नई दिल्ली: पंजाब इलेक्शन के परनाम के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी हार का कारन ईवीएम मशीन में गड़बड़ी को ठहराया है | केजरीवाल ने कहा है की आप पार्टी के 20 से 25 प्रतिशत वोट अकाली भाजपा को चले गए और आप पार्टी को केवल २२ सीट ही हासिल हुए | यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक ‘‘बड़ा सवाल खड़ा’’ करता है क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए ‘‘भारी जीत’’ की भविष्यवाणी की थी |
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उन्होंने कहा, ‘‘जब आप को भारी जीत एक पूर्व निर्धारित निष्कर्ष था तो अकालियों को 30 प्रतिशत वोट कैसे मिल गए? किसी ने नहीं कहा था कि कांग्रेस इतना अच्छा प्रदर्शन करेगी और दो तिहाई बहुमत ले आएगी. हमें संदेह है कि ईवीएम में गड़बड़ी के कारण ‘आप’ के हिस्से के 20-25 प्रतिशत मत शिअद-भाजपा को चले गए.’’ गत 11 मार्च को पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद यह पहली बार है, जब केजरीवाल मीडिया से मुखातिब हुए. आप के राष्ट्रीय संयोजक ने गोवा का जिक्र नहीं किया. गोवा में आम आदमी पार्टी के हिस्से में एक भी सीट नहीं आई है.
केजरीवाल ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है की आने वाले दिल्ली के एम् सी डी चुनाव में ईवीएम मशीन की बजाये चुनाव मत पत्रों के द्वारा वोट करवाया जाये | केजरीवाल ने यह मांग की कि पंजाब में लगभग 32 स्थानों पर ईवीएम में दर्ज मतों की तुलना वीवीपीएटी :वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल: से कराई जाए, जहां पेपर ऑडिट प्रणाली सक्रिय थी |
केजरीवाल ने कहा की जिन पोलिंग स्टेशनस जहां पेपर ऑडिट प्रणाली सक्रिय थी वहां के परनाम और दूसरी जगह के परनाम में भरी अन्तर है | केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया की उनके पास इलेक्शन में हुई गड़बड़ियों के पक्के सबूत है |
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