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हवाई जहाज के पीछे क्यों बनती है सफ़ेद लकीर, जाने इसका राज

 हम अपनी डेली लाइफ में कई अजीब चीजे देखते है लेकिन उन्हें जानने की कोशिस नहीं करते है। अपने बचपन के दिनों में ऊपर से जाते हवाई जहाज को देख टाटा जरूर किया है और जहाज के गुजरने के बाद, पीछे रह गयी सफ़ेद लकीर के बारे में भी खूब अनुमान लगाया है। 





क्या है हवाई जहाज की सफ़ेद लकीर का राज:

अमेरिकी स्पेस एजेंसी 'नासा' की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 'आसमान में बनने वाली इस सफेद लकीर को 'कंट्रेल्स' कहते हैं। कंट्रेल्स भी बादल ही होते हैं, लेकिन वह आम बादलों की तरह नहीं बनते। ये हवाई जहाज या रॉकेट से बनते हैं और काफी ऊंचाई पर बनते हैं'।

क्यों बनती है लकीर:

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, जमीन से करीब 8 किलोमीटर ऊपर और -40 डिग्री सेल्सियस में इस तरह के बादल बनते हैं। हवाई जहाज या रॉकेट के एग्जॉस्ट (फैन) से एरोसॉल्स (एक तरह का धुआं) ​निकलते हैं।

जब आसमान की नमी इन एरोसॉल्स से साथ जम जाती है, तो कंट्रेल्स बनते हैं। कंट्रेल्स सबसे पहले साल 1920 में दुसरे विश्व युद्ध के दौरान देखे गए थे। 


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