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अधुरेे पन्‍नेे

‪#‎अधूरे_पन्ने‬
(जीवन यात्रा पर प्रकाशनाधीन पुस्तक से)
वैसे मैं ओझा डाउ तंत्र मंत्र की बातों पर विश्वास कम ही करता। लेकिन पिछले वर्ष अस्वस्थ होने के कारण दवा और दुआ का दौर निरंतर चलता रहा है । वर्ष अप्रैल 2014 में गंभीर रूप से अस्वस्थ हुआ था दुसरे शब्दों में कहूँ तो मैंने मौत का साक्षात्कार किया । मेरे विद्यालय के सहयोगियों ने समय रहते मुझे स्थानीय अस्पताल पहुंचा कर चिकित्सा सहायता प्रदान की जिससे मैं स्वस्थ हो पाया।
दवा और दुआ सफर साथ साथ रहा । ग्रहों की दशा और दिशा जानने का प्रयास भी किया गया किसी ने कहा की किसी ओझा से भी बातचीत जरुर करें । बातचीत की गई तो बताया गया की आप पर नारसिंह लगाया गया है । किसने लगाया है ?इसका मात्र संकेत दिया गया की कोई औरत है जो आपको समाप्त करना चाहती है । अब मैं उस औरत को कहाँ खोजू और पुछू की बता मेरी खता क्या है है?
सोचता रहा इस पर विश्‍वास किया जाए या नहीं । मैं तो मात्र इतना समझता हूँ की देवी देवता किसी का अहित नहीं करते तो मेरा भी नहीं करेगें ।


‪#‎अधूरे_पन्ने‬
(जीवन यात्रा पर प्रकाशनाधीन पुस्तक से)
शाम कार्यालय से निकला ही था कि मदिरा पान किये एक व्यक्ति मिल गया। किसी वाहन को चलाता है शायद । आज छुट्टी थी उसकी। देखते ही आत्मीयता दिखाते मुझसे चिपक ही गया। घर की जल्दी ऊपर से हाथ न छोड़े। मैं मात्र हाँ जी हाँ जी करता छूटने की कोशिश करता रहा।
कहने लगा मास्टर जी आप बहुत अच्छे है लेकिन मैं बीन्ड(पंगेबाज) बन्दा हूँ । किसी तरह हाथ छुड़ा निकला और सोचता रहा ऐसे ही बीन्ड बंदे कभी भी कुछ कर सकते हैं । मास्टर तो एक निरीह प्राणी है उसकी औकात क्या?


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