अगर आप नए फाइनेंशियल ईयर में टैक्स छूट के साथ-साथ मोटे रिटर्न हासिल करना चाहते है तो आपके पास एक अच्छा मौका है. क्योंकि एलएंडटी टैक्स एडवांटेज म्यूचुअल फंड ने जोरदार रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट्स ने बताया कि पिछले एक साल में इस स्कीम ने 78 फीसदी रिटर्न दिया है. वहीं, इस दौरान बेंचमार्क का रिटर्न 83.93 फीसदी और कैटेगरी का औसत 76.56 फीसदी रहा है. तीन साल में स्कीम ने 21 फीसदी रिटर्न दिया है. पांच साल में स्कीम का रिटर्न 90 फीसदी रहा.
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L&T Tax Advantage Fund Growth
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये एक ईएलएसएस फंड स्कीम है. इस स्कीम के तहत सेक्शन 80सी के तहत टैक्स सेविंग का फायदा मिलता है. निवेशक म्यूचुअल फंडों में 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है.
इसमें 500 रुपये से एसआईपी शुरू की जा सकती है. इसका एक्सपेंस रेशियो 2.0 फीसदी है. एग्जिट लोड लागू नहीं है. इसके फंड मैनेजर वेणुगोपाल मंघट और विहंग नायक हैं.
ईएलएसएस में निवेश से पहले कुछ बातों को जरूर याद रखना चाहिए. पहला, ईएलएसएस में निवेश नहीं करें क्योंकि इनमें लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता है.
आपको ईएलएसएस में सिर्फ तभी पैसा लगाना चाहिए जब आप इक्विटी स्कीम में निवेश का जोखिम ले सकते हैं. इन स्कीमों के साथ जोखिम जुड़ा होता है.
छोटी अवधि में ये अस्थिर भी हो सकती हैं. बेशक लंबी अवधि में इनमें ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता होती है. लेकिन, ईएलएसएस में निवेश का यह एकमात्र पैमाना नहीं होना चाहिए.
यदि आप जोखिम नहीं ले सकते हैं तो इनमें निवेश नहीं करें. याद रखें कि इनका ज्यादातर निवेश शेयरों में होता है. जोखिम उठाना नहीं चाहते हैं तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), 5 साल के बैंक डिपॉजिट इत्यादि जैसे भी विकल्प हैं.
क्या इस फंड में पैसा लगाना फायदेमंद है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक साल पहले इस फंड के मैनेजर बदल गए थे. लेकिन नए फंड मैनेजर का मैनेजमेंट का अच्छा रहा है.
इन्होंने कई बड़े बदलाव किए है. स्कीम का झुकाव लार्जकैप की तरफ ज्यादा है. पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड है.आने वाले दिनों में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है.
फंड ने हाल में पोर्टफोलियो में कई बदलाव किए है. नेस्ले इंडिया के शेयर को दिसंबर 2020 में शामिल किया. एचडीएफसी बैंक और एसबीआई में निवेश बढ़ाया है.
फंड में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी नहीं है. इनमें SIP भी किया जा सकता है. लेकिन, निवेश के पहले अपने रिस्क प्रोफाइल को देख लें.
इक्विटी, डेट, गोल्ड और अब तो इंटरनेशनल इंडेक्स को ट्रैक करने वाले इंडेक्स फंड भी आ गए हैं. प्रतीक ओसवाल मानते हैं कि केवल इंडेक्स फंड के जरिए भी अपने पूरे पोर्टफोलियो को डायवरसिफाई किया जा सकता है.