एक बार फिर नितिन गडकरी सुर्ख़ियों में है इन्होने भारत के अल्पसंख्यकों को संशोधित नागरिकता कानून से डरने की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां जो वोट बैंक की राजनीति करना चाहती हैं वे डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही हैं। सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री गडकरी ने कहा कि इस तरह की ताकतें जानबूझकर कानून के बारे में “गलतफहमी” पैदा करने के प्रयास कर रही हैं।
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गडकरी ने कहा कि यह कानून विदेशियों के खिलाफ है न कि भारतीय नागरिकों के. लोगों को कानून के बारे में जानबूझकर गलतफहमी पैदा कर उकसाया जा रहा है। जो कोई भी भारतीय नागरिक हैं, किसी भी धर्म, जाति या लिंग के हों- हमने इस तरह के भेदभाव का कभी समर्थन नहीं किया और न ही कभी करेंगे। CAA अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है, उन्होंने कहा कि जबसे बीजेपी केंद्र में सत्ता में आई है, तब से, कुछ राजनीतिक दल हैं जो यह कह कर अल्पसंख्यकों के बीच डर पैदा कर रहे हैं कि भाजपा अल्पसंख्यकों के खिलाफ है या उन्हें बाहर निकाल देगी जो कि सच नहीं है।
नितिन गडकरी ने कहा कि डर पैदा करना कुछ विपक्षी दलों की राजनीति का हिस्सा है जो “वोट बैंक की राजनीति” करना चाहते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि यह लोकतंत्र के लिए या राष्ट्रीय हित या देश की एकता एवं अखंडता के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक साधारण सी बात है कि कोई भी देश अवैध शरणार्थियों का कालीन बिछा कर स्वागत नहीं करता है। उन्होंने कहा कि आपको पता होना चाहिए कि असम में पूर्व में आंदोलन इसलिए हुआ था क्योंकि बड़े पैमाने पर अवैध शरणार्थी देश में घुस रहे थे।
बाद में वोट बैंक की राजनीति के चलते उन्हें वोट डालने का अधिकार दिया गया. उनमें से कुछ संसद और विधानसभाओं में पहुंच गए. गडकरी ने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में, हिंदुओं, जैनों, सिखों और बौद्धों की संख्या पिछले 40-50 साल में बहुत कम हुई है क्योंकि उनके साथ वहां अन्याय हुआ। उन्होंने कहा कि उनके पास शरण लेने के लिए कोई दूसरा देश नहीं था। अगर वह हमारे पास आते हैं तो हम उन्हें नागरिकता देंगे और ये स्वाभाविक है कि कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में हजारों लोग हैं और उन्हें नागरिकता देने में कोई नुकसान नहीं है।
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