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मोदी सरकार ने तीन साल पूरा होने पर देश को दिया पिंक रेवोलुशन का तोहफा

आप में से बहुत लोगो को यह शिकायत जरूर होगी कि 2014 में नरेंद्र मोदी ने जो चुनावी वायदे किये थे उनमे से बहुत सारे वादों को अब तक पूरा नही किया गया है। उन वादों में से एक सबसे बड़ा वादा था देश में पिंक रेवोलुशन लाना। पिंक रेवोल्यूशन की बात जब नरेंद्र मोदी ने कही थी तो उनका सीधा संकेत था गौवंश को कत्लखानों में जाने से रोकना।

लेकिन यह काम इतना आसान नही है। देश के प्रत्येक राज्य में कत्लखानों के नियमन को लेकर अलग कानून है और केरल व बंगाल जैसे राज्य जहां की सरकारें हिन्दू विरोधी एजेंडे पर ही सरकार चलती है वहां गौ हत्या पर पाबंद लगाना नामुमकिन है। इसलिए केंद्र सरकार अब पीछे के रास्ते से एक ऐसा कानून लेकर आए है जो कत्लखानों को तो बंद नही करेगा बल्कि कत्लखानों तक गौवंश को जाने से ही रोक देगा। यह केरल समेत पूरे देश में समान रूप से लागू हो पायेगा।

इस नए कानून के मुताबिक गाय, बैल, भैंस, बछड़ा और ऊंठ समेत सभी गौवंश के खरीद पर कड़ा नियम लागू कर दिया है जिसके तहत मवेशियो को खरीदने से पहले खरीदने वाले को यह घोषणा करनी पड़ेगी की वो उन मवेशियों किसी कत्लखानों में नही बेचेगी।

इस वक़्त गाय के कत्लखानों से जुड़े मुद्दे राज्य के अधिकार क्षेत्र में आते है पर यह नियम prevention of cruelity to animal (pca) act of 1960 के तहत लाया गया है जो कि केंद्र सरकार को अधिकार देता है कि वो जानवरो के हित के लिए कानून लाए जो कि राज्य सरकार के कानूनों के ऊपर लागू होता है।

इस नियम के तहत बताए गए बिंदु कुछ इस प्रकार है।

  • मवेशियों को खरीदने से पहले खरीदार घोषणा करेगा कि वो मवेशियों को कत्लखानों में नही बेचेगा।

  • बाजार समिति खरीदार की सभी जानकारियां अपने पास रखेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि खरीदार मवेशी खरीदते वक्त घोषणा करेगी कि वो 6 महीने तक मवेशी को नही बेचेगा और इस कानून और नियम का सख्ती से पालन करेगा।

  • कोई भी पशु मंडी अंतराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के दायरे में नही लगाया जाएगा।

  • कोई भी पशु मंडी राज्य सीमा के 25 किलोमीटर के दायरे में नही लगाया जाएगा।

  • इस कानून के तहत एक जिला स्तरीय अथॉरिटी की स्थापना होगी जो कि इस कानून की सख्ती से पालन कराएगा।

  • बाजार समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि विक्रेता जो मवेशियों को बाजार तक ला रहा है वो मवेशियों को किसी कत्लखानों के लिए न बेचे और इसके लिए विक्रेता घोषणा करेगा।

निश्चित तौर पर यह कानून गौ हत्या को रोकने और उसकी तस्करी को बंद करने के लिए एक कठोर कदम है जिसका विरोध अभी से स्लॉटर हाउस के एसोसिएशन ने करना चालू कर दिया है। साफ है इस कानून का सबसे बड़ा असर बीफ निर्यात पर और इस धंधे से जुड़े व्यापारियों पर पड़ेगा जिनमे ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल है। इसलिए आने वाले दिनों में इस पर राजनीति और विरोध होना तय है।




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