता हो चुका हैं हमारा।
मेरी प्यारी मेंटर, तुम्हारी अनुपस्थिति में आजकल तनिक भी खेलने का मन नहीं करता। बैडमिंटन पोल्स पर झूल रहे नेट को तुम्हारे जाने के बाद ही उतार दिया हैं मैंने। अब उस और जाने से भरपूर बचता हूँ। डबडबाई आंखे, मैदान के उस कोने में कॉर्क से नजरें नहीं मिला पाती और अकसर निशाना चूक जाता हैं। हालांकि तुम्हारी याद में यदा कदा, किसी शाम वहाँ अकेले नर्म घास पर बैठकर….शीतल पवन के झोकों में तुम्हें महसूस कर लेता हूँ। आसपास बिखरी रेत-धूल पर किसी तिनके व नुकीले कंकड़ के सहारे हमारा (तुम्हारा-मेरा) नाम हिंदी-अंग्रेजी में कई-कई बार लिख-लिख कर मिटा भी लेता हूँ मैं। यह सबकुछ तब तक चलता रहता हैं, जबतक आसपास हरी-नर्म घासों को चर रहीं गायों के गले में टँगी घंटी की टनटनाहट विलुप्त न हो जाती। हाँ, एक और बात बतानी थीं तुम्हें, रैकेट को डंटा कहने की आदत अबतक छुटी नहीं हैं हमारी।
पता नहीं क्यों मुझें तुम्हारे जाने के बाद से ही कुछ विचित्र क़िस्म का डर सता रहा हैं। दिन के प्रत्येक पहर देश-दुनिया में भयावहता की जो तस्वीरे सामने आ रही हैं, वो परेशान करने के लिए पर्याप्त हैं। मैंने स्वयं की चिंता आजतक कभी नहीं करी हैं, परंतु घर परिवार और मित्रों को लेकर चिंतायें स्वभाविक हैं। पारिवारिक सदस्य के रूप में जबसे तुम्हें पाया हैं, जीने की सबसे ठोस वजह भी मिल गई हैं। तुम्हें प्रत्येक कीमत पर स्वास्थ्य, खुश और सृजनशील बनी रहना हैं। घबराने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है, सब मंगल होगा। बाहर जाने पर पूर्णतया परहेज करते हुए, पूरे धैर्य संग अपना और अपनों का ख़्याल रखों।
नववर्ष विक्रम संवत 2077 पर हम दोनों को हार्दिक बधाई! यह नूतन संवत्सर हमारे जीवन में नव उत्साह, उल्लास, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर आये। तुम्हारे स्वजनों को आकाश भर शुभकामनाएं व प्रणाम!
सबके जीवन में खूब सारी सुख,समृद्धि और ऋद्धि- सिद्धि का शुभ आगमन हो
अनेकानेक प्रेम के संग तुम्हारी आवाज और मेरे पत्र का रिप्लाई सुनने-पढ़ने को आतुर….
सिर्फ और सदैव तुम्हारा,
नैंजल